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'''वंश भास्कर''' [[राजस्थान]] के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है, जिसकी रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा उन्नीसवीं [[शताब्दी]] में की गई थी। | '''वंश भास्कर''' [[राजस्थान]] के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है, जिसकी रचना [[चारण]] कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा उन्नीसवीं [[शताब्दी]] में की गई थी। | ||
*कवि सूर्यमल [[बूँदी राजस्थान|बूँदी]] के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी [[कवि]] थे। | *कवि सूर्यमल [[बूँदी राजस्थान|बूँदी]] के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी [[कवि]] थे। |
09:12, 22 जुलाई 2014 का अवतरण
वंश भास्कर राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है, जिसकी रचना चारण कवि सूर्यमल्ल मिश्रण द्वारा उन्नीसवीं शताब्दी में की गई थी।
- कवि सूर्यमल बूँदी के हाड़ा शासक महाराव रामसिंह के दरबारी कवि थे।
- 19वीं शताब्दी में रचित इस पिंगल काव्य ग्रंथ में बूँदी राज्य का विस्तृत, ऐतिहासिक एवं उत्तरी भारत का इतिहास तथा राजस्थान में मराठा विरोधी भावना का उल्लेख किया गया है।
- 'वंश भास्कर' को पूर्ण करने का कार्य कवि सूर्यमल के दत्तक पुत्र मुरारीदान ने किया था।
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