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|चित्र का नाम=विद्याशंकर मंदिर, श्रृंगेरी
|विवरण='विद्याशंकर मंदिर' कर्नाटक के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं, जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं।
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==इतिहास==
==इतिहास==

12:09, 13 अप्रैल 2014 का अवतरण

विद्याशंकर मंदिर, श्रृंगेरी
विद्याशंकर मंदिर, श्रृंगेरी
विद्याशंकर मंदिर, श्रृंगेरी
विवरण 'विद्याशंकर मंदिर' कर्नाटक के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं, जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं।
नगर श्रृंगेरी
राज्य कर्नाटक
निर्माणकर्ता विद्यारान्य ऋषि
विशेष मंदिर विद्यातिर्थ रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।
संबंधित लेख कर्नाटक, श्रृंगेरी, कर्नाटक की संस्कृति
अन्य जानकारी मंदिर के गर्भगृह में देवी दुर्गा और भगवान विद्यागणेश की मूर्तियों को देखा जा सकता है। इस पर सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं।

विद्याशंकर मंदिर श्रृंगेरी, कर्नाटक में स्थित है। यह विशाल मंदिर कर्नाटक के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। माना जाता है कि 'विद्यारान्य' नाम के एक ऋषि ने इस मंदिर का निर्माण कराया था। यहाँ आने वाले पर्यटक कई शिलालेख भी यहाँ देख सकते हैं, जो भारतीय इतिहास के प्रसिद्ध 'विजयनगर साम्राज्य' के योगदान को दर्शाते हैं। मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस पर सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ाते हैं।

इतिहास

श्रृंगेरी कि यात्रा पर आने वाले यात्रियों को 'विद्याशंकर मंदिर' अवश्य देखना चाहिए। इस तीर्थ स्थल का निर्माण 1338 ई. में 'विद्यारान्य' नाम के एक ऋषि द्वारा किया गया था, जो विजयनगर साम्राज्य के संस्थापकों के लिए संरक्षक थे और 14वीं सदी में यहाँ रहते थे। यह मंदिर द्रविड़, चालुक्य, दक्षिणी भारतीय और विजयनगर स्थापत्य शैली को दर्शाता है। पर्यटक यहाँ कई शिलालेख देख सकते हैं, जो विजयनगर साम्राज्य के योगदान को दर्शाते हैं।[1]

बारह स्तम्भ

इस आयताकार मंदिर में 12 खंभे शामिल हैं, जो कि राशि चक्र के खंभे के रूप में प्रसिद्ध हैं। इन सभी स्तंभों पर बारह राशियों की नक्काशियाँ प्रदर्शित की गई हैं, जिनकी रूपरेखा खगोलीय अवधारणाओं को विचार में रखकर तैयार की गई थी। एक गर्भगृह, जहाँ देवी दुर्गा और भगवान विद्यागणेश की मूर्तियों को देखा जा सकता है, मंदिर में मौजूद है। इसके अलावा भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान महेश्वर की मूर्तियां, उनकी पत्नियों की मूर्तियों के साथ गर्भगृह में देखे जा सकता है।

वास्तुकला

मंदिर के केन्द्रीय छत कि एक अन्य प्रमुख विशेषता यह है कि इस पर सुंदर वास्तुकला प्रदर्शित कि गयी है। इस स्थल पर छतें ढालवां मोड़ के लिए जानी जाती हैं। मंदिर के तहखाने में भगवान शिव, भगवान विष्णु, दशावतार, शंमुखा, देवी काली और विभिन्न प्रकार के जानवरों के सुंदर आंकड़े स्थापित किये गये हैं। यह मंदिर विद्यातिर्थ रथोत्सव के उत्सव के लिए जाना जाता है, जो कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के दौरान आयोजित किया जाता है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. विद्याशंकर मंदिर (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 13 अप्रैल, 2014।

संबंधित लेख