"वेंगुरला": अवतरणों में अंतर
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*वेंगुरला का परिवेश समुद्री डाकुओं के लिए भी यह अच्छा आश्रय स्थल था। | *वेंगुरला का परिवेश समुद्री डाकुओं के लिए भी यह अच्छा आश्रय स्थल था। | ||
*वर्ष 1638 ई. में डचों का यहाँ पर एक व्यापारिक आवास स्थल भी थी। | *वर्ष 1638 ई. में डचों का यहाँ पर एक व्यापारिक आवास स्थल भी थी। | ||
*इतिहास प्रसिद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1660 ई. में यहाँ पर एक रक्षक सेना को रखा था और विद्रोह करने के दण्डस्वरूप इस शहर को 1664 ई. में नष्ट कर जला डाला गया। कालांतर में 1675 ई. में [[मुग़ल|मुग़लों]] ने इसे पुनःजलाया। | *[[इतिहास]] प्रसिद्ध [[छत्रपति शिवाजी महाराज]] ने 1660 ई. में यहाँ पर एक रक्षक सेना को रखा था और विद्रोह करने के दण्डस्वरूप इस शहर को 1664 ई. में नष्ट कर जला डाला गया। कालांतर में 1675 ई. में [[मुग़ल|मुग़लों]] ने इसे पुनःजलाया। | ||
*आगे के समय में 1772 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] ने यहाँ पर अपना कारख़ाना स्थापित किया। | *आगे के समय में 1772 ई. में [[अंग्रेज़|अंग्रेजों]] ने यहाँ पर अपना कारख़ाना स्थापित किया। | ||
*वेंगुरला के समुद्र तट के कुछ स्थानों का उपयोग कछुए अंडे देने के लिए करते हैं। यह स्थान [[मुम्बई]] से करीब 425 किलोमीटर दूर है। | *वेंगुरला के समुद्र तट के कुछ स्थानों का उपयोग कछुए अंडे देने के लिए करते हैं। यह स्थान [[मुम्बई]] से करीब 425 किलोमीटर दूर है। |
08:31, 18 जून 2013 का अवतरण
वेंगुरला महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरि ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। अब यह स्थान एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी बन चुका है। वेंगुरला के समुद्र तट के कुछ स्थानों का उपयोग कछुए अंडे देने के लिए करते हैं।
- मध्य काल में वेंगुरला एक सैनिक छावनी के रूप में विकसित हुआ था। यह एक बड़ा व्यापारिक केन्द्र हुआ करता था।
- वेंगुरला का परिवेश समुद्री डाकुओं के लिए भी यह अच्छा आश्रय स्थल था।
- वर्ष 1638 ई. में डचों का यहाँ पर एक व्यापारिक आवास स्थल भी थी।
- इतिहास प्रसिद्ध छत्रपति शिवाजी महाराज ने 1660 ई. में यहाँ पर एक रक्षक सेना को रखा था और विद्रोह करने के दण्डस्वरूप इस शहर को 1664 ई. में नष्ट कर जला डाला गया। कालांतर में 1675 ई. में मुग़लों ने इसे पुनःजलाया।
- आगे के समय में 1772 ई. में अंग्रेजों ने यहाँ पर अपना कारख़ाना स्थापित किया।
- वेंगुरला के समुद्र तट के कुछ स्थानों का उपयोग कछुए अंडे देने के लिए करते हैं। यह स्थान मुम्बई से करीब 425 किलोमीटर दूर है।
- 'सहयाद्रि निसर्ग मित्र' एक अन्य कछुआ उत्सव रत्नागिरी ज़िले में पिछले पांच सालों से फ़रवरी महीने में आयोजित करता है।
- वेंगुरला में सात प्रजातियों के कछुए अंडे देते हैं। इनमें विशालकाय समुद्री हरा कछुआ और ओलिव रिड्लेज कछुआ भी शामिल हैं।
- कछुओं के अंडा देने का समय हर साल नवम्बर से अगले साल फ़रवरी माह के बीच होता है और इसमें मौसमी कारणों से कुछ पहले या देरी हो सकती है।
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