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|[[राजस्थान]] ([[साम्भर]]) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
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|[[मेहरगढ़]] ([[सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), [[बुर्जहोम]] ([[कश्मीर]])
|[[मेहरगढ़]] ([[सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), [[बुर्जहोम]] ([[कश्मीर]]) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।  
|भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।  
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|[[बागोर]] ([[भीलवाड़ा]]) तथा [[आदमगढ़]] ([[होशंगाबाद]]) के निकट आखेटकों द्वारा  
|[[बागोर]] ([[भीलवाड़ा]]) तथा [[आदमगढ़]] ([[होशंगाबाद]]) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
|भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
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|खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
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|[[सिंधु घाटी]]  
|[[सिंधु घाटी]] में पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
|पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
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|रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
|रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
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|2250–2000 ई.पू.
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|[[हड़प्पा]] सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
|हड़प्पा सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
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|भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, [[गंगा मैदान]] में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
|आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, [[गंगा]] मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
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|आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
|आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
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|[[महाभारत]] का युद्ध।
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|महर्षि [[व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त।
|महर्षि [[व्यास]] के द्वारा [[महाभारत]] महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व ([[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]) की ओर विस्तार, [[रामायण]] का प्रथम वृत्तान्त।
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|600–550 ई.पू.
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|उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
|उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
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|जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]]
|[[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[गौतम बुद्ध]] की जीवन काल, जन्म-[[लुम्बिनी]], मृत्यु-[[कुशीनगर]]
|[[बौद्ध धर्म]] के संस्थापक [[गौतम बुद्ध]] की जीवन काल।
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|599–257 ई.पू
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|(जन्म-[[कुन्डग्राम]], [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-[[कुन्डग्राम]], [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल।
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|544–492 ई.पू
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|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार ([[हर्यक वंश]]) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता।  
|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार ([[हर्यक वंश]]) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता।  
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|517–509 ई.पू
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|[[ईरान]]
|[[हखमनी वंश]] ([[ईरान]]) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान।  
|[[हखमनी वंश]] के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान।  
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|492–460 ई.पू
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|[[बिम्बिसार]] के पुत्र [[अजातशत्रु]] का राज्यकाल।  
|[[बिम्बिसार]] के पुत्र [[अजातशत्रु]] का राज्यकाल।  
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|412–344 ई.पू
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|[[शिशुनाग वंश]] का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय।  
|[[शिशुनाग वंश]] का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय।  
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|सम्पूर्ण दक्षिण भारत  
|सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः [[श्रीलंका]] तक विस्तार।
|आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः [[श्रीलंका]] तक विस्तार।
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|महापद्मनन्द द्वारा [[मगध]]  
|महापद्मनन्द द्वारा [[मगध]] में [[नंदवंश]] की स्थापना।
|[[नंदवंश]] की स्थापना।
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|[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में [[बेबीलोन]] में सिकन्दर की मृत्यु।
|[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में [[बेबीलोन]] में सिकन्दर की मृत्यु।
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|322 ई.पू
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|[[चंद्रगुप्त मौर्य]] द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक [[घनानंद]] को पराजित कर [[मौर्य वंश]] की स्थापना।
|[[चंद्रगुप्त मौर्य]] द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक [[घनानंद]] को पराजित कर [[मौर्य वंश]] की स्थापना।
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|[[इण्डिका]] के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन।  
|[[इण्डिका]] के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन।  
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|298–273 ई.पू
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|[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के पुत्र [[बिन्दुसार]] का राज्य काल।  
|[[चन्द्रगुप्त मौर्य]] के पुत्र [[बिन्दुसार]] का राज्य काल।  
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|[[अशोक]] का शासनकाल, [[मौर्यवंश]] का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा [[कलिंग]] विजय (262-61)।
|[[अशोक]] का शासनकाल, [[मौर्यवंश]] का स्वर्णयुग।
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|[[अशोक]] के द्वारा विजय।
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|अन्तिम मौर्य शासक [[बृहद्रथ]] की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना।  
|अन्तिम मौर्य शासक [[बृहद्रथ]] की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना।  
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|190–171 ई.पू
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|यवन शासक [[डेमेट्रियस]] का राज्यकाल।  
|यवन शासक [[डेमेट्रियस]] का राज्यकाल।  
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|[[कलिंग]] शासक [[खारवेल]] द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।  
|[[कलिंग]] शासक [[खारवेल]] द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।  
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|155–130 ई.पू
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|सबसे प्रसिद्ध यवन शासक [[मिनान्डर]] (मिलिन्द) का राज्यकाल।  
|सबसे प्रसिद्ध यवन शासक [[मिनान्डर]] (मिलिन्द) का राज्यकाल।  
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|[[श्रीलंका]] के शासक असेल
|चोल राजा [[एलारा]] की [[श्रीलंका]] के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।  
|चोल राजा [[एलारा]] की विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।  
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|[[पंजाब]]
|यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।  
|यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में प्रवेश।  
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|71 ई.पू
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|[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट [[देवभूति]] की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा [[कण्व वंश]] की स्थापना।
|[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट [[देवभूति]] की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा [[कण्व वंश]] की स्थापना।
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|[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]]
|[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में [[सिमुक]] द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना।  
|[[सिमुक]] द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना।  
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|[[उज्जैन]]
|[[उज्जैन]] के शासक [[विक्रमादित्य]] द्वारा [[विक्रम संवत्]] का प्रारम्भ।  
|शासक [[विक्रमादित्य]] द्वारा [[विक्रम संवत्]] का प्रारम्भ।  
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|'''दक्षिण भारत''' (दक्कन) में [[सातवाहन वंश]]।
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|22 ई.पू
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|[[रोम]]  
|[[रोम]] के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।  
|शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।
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====पश्चिमी भारत====
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!ईसवी/वर्ष
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|490–766 ई.
|[[सौराष्ट्र]] के [[बल्लभी]] क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन।
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|550–861 ई.
|मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित।
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|712 ई.
|[[मुहम्मद बिन क़ासिम]] के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन।
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|4
|740–1036 ई.
|उत्तर भारत में [[गुर्जर]]-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध।
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|5
|746–974 ई.
|छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास [[अन्हिलपुर]] (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा।
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|6
|831–1310 ई.
|चन्देलों द्वारा [[बुंदेलखण्ड]] में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक [[विष्णु]] मन्दिरों और [[खजुराहों]] के मन्दिरों का भी निर्माण।
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|7
|840–890 ई.
|[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक [[मिहिरभोज]] या [[भोज]] का शासन।
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|8
|950–1200 ई.
|[[इंदौर]] के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था।
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|9
|974–1240 ई.
|चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा [[माउंट आबू|आबू]] क्षेत्र में प्रभुत्व, [[चालुक्य शासक]] [[मूलराज]] का शासन काल (974-995)।
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|}

07:16, 12 अगस्त 2010 का अवतरण

भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन

ईसा पूर्व

क्रम ईसवी/वर्ष विवरण
1 7000 ई.पू. राजस्थान (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य।
2 6000 ई.पू. मेहरगढ़ (सिंध-बलूचिस्तान सीमा), बुर्जहोम (कश्मीर) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष।
3 5000–4000 ई.पू. बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष।
4 4000–3000 ई.पू. खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ।
5 2500 ई.पू. सिंधु घाटी में पूर्व-हड़प्पा सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष।
6 2500–1750 ई.पू. रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार।
7 2250–2000 ई.पू. हड़प्पा सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय।
8 1500 ई.पू. भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता।
9 1000 ई.पू. आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ।
10 950 ई.पू. महाभारत का युद्ध।
11 800 ई.पू. महर्षि व्यास के द्वारा महाभारत महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व (बंगाल) की ओर विस्तार, रामायण का प्रथम वृत्तान्त।
12 600–550 ई.पू. उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा गोदावरी तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित।
13 563–483 ई.पू बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जीवन काल, जन्म-लुम्बिनी, मृत्यु-कुशीनगर
14 599–257 ई.पू जैन धर्म के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, वैशाली), मृत्यु-पावापुरी, कुशीनगर
15 544–492 ई.पू गौतम बुद्ध के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, मगध राज्य की श्रेष्ठता।
16 517–509 ई.पू हखमनी वंश (ईरान) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा सिन्धु नदी पर गवेषण अभियान।
17 492–460 ई.पू बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का राज्यकाल।
18 412–344 ई.पू शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का मगध साम्राज्य में विलय।
18 400 ई.पू सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः श्रीलंका तक विस्तार।
19 344 ई.पू महापद्मनन्द द्वारा मगध में नंदवंश की स्थापना।
20 326 ई.पू नंद वंशी राजा घनानंद की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर सिकन्दर के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु।
21 322 ई.पू चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक घनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना।
22 315 ई.पू इण्डिका के लेखक तथा सेल्युकस (यूनानी शासक) के दूत मेगस्थनीज का भारत में आगमन।
23 298–273 ई.पू चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार का राज्य काल।
24 273–232 ई.पू अशोक का शासनकाल, मौर्यवंश का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा कलिंग विजय (262-61)।
25 185 ई.पू अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा शुंग वंश की स्थापना।
26 190–171 ई.पू यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल।
27 165 ई.पू कलिंग शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय।
28 155–130 ई.पू सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल।
30 145 ई.पू चोल राजा एलारा की श्रीलंका के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन।
31 128 ई.पू यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश।
32 71 ई.पू शुंग वंश के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, वसुदेव के द्वारा कण्व वंश की स्थापना।
33 60 ई.पू आन्ध्र में सिमुक द्वारा सातवाहन वंश की स्थापना।
34 58 ई.पू उज्जैन के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ।
35 50 ई.पू - 250 ई. दक्षिण भारत (दक्कन) में सातवाहन वंश
36 22 ई.पू रोम के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध।




पश्चिमी भारत

क्रम ईसवी/वर्ष विवरण
1 490–766 ई. सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन।
2 550–861 ई. मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित।
3 712 ई. मुहम्मद बिन क़ासिम के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन।
4 740–1036 ई. उत्तर भारत में गुर्जर-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध।
5 746–974 ई. छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास अन्हिलपुर (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा।
6 831–1310 ई. चन्देलों द्वारा बुंदेलखण्ड में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक विष्णु मन्दिरों और खजुराहों के मन्दिरों का भी निर्माण।
7 840–890 ई. सतलुज से नर्मदा नदी तक मिहिरभोज या भोज का शासन।
8 950–1200 ई. इंदौर के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था।
9 974–1240 ई. चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा आबू क्षेत्र में प्रभुत्व, चालुक्य शासक मूलराज का शासन काल (974-995)।