"ग्रीष्म ऋतु": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Adding category Category:पर्यावरण और जलवायु (को हटा दिया गया हैं।))
पंक्ति 14: पंक्ति 14:
[[Category:ऋतुएँ]]
[[Category:ऋतुएँ]]
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:पर्यावरण और जलवायु]]
__INDEX__
__INDEX__

12:06, 28 अगस्त 2014 का अवतरण

ग्रीष्म ऋतु भारत की प्रमुख 4 ऋतुओं में से एक ऋतु है। ग्रीष्म ऋतु में मानूसन के आगमन के पूर्व पश्चिमी तटीय मैदानी भागों में भी कुछ वर्षा प्राप्त होती है, जिसे 'मैंगों शावर' कहा जाता है। इसके अतिरिक्त असम तथा पश्चिम बंगाल राज्यों में भी तीव्र एवं आर्द्र हवाएं चलने लगती हैं, जिनसे गरज के साथ वर्षा हो जाती है। यह वर्षा असम में 'चाय वर्षा' कहलाती है। इन हवाओं को 'नारवेस्टर' अथवा 'काल वैशाखी' के नाम से जाना जाता है। यह वर्षा पूर्व-मानसून वर्षा कहलाती है।

समय

भारत में सामान्यतया 15 मार्च से 15 जून तक ग्रीष्म मानी जाती है। इस समय तक सूर्य भूमध्य रेखा से कर्क रेखा की ओर बढ़ता है, जिससे सम्पूर्ण देश में तापमान में वृद्धि होने लगती है। इस समय सूर्य के कर्क रेखा की ओर अग्रसर होने के साथ ही तापमान का अधिकतम बिन्दु भी क्रमशः दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ता जाता है और मई के अन्त में देश के उत्तरी-पश्चिमी भाग में यह 480 सें.गे. तक पहुँच जाता है। इस समय उत्तरी भारत अधिकतम तापमान तथा न्यूनतम वायुदाब के क्षेत्र में परिवर्तित होने लगता है। उत्तर-पश्चिमी भारत में स्थित थार मरुस्थल पर मिलने वाला न्यूनतम वायुदाब क्षेत्र बढ़कर सम्पूर्ण छोटा नागपुर पठार को भी आवृत कर लेता है, जिसके कारण स्थानीय एवं सागरीय आर्द्र हवाओं का परिसंचरण इस ओर प्रारम्भ हो जाता है और स्थानीय प्रबल तूफानों का जन्म होता है। मूसलाधर वर्षा एवं ओलों के गिरने यहाँ तीव्रगति वाले प्रचण्ड तूफान भी बन जाते हैं, जिनका कारण स्थलीय गर्म एवं शुष्क वायु का सागरीय आर्द्र वायु से मिलना है।

मौसम

उत्तर पश्चिमी भारत के शुष्क भागों में इस समय चलने वाली गर्म एवं शुष्क हवाओं को 'लू' कहा जाता है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रायः शाम के समय धूल भरी आँधियाँ आती है, जिनके कारण दृश्यता तक कम हो जाती है। धूल की प्रकृति एवं रंग के आधार पर इन्हें काली अथवा पीली आँधियां कहा जाता है। सामुद्रिक प्रभाव के कारण दक्षिण भारत में इन गर्म पवनों तथा आँधियों का अभाव पाया जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख