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| ||[[चित्र:Sachin-Tendulkar-4.jpg|right|80px|सचिन तेन्दुलकर]][[क्रिकेट]] एक बल्ले व [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] से ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच एक बड़े मैदान में खेला जाने वाला खेल है। मुख्यतः यह एक बाहरी (आउटडोर) खेल है, जिसके कुछ मुक़ाबले कृत्रिम प्रकाश (फ्लड लाइट्स) की रौशनी में भी खेले जाते हैं। क्रिकेट के खेल का इतिहास 16वीं शताब्दी से आज तक अत्यन्त विस्तृत रूप में विद्यमान है। पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 के बाद खेला गया, यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट क्रिकेट मैच]] [[1877]] से प्रारम्भ हुए। इस समय से यह खेल मूल रूप से [[इंग्लैंड]] में विकसित हुआ, जो कि अब पेशेवर रूप में अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में खेला जाता है। [[इंग्लैंड]], [[ऑस्ट्रेलिया]], [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[पाकिस्तान]], न्यूजीलैंड, जिम्वावे आदि देशों में [[क्रिकेट]] बहुत खेला जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टेस्ट क्रिकेट]] | | ||[[चित्र:Sachin-Tendulkar-4.jpg|right|80px|सचिन तेन्दुलकर]][[क्रिकेट]] एक बल्ले व [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] से ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ियों के दो दलों के बीच एक बड़े मैदान में खेला जाने वाला खेल है। मुख्यतः यह एक बाहरी (आउटडोर) खेल है, जिसके कुछ मुक़ाबले कृत्रिम प्रकाश (फ्लड लाइट्स) की रौशनी में भी खेले जाते हैं। क्रिकेट के खेल का इतिहास 16वीं शताब्दी से आज तक अत्यन्त विस्तृत रूप में विद्यमान है। पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 1844 के बाद खेला गया, यद्यपि आधिकारिक रूप से अंतरराष्ट्रीय [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट क्रिकेट मैच]] [[1877]] से प्रारम्भ हुए। इस समय से यह खेल मूल रूप से [[इंग्लैंड]] में विकसित हुआ, जो कि अब पेशेवर रूप में अधिकांश राष्ट्रमंडल देशों में खेला जाता है। [[इंग्लैंड]], [[ऑस्ट्रेलिया]], [[भारत]], [[श्रीलंका]], [[पाकिस्तान]], न्यूजीलैंड, जिम्वावे आदि देशों में [[क्रिकेट]] बहुत खेला जाता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[टेस्ट क्रिकेट]] |
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| {[[पूर्वी भारत]] और [[बांग्लादेश]] में किस खेल को "हा-दो-दो" के नाम से जाना जाता है?
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| -कुश्ती
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| +[[कबड्डी]]
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| -[[तैराकी]]
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| -[[खो-खो]]
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| ||[[चित्र:Kabaddi-6.JPG|right|100px|कबड्डी मैच का दृश्य]]'कबड्डी' एक सामूहिक खेल है, जो प्रमुख रूप से [[भारत]] में खेला जाता है। कबड्डी नाम का प्रयोग प्राय: [[उत्तर भारत]] में किया जाता है। इस खेल को [[दक्षिण भारत]] में 'चेडुगुडु' और पूरब में 'हु तू तू' के नाम से जानते हैं। भारत के साथ पड़ोसी देशों में भी कबड्डी खेली जाती है। विभिन्न क्षेत्रों में इसके अलग-अलग नाम हैं, जैसे- [[पश्चिमी भारत]] में 'हु-तू-तू', [[पूर्वी भारत]] और [[बांग्लादेश]] में 'हा-दो-दो'; [[श्रीलंका]] में 'गुड्डु' और थाईलैंण्ड में 'थीचुब'। यद्यपि यह खेल थोड़ी भिन्नता के साथ खेला जाता है, पर शत्रु क्षेत्र में आक्रमण का मूलतंत्र सभी में समान रहता है। इस खेल में एक खिलाड़ी द्वारा विरोधी दल के पाले (क्षेत्र) में 'कबड्डी,कबड्डी' या 'हु-तू-तू' दोहराया जाता है। विरोधी दल के खिलाड़ियों को छूने के प्रयास में तेज़ी से घूमता है और वापस अपने पाले (क्षेत्र) में आ जाता है; यह सभी एक ही साँस में और विरोधियों की गिरफ़्त से बचकर होना चाहिए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कबड्डी]]
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| {निम्न में से किस खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है?
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| +[[बैडमिंटन]]
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| -[[टेबल टेनिस]]
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| -[[स्नूकर]]
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| -[[बास्केटबॉल]]
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| ||[[चित्र:Racket-Shuttlecock.jpg|right|100px|शटलकॉक और रैकेट]]'बैडमिंटन' रैकेट से खेला जाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय खेल है। [[बैडमिंटन]] महान उत्साह और रोमांच का खेल है, क्योंकि एक छोटी-सी चिड़िया या शटलकॉक एक मैच में जीत या हार के बिंदु के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। बैडमिंटन खेल को 'पूना' के नाम से भी जाना जाता है। इस खेल की शुरुआत 19वीं सदी में हुई थी। सन् [[1860]] में यह खेल सर्वप्रथम 'बैडमिंटन हाउस' में प्रस्तुत किया गया, जहाँ इस खेल को अधिकारिक रूप से '[[बैडमिंटन]]' का नाम दिया गया। सन् [[1887]] तक यह खेल [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार [[इंग्लैंड]] में खेला जाता रहा। 'बैडमिंटन एसोशिएसन ऑफ़ इंग्लैंड' ने सन् [[1893]] में बैडमिंटन खेलने के नियम बनाए और [[1899]] में विश्व की पहली चैम्पियनशिप 'ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप' की शुरुआत की।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बैडमिंटन]]
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| {निम्न खिलाड़ियों में से कौन 'सनी डेज़' नामक पुस्तक का लेखक है?
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| -[[रवि शास्त्री]]
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| -[[कपिल देव]]
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| +[[सुनील गावस्कर]]
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| -[[सी. के. नायडू]]
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| ||[[चित्र:Sunil-Gavaskar-2.jpg|right|80px|सुनील गावस्कर]]सुनील गावस्कर वर्तमान युग में [[क्रिकेट]] के महान बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। [[सुनील गावस्कर]] के बारे में एक आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि वह अपने शरीर को हष्ट-पुष्ट और ठीक-ठाक रखने के लिए क्रिकेट के मैदान से सीधे [[बैडमिंटन]] के मैदान में पहुँच जाते हैं। पुस्तकें पढ़ने और [[संगीत]] सुनने का उन्हें बहुत शौक़ है। उन्होंने स्वयं भी 'सनी डेज़' नामक एक पुस्तक लिखी है और हमेशा लोगों से क्रिकेट की शब्दावली में बात करते हैं। [[सुनील गावस्कर]] विश्व क्रिकेट में 10,000 रन और 30 शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ थे। [[भारत]] में सुनील गावस्कर को वर्ष [[1975]] में '[[अर्जुन पुरस्कार]]' एवं [[1980]] में '[[पद्म भूषण]]' प्राप्त हुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुनील गावस्कर]]
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| {[[कपिल देव]] ने अपना पहला [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट क्रिकेट मैच]] कहाँ पर खेला था?
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| |type="()"}
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| -[[ऑस्ट्रेलिया]]
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| -[[इंग्लैण्ड]]
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| +[[पाकिस्तान]]
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| -[[हैदराबाद]]
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| ||[[चित्र:Kapil-Dev.jpg|right|100px|कपिल देव]]'कपिल देव' [[भारत]] के प्रथम [[क्रिकेट]] विश्व कप विजेता दल के कप्तान एवं सफलतम हरफनमौला खिलाड़ी हैं। उनका खेल और उनके आँकड़े इस बात के प्रमाण हैं कि वे एक श्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी हैं। [[कपिल देव]] ने सन् [[1978]] में [[पाकिस्तान]] में प्रथम [[टेस्ट क्रिकेट|टेस्ट मैच]] खेला था। वे [[गेंद (क्रिकेट)|गेंद]] को सही दिशा देने में माहिर थे। भारतीय क्रिकेट दल में मध्यम तीव्र गति के एक गेंदबाज़ की कमी को उन्होंने बहुत हद तक दूर कर दिया था। कपिल अपनी प्रभावशाली मध्यम गति की गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी से विश्व के सफलतम हरफनमौला (आलराउंडर) बने। वे [[इंग्लैंड]] के [[क्रिकेट]] खिलाड़ी इयान बॉथम के बाद विश्व के ऐसे दूसरे आलराउंडर हैं, जिन्होंने 83 मैचों में 300 विकेट लेकर तथा 3000 से अधिक रन बनाकर दोहरी सफलता प्राप्त की थी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कपिल देव]]
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| {वर्ष [[2001]] में [[भारत]] के लिए 'ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप' किस खिलाड़ी ने जीती?
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| -[[विजय अमृतराज]]
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| -[[प्रकाश पादुकोण]]
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| +[[पुलेला गोपीचंद]]
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| -इनमें से कोई नहीं
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| ||[[चित्र:Pullela Gopichand.jpg|right|100px|पुलेला गोपीचंद]]'पुलेला गोपीचंद' ने वर्ष [[1991]] से [[भारत]] के लिए [[बैडमिंटन]] खेलना आरम्भ किया था। उन्होंने कई टूर्नामेंट में विजय हासिल कर भारत को गौरवांवित किया है। [[प्रकाश पादुकोण]] के रिटायर होने के पश्चात, जब भारत में कोई उत्तम [[बैडमिंटन]] खिलाड़ी बचा ही नहीं था, तब [[पुलेला गोपीचंद]] का आगमन हुआ था, जिसमें बैडमिंटन की असीम संभावनाएँ दिखाई दीं। अतः प्रकाश पादुकोण के बाद आगे बढ़ कर चमकने वाले बैंडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद ही है। [[11 मार्च]], [[2001]] को 'ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप' जीत कर [[भारत]] के स्टार शटलर पुलेला गोपीचंद ने भारतीय खेल जगत में एक नया [[इतिहास]] लिख डाला। इससे 21 वर्ष पूर्व प्रकाश पादुकोण ने भारत में बैडमिंटन की ऊँचाइयों को छुआ था।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[पुलेला गोपीचंद]]
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