"गोकुलनाथ गोस्वामी": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कात्या सिंह (वार्ता | योगदान) ('वल्लभ सम्प्रदाय की आचार्य परम्परा के प्रसिद्ध प्...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
[[वल्लभ सम्प्रदाय]] की आचार्य परम्परा के | {{सूचना बक्सा प्रसिद्ध व्यक्तित्व | ||
*इनका जन्म | |चित्र=blankimage.png | ||
*इनके संप्रदाय में ठाकुर जी की मूर्ति की पूजा नहीं होती, केवल गद्दी या पीठ की पूजा होती है। इस संबंध में प्रचलित है कि इनके जन्म के समय विठ्लनाथ जी ठाकुर जी की सेवा कर रहे थे। पुत्र जन्म के समाचार से उन्हें अपनी सेवा स्थगित करनी पडी। इस पर | |चित्र का नाम= | ||
|पूरा नाम=गोकुलनाथ गोस्वामी | |||
|अन्य नाम= | |||
|जन्म=[[संवत]] 1608 | |||
|जन्म भूमि= | |||
|मृत्यु=संवत 1697 | |||
|मृत्यु स्थान= | |||
|अविभावक=[[विट्ठलनाथ|गोस्वामी विट्ठलनाथ]] (पिता) | |||
|पति/पत्नी= | |||
|संतान= | |||
|गुरु= | |||
|कर्म भूमि= | |||
|कर्म-क्षेत्र= | |||
|मुख्य रचनाएँ= | |||
|विषय= | |||
|खोज= | |||
|भाषा= | |||
|शिक्षा= | |||
|विद्यालय= | |||
|पुरस्कार-उपाधि= | |||
|प्रसिद्धि=[[वल्लभ सम्प्रदाय]] की आचार्य परम्परा के प्रसिद्ध प्रचारक | |||
|विशेष योगदान= | |||
|नागरिकता=भारतीय | |||
|संबंधित लेख= | |||
|शीर्षक 1= | |||
|पाठ 1= | |||
|शीर्षक 2= | |||
|पाठ 2= | |||
|शीर्षक 3= | |||
|पाठ 3= | |||
|शीर्षक 4= | |||
|पाठ 4= | |||
|शीर्षक 5= | |||
|पाठ 5= | |||
|अन्य जानकारी=गोकुल नाथ जी के अनुयायी 'भढूची वैष्णव' कहलाते थे। | |||
|बाहरी कड़ियाँ= | |||
|अद्यतन= | |||
}} | |||
'''गोकुलनाथ गोस्वामी''' [[वल्लभ सम्प्रदाय]] की आचार्य परम्परा के प्रसिद्ध प्रचारक थे जो अपने [[पिता]] [[विट्ठलनाथ|गोस्वामी विट्ठलनाथ]] के चौथे [[पुत्र]] और [[बल्लभाचार्य|श्रीमद बल्लभाचार्य महाप्रभु]] के पौत्र थे। | |||
*इनका जन्म अड़ैल में [[सम्वत]] 1608 और निधन 1697 में हुआ। | |||
*इनके संप्रदाय में ठाकुर जी की मूर्ति की पूजा नहीं होती, केवल गद्दी या पीठ की पूजा होती है। इस संबंध में प्रचलित है कि इनके जन्म के समय विठ्लनाथ जी ठाकुर जी की सेवा कर रहे थे। पुत्र जन्म के समाचार से उन्हें अपनी सेवा स्थगित करनी पडी। इस पर उन्होंने कहा कि इसके जन्म के कारण मुझे सेवा स्थगित करनी पड़ी, इसलिये इसके अनुयायी ठाकुर जी की सेवा से वंचित रहेंगे। | |||
*गोकुल नाथ जी के अनुयायी 'भढूची वैष्णव' कहलाते थे। | *गोकुल नाथ जी के अनुयायी 'भढूची वैष्णव' कहलाते थे। | ||
*आपकी ख्याति संप्रदाय के प्रचारक के रूप में है। | *आपकी ख्याति संप्रदाय के प्रचारक के रूप में है। | ||
*आपके उपदेशों के दो संकलन प्रसिद्ध हैं-[[चौरासी | *आपके उपदेशों के दो संकलन प्रसिद्ध हैं-[[वैष्णवन की वार्ता|चौरासी वैष्णवन की वार्ता]] और दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता।<ref>{{cite book | last =शर्मा 'पर्वतीय' | first =लीला धर| title =भारतीय चरित कोश| edition = | publisher =शिक्षा भारती, कश्मीरी गेट, दिल्ली| location =भारत डिस्कवरी पुस्तकालय| language =हिंदी| pages =242| chapter =}} </ref> | ||
13:24, 23 अप्रैल 2013 का अवतरण
गोकुलनाथ गोस्वामी
| |
पूरा नाम | गोकुलनाथ गोस्वामी |
जन्म | संवत 1608 |
मृत्यु | संवत 1697 |
प्रसिद्धि | वल्लभ सम्प्रदाय की आचार्य परम्परा के प्रसिद्ध प्रचारक |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | गोकुल नाथ जी के अनुयायी 'भढूची वैष्णव' कहलाते थे। |
गोकुलनाथ गोस्वामी वल्लभ सम्प्रदाय की आचार्य परम्परा के प्रसिद्ध प्रचारक थे जो अपने पिता गोस्वामी विट्ठलनाथ के चौथे पुत्र और श्रीमद बल्लभाचार्य महाप्रभु के पौत्र थे।
- इनका जन्म अड़ैल में सम्वत 1608 और निधन 1697 में हुआ।
- इनके संप्रदाय में ठाकुर जी की मूर्ति की पूजा नहीं होती, केवल गद्दी या पीठ की पूजा होती है। इस संबंध में प्रचलित है कि इनके जन्म के समय विठ्लनाथ जी ठाकुर जी की सेवा कर रहे थे। पुत्र जन्म के समाचार से उन्हें अपनी सेवा स्थगित करनी पडी। इस पर उन्होंने कहा कि इसके जन्म के कारण मुझे सेवा स्थगित करनी पड़ी, इसलिये इसके अनुयायी ठाकुर जी की सेवा से वंचित रहेंगे।
- गोकुल नाथ जी के अनुयायी 'भढूची वैष्णव' कहलाते थे।
- आपकी ख्याति संप्रदाय के प्रचारक के रूप में है।
- आपके उपदेशों के दो संकलन प्रसिद्ध हैं-चौरासी वैष्णवन की वार्ता और दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता।[1]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शर्मा 'पर्वतीय', लीला धर भारतीय चरित कोश (हिंदी)। भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: शिक्षा भारती, कश्मीरी गेट, दिल्ली, 242।
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख