"बंबई हिन्दी विद्यापीठ": अवतरणों में अंतर
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* विद्यापीठ ने लगभग एक सौ पुस्तक प्रकाशित की हैं। | * विद्यापीठ ने लगभग एक सौ पुस्तक प्रकाशित की हैं। | ||
* विद्यापीठ का अपना पुस्तकालय है और इस समय इसमें 8,000 से भी अधिक पुस्तकें संग्रहीत हैं। | * विद्यापीठ का अपना पुस्तकालय है और इस समय इसमें 8,000 से भी अधिक पुस्तकें संग्रहीत हैं।<ref>{{cite web |url=http://www.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80_%E0%A4%95%E0%A5%80_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%9A%E0%A5%8D%E0%A4%9B%E0%A4%BF%E0%A4%95_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A5%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%81_-%E0%A4%B6%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%B5_%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%82%E0%A4%A2%E0%A5%87 |title=हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ |accessmonthday=25 मार्च |accessyear=2014 |last=लोंढे |first=शंकरराव |authorlink= |format= |publisher=भारतकोश |language= हिंदी}}</ref> | ||
13:49, 25 मार्च 2014 के समय का अवतरण
बंबई हिन्दी विद्यापीठ महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित एक हिंदी सेवी संस्था है।
स्थापना
12 अक्तूबर, 1938 को बंबई हिन्दी विद्यापीठ की स्थापना बंबई (अब मुम्बई) नगर में हुई। उस समय बंबई में हिन्दी प्रचार कार्य केवल पेरीन बहन केप्टन की देखरेख में होता, जहाँ हिन्दी के साथ उर्दू भी अनिवार्य थी। सरल व बोलचाल की भाषा के प्रचार हेतु प्रचारकों के सहयोग से ‘बंबई हिन्दी विद्यापीठ’ की स्थापना हुई। हिन्दी के अध्ययन केंद्र चलाना, पाठ्य पुस्तकें प्रकाशित करना तथा प्रचार परीक्षाओं के परीक्षा केंद्र स्थापित करके परीक्षाएँ लेना संस्था की प्रारंभिक गतिविधियाँ थीं और प्रचार क्षेत्र बंबई नगर-उपनगर था।
विशेषताएँ
- बंबई हिन्दी विद्यापीठ की ओर से संचालित परीक्षाओं में मान्य स्तर व उपाधि परीक्षाओं में हिन्दी उत्तमा को मैट्रिक (हिन्दी स्तर), हिन्दी-भाषा रत्न को इंटर (हिन्दी स्तर) तथा साहित्य सुधारक परीक्षा को बी.ए. (हिन्दी स्तर) को मान्यता केंद्र सरकार एवं अनेक राज्य सरकारों द्वारा प्राप्त है।
- विद्यापीठ ने अब तक 10 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को हिन्दी-ज्ञान प्रदान करके राष्ट्र भाषा की सेवा की है।
- विद्यापीठ की मुख्य मासिक पत्रिका ‘भारती’ है।
- विद्यापीठ ने लगभग एक सौ पुस्तक प्रकाशित की हैं।
- विद्यापीठ का अपना पुस्तकालय है और इस समय इसमें 8,000 से भी अधिक पुस्तकें संग्रहीत हैं।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ लोंढे, शंकरराव। हिन्दी की स्वैच्छिक संस्थाएँ (हिंदी) भारतकोश। अभिगमन तिथि: 25 मार्च, 2014।
बाहरी कड़ियाँ
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