"प्रयोग:फ़ौज़िया2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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|7000 ई.पू. | |7000 ई.पू. | ||
|[[राजस्थान]] ( | |[[राजस्थान]] (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य। | ||
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|6000 ई.पू. | |6000 ई.पू. | ||
| | |मेहरगढ़ ([[सिंध प्रांत|सिंध]]-[[बलूचिस्तान]] सीमा), बुर्जहोम ([[कश्मीर]]) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष। | ||
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|5000–4000 ई.पू. | |5000–4000 ई.पू. | ||
| | |बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष। | ||
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|2500 ई.पू. | |2500 ई.पू. | ||
| | |सिंधु घाटी में पूर्व-[[हड़प्पा]] सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष। | ||
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|1500 ई.पू. | |1500 ई.पू. | ||
|भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, | |भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता। | ||
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|599–257 ई.पू | |599–257 ई.पू | ||
|[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म- | |[[जैन धर्म]] के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, [[वैशाली]]), मृत्यु-[[पावापुरी]], [[कुशीनगर]]। | ||
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|544–492 ई.पू | |544–492 ई.पू | ||
|[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार ( | |[[गौतम बुद्ध]] के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, [[मगध]] राज्य की श्रेष्ठता। | ||
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|517–509 ई.पू | |517–509 ई.पू | ||
| | |हखमनी वंश ([[ईरान]]) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा [[सिन्धु नदी]] पर गवेषण अभियान। | ||
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|412–344 ई.पू | |412–344 ई.पू | ||
| | |शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का [[मगध]] साम्राज्य में विलय। | ||
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|326 ई.पू | |326 ई.पू | ||
|[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में | |[[नंदवंश|नंद वंशी]] राजा [[घनानंद]] की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर [[सिकन्दर]] के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु। | ||
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|315 ई.पू | |315 ई.पू | ||
| | |इण्डिका के लेखक तथा [[सेल्युकस]] (यूनानी शासक) के दूत [[मेगस्थनीज]] का भारत में आगमन। | ||
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|185 ई.पू | |185 ई.पू | ||
|अन्तिम मौर्य शासक | |अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति [[पुष्यमित्र शुंग]] द्वारा [[शुंग वंश]] की स्थापना। | ||
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|190–171 ई.पू | |190–171 ई.पू | ||
|यवन शासक | |यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल। | ||
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|165 ई.पू | |165 ई.पू | ||
|[[कलिंग]] शासक | |[[कलिंग]] शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय। | ||
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|155–130 ई.पू | |155–130 ई.पू | ||
|सबसे प्रसिद्ध यवन शासक | |सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल। | ||
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|145 ई.पू | |145 ई.पू | ||
|चोल राजा | |चोल राजा एलारा की [[श्रीलंका]] के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन। | ||
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|71 ई.पू | |71 ई.पू | ||
|[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट | |[[शुंग वंश]] के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, [[वसुदेव]] के द्वारा कण्व वंश की स्थापना। | ||
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|60 ई.पू | |60 ई.पू | ||
|[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में | |[[आंध्र प्रदेश|आन्ध्र]] में सिमुक द्वारा [[सातवाहन वंश]] की स्थापना। | ||
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|58 ई.पू | |58 ई.पू | ||
|[[उज्जैन]] के शासक | |[[उज्जैन]] के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ। | ||
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|1 | |1 | ||
|490–766 ई. | |490–766 ई. | ||
| | |सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन। | ||
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|3 | |3 | ||
|712 ई. | |712 ई. | ||
| | |मुहम्मद बिन क़ासिम के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन। | ||
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|4 | |4 | ||
|740–1036 ई. | |740–1036 ई. | ||
|उत्तर भारत में | |उत्तर भारत में गुर्जर-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध। | ||
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|5 | |5 | ||
|746–974 ई. | |746–974 ई. | ||
|छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास | |छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास अन्हिलपुर (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा। | ||
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|6 | |6 | ||
|831–1310 ई. | |831–1310 ई. | ||
|चन्देलों द्वारा [[बुंदेलखण्ड]] में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक [[विष्णु]] मन्दिरों और | |चन्देलों द्वारा [[बुंदेलखण्ड]] में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक [[विष्णु]] मन्दिरों और खजुराहों के मन्दिरों का भी निर्माण। | ||
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|7 | |7 | ||
|840–890 ई. | |840–890 ई. | ||
|[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक | |[[सतलुज नदी|सतलुज]] से [[नर्मदा नदी]] तक मिहिरभोज या भोज का शासन। | ||
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|950–1200 ई. | |950–1200 ई. | ||
| | |इंदौर के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था। | ||
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|9 | |9 | ||
|974–1240 ई. | |974–1240 ई. | ||
|चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा [[माउंट आबू|आबू]] क्षेत्र में प्रभुत्व, | |चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा [[माउंट आबू|आबू]] क्षेत्र में प्रभुत्व, चालुक्य शासक मूलराज का शासन काल (974-995)। | ||
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|1 | |1 | ||
|1411–42 ई. | |1411–42 ई. | ||
| | |अहमदशाह द्वारा [[अहमदाबाद]] की स्थापना एवं स्वतंत्रता की घोषणा। | ||
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|1414 ई. | |1414 ई. | ||
|[[दिल्ली]] पर | |[[दिल्ली]] पर खिज्र खाँ का अधिकार। | ||
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|4 | |4 | ||
|1420–1421 ई. | |1420–1421 ई. | ||
|[[इटली]] के यात्री | |[[इटली]] के यात्री निकोलो कोंटी की भारत यात्रा। | ||
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|5 | |5 | ||
|1429 ई. | |1429 ई. | ||
|[[बहमनी राज्य]] की राजधानी | |[[बहमनी राज्य]] की राजधानी गुलबर्गा से [[बीदर]] स्थानान्तरित। | ||
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|6 | |6 | ||
|1430–69 ई. | |1430–69 ई. | ||
| | |मेंवाड़ में राणा कुम्भा का राज्यकाल। | ||
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|7 | |7 | ||
|1442 ई. | |1442 ई. | ||
| | |अब्दुर्रज्जाक़ की [[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] यात्रा। | ||
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|8 | |8 | ||
|1447 ई. | |1447 ई. | ||
| | |बहलोल लोदी का [[दिल्ली]] पर अधिकार, लोदी वंश की स्थापना। | ||
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|9 | |9 | ||
|1450 ई. | |1450 ई. | ||
| | |गोरखनाथ की साखियों की रचना। | ||
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|11 | |11 | ||
|1469 ई. | |1469 ई. | ||
| | |सिक्ख धर्म के संस्थापक [[नानक देव, गुरु|गुरुनानक देव]] का ननकाना ([[पंजाब]]) में जन्म। | ||
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|12 | |12 | ||
|1470 ई. | |1470 ई. | ||
|रूसी यात्री | |रूसी यात्री निकितिन की भारत यात्रा। | ||
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|1483 ई. | |1483 ई. | ||
|[[जहीरूद्दीन बाबर]] का | |[[जहीरूद्दीन बाबर]] का फरगना में जन्म। | ||
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|1489 ई. | |1489 ई. | ||
| | |सिकन्दर लोदी गद्दी पर आसीन, [[बीजापुर]] स्वाधीन। | ||
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|20 | |20 | ||
|1494 ई. | |1494 ई. | ||
|[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में | |[[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में हुसैनशाह गद्दी पर आसीन, [[बाबर]] फरगना का अमीर बना। | ||
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|21 | |21 | ||
|1498 ई. | |1498 ई. | ||
|पुर्तगाली नाविक [[वास्कोडिगामा]] भारत में, | |पुर्तगाली नाविक [[वास्कोडिगामा]] भारत में, कालीकट पहुँचा। | ||
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|22 | |22 | ||
|1502 ई. | |1502 ई. | ||
|पुर्तगाल के राजा | |पुर्तगाल के राजा जॉन द्वितीय को पोप अलेक्जेंडर षष्टम का 'बुल' प्रदान किया गया, जिससे पुर्तगालियों को भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार तथा भारत में राज्य स्थापित करने का औपचारिक अधिकार मिला। | ||
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|23 | |23 | ||
|1503 ई. | |1503 ई. | ||
| | |फरगना [[बाबर]] के अधिकार से मुक्त। | ||
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|1504 ई. | |1504 ई. | ||
|[[इटली]] के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा दक्षिण भारत की यात्रा, काबुल पर अधिकार कर [[बाबर]] का | |[[इटली]] के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा दक्षिण भारत की यात्रा, काबुल पर अधिकार कर [[बाबर]] का मुल्तान की ओर प्रस्थान। | ||
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|25 | |25 | ||
|1507 ई. | |1507 ई. | ||
|[[गुजरात]] के शासक | |[[गुजरात]] के शासक महमूद बेगड़ा का दीव ([[गोवा]]) में पुर्तगालियों के विरुद्ध अभियान। | ||
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|1509 ई. | |1509 ई. | ||
|[[विजयनगर]] में | |[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] में कृष्णदेवराय सिंहासनरूढ़, पुर्तगाली गवर्नर फ़्राँसिस्को-डि-अल्मिडा भारत आया। | ||
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|1509–1527 ई. | |1509–1527 ई. | ||
| | |मेवाड़ में राणा सांगा का राज्यकाल। | ||
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|29 | |29 | ||
|1510 ई. | |1510 ई. | ||
|[[गोवा]] पर पुर्तगालियों का अधिकार, | |[[गोवा]] पर पुर्तगालियों का अधिकार, अलबुकर्क गवर्नर बना। | ||
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|31 | |31 | ||
|1517 ई. | |1517 ई. | ||
| | |सिकन्दर लोदी की मृत्यु के पश्चात् इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा। | ||
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|1520 ई. | |1520 ई. | ||
|[[बाबर]] का | |[[बाबर]] का भीरा, सियालकोट पर आक्रमण। | ||
|- | |- | ||
|34 | |34 | ||
|1522 ई. | |1522 ई. | ||
|[[बाबर]] का | |[[बाबर]] का कंधार पर अधिकार। | ||
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|35 | |35 | ||
|1523 ई. | |1523 ई. | ||
|[[लाहौर]] और | |[[लाहौर]] और सरहिन्द पर [[बाबर]] का आक्रमण, लाहौर पर अधिकार (1524)। | ||
|- | |- | ||
|36 | |36 | ||
|1526 ई. | |1526 ई. | ||
|([[21 अप्रैल]]) [[बाबर]] तथा | |([[21 अप्रैल]]) [[बाबर]] तथा इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध, इब्राहीम लोदी की पराजय तथा मृत्यु, [[दिल्ली]] पर क़ब्ज़े के साथ ही मुग़ल साम्राज्य की स्थापना। | ||
|- | |- | ||
|37 | |37 | ||
|1527 ई. | |1527 ई. | ||
| | |राणा संग्राम सिंह तथा [[बाबर]] के मध्य खांडवा का युद्ध ([[16 मार्च]]), संग्राम सिंह पराजित। | ||
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|38 | |38 | ||
|1528 ई. | |1528 ई. | ||
| | |राणा संग्राम सिंह की मृत्यु, [[बाबर]] ने सहयोग के बदले [[शेरशाह]] को [[सासाराम]] ([[बिहार]]) की पैतृक जाग़ीर वापस की। | ||
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| | |39 | ||
|1530 ई. | |1530 ई. | ||
|[[बाबर]] की मृत्यु ([[29 मई]]), [[विजयनगर]] के राजा | |[[बाबर]] की मृत्यु ([[29 मई]]), [[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के राजा कृष्णदेव राय की मृत्यु ([[26 दिसम्बर]])। | ||
|- | |- | ||
| | |40 | ||
|1531 ई. | |1531 ई. | ||
|[[गुजरात]] के | |[[गुजरात]] के बहादुरशाह का मालवा तथा [[उज्जैन]] पर अधिकार। | ||
|- | |- | ||
| | |41 | ||
|1532 ई. | |1532 ई. | ||
| | |रायसेन, चंदेरी एवं [[मंदसौर]] पर बहादुरशाह का अधिकार तथा [[चित्तौड़]] पर पहला हमला। | ||
|- | |- | ||
| | |42 | ||
|1533 ई. | |1533 ई. | ||
| | |बहादुरशाह ने [[चित्तौड़]] का घेरा उठाया, रणथम्भौर तथा [[अजमेर]] पर अधिकार, वैष्णव संत चैतन्य का निधन। | ||
|- | |- | ||
| | |43 | ||
|1534 ई. | |1534 ई. | ||
|[[हुमायूँ]] का | |[[हुमायूँ]] का मालवा को प्रस्थान, [[शेरशाह]] ने सूरजगढ़ की लड़ाई में [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] के शासक महमूद ख़ाँ को परास्त किया। | ||
|- | |- | ||
| | |44 | ||
|1535 ई. | |1535 ई. | ||
|पुर्तगालियों की सहायता से | |पुर्तगालियों की सहायता से बहादुरशाह का [[चित्तौड़]] पर अधिकार, [[हुमायूँ]] से बहादुरशाह पराजित, हुमायूँ की [[गुजरात]] तथा मालवा पर विजय। | ||
|- | |- | ||
| | |45 | ||
|1536 ई. | |1536 ई. | ||
|[[हुमायूँ]] ने | |[[हुमायूँ]] ने अस्करी को [[गुजरात]] का शासक नियुक्त किया, गुजरात में [[मुग़ल|मुग़लों]] के विरुद्ध विद्रोह। | ||
|- | |- | ||
| | |46 | ||
|1537 ई. | |1537 ई. | ||
|[[गुजरात]] के शासक | |[[गुजरात]] के शासक बहादुरशाह की मृत्यु। | ||
|- | |- | ||
| | |47 | ||
|1538 ई. | |1538 ई. | ||
|[[शेरशाह]] के हाथों [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का शासक | |[[शेरशाह]] के हाथों [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] का शासक महमूदशह परास्त, [[हुमायूँ]] का बंगाल पर आक्रमण, सिक्ख गुरु [[नानक देव, गुरु|नानक देव]] का निधन। | ||
|- | |- | ||
| | |48 | ||
|1539 ई. | |1539 ई. | ||
| | |चौसा के युद्ध में [[हुमायूँ]] [[शेरशाह]] से पराजित। | ||
|- | |- | ||
| | |49 | ||
|1540 ई. | |1540 ई. | ||
|[[शेरशाह]] [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा। | |[[शेरशाह]] [[दिल्ली]] की गद्दी पर बैठा। | ||
|- | |- | ||
| | |50 | ||
|1542 ई. | |1542 ई. | ||
|[[ | |मारवाड़ के राजा मालदेव के आमंत्रण पर [[हुमायूँ]] [[जोधपुर]] पहुँचा, अमरकोट में ([[15 अक्टूबर]]) [[अकबर]] का जन्म। | ||
|- | |||
|51 | |||
|1544 ई. | |||
|[[हुमायूँ]] फ़ारस के शाह तहमस्य की शरण में। | |||
|- | |||
|52 | |||
|1545 ई. | |||
|शाह तहमस्य की मदद से कंधार-[[काबुल]] पर पुनः [[हुमायूँ]] का अधिकार, [[शेरशाह]] की मृत्यु, इस्लाम शाह गद्दी पर बैठा। | |||
|- | |||
|53 | |||
|1553 ई. | |||
|[[सूर वंश|सूर वंशी]] शासक इस्लाम शाह की मृत्यु। | |||
|- | |||
|54 | |||
|1555 ई. | |||
|[[लाहौर]] पर [[हुमायूँ]] का अधिकार। | |||
|- | |||
|55 | |||
|1556 ई. | |||
|[[हुमायूँ]] की मृत्यु ([[24 जनवरी]]), बैरम ख़ाँ के संरक्षण में [[अकबर]] [[मुग़ल]] सम्राट बना, पानीपत के दूसरे युद्ध ([[5 नवम्बर]]) में अकबर के द्वारा आदिलशाह का दीवान हेमू पराजित, पुर्तगाल से पहला प्रेस भारत पहुँचा, जिसे जेसुइट पादरी [[गोवा]] लेकर आए थे। | |||
|- | |||
|56 | |||
|1557 ई. | |||
|खिज्र ख़ाँ के साथ लड़ाई में आदिलशाह मारा गया, सिकन्दर सूर को हराकर मानकोट के क़िले पर [[अकबर]] का अधिकार। | |||
|- | |||
|57 | |||
|1560 ई. | |||
|[[अकबर]] के द्वारा बैरम ख़ाँ का निष्कासन। | |||
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|58 | |||
|1561 ई. | |||
|[[अकबर]] की मालवा पर विजय। | |||
|- | |||
|59 | |||
|1562 ई. | |||
|आमेर की राजकुमारी (राजा भारमल की पुत्री) से [[अकबर]] का विवाह, युद्ध-बंन्दियों को दास बनाने की प्रथा का उन्मूलन। | |||
|- | |||
|60 | |||
|1563 ई. | |||
|[[अकबर]] द्वारा तीर्थयात्रा-कर की समाप्ति। | |||
|- | |||
|61 | |||
|1564 ई. | |||
|[[अकबर]] द्वारा [[जज़िया]] कर की उगाही बन्द, रानी दुर्गावती को परास्त कर गोंडवाना [[मुग़ल]] राज्य में सम्मिलित, रानी द्वारा आत्महत्या। | |||
|- | |||
|62 | |||
|1564–1567 ई. | |||
|उजबेकों का विद्रोह। | |||
|- | |||
|63 | |||
|1565 ई. | |||
|[[विजय नगर साम्राज्य|विजयनगर]] के शासक रामराय और बहमनी सुल्तानों के बीच तालिकोटा का युद्ध, विजयनगर पराजित। | |||
|- | |||
|64 | |||
|1567 ई. | |||
|राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक श्री हरिवंश का देवबन्द ([[सहारनपुर]]) में जन्म। | |||
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|65 | |||
|1568 ई. | |||
|[[अकबर]] की [[चित्तौड़]] पर विजय। | |||
|- | |||
|66 | |||
|1569 | |||
|रणथम्भौर और कालिंजर पर अकबर का अधिकार, युवराज [[सलीम]] ([[जहाँगीर]]) का जन्म। | |||
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|1571 ई. | |||
|[[अकबर]] द्वारा [[फ़तेहपुर सीकरी]] का निर्माण तथा राजधानी बनाने का निर्णय। | |||
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|68 | |||
|1572 ई. | |||
|राणा उदयसिंह की मृत्यु, जालौर के राजा और मेवाड़ सेनापतियों के द्वारा [[राणा प्रताप]] को गद्दी पर बैठाया गया। | |||
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|69 | |||
|1573 ई. | |||
|[[कबीर]] का निधन, [[गुजरात]] पर अकबर का आधिपत्य। | |||
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|भारतीय भाषा की पहली पुस्तक "डुट्रिना क्रिस्टा' ([[तमिल भाषा]] में) मुद्रित व प्रकाशित, इस पुस्तक के लिए टाइप जुआबों गुंजाल्बेज नाम के स्पेनी लुहार ने क्किलोन ([[केरल]]) में ढाले थे। | |||
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|[[अकबर]] ने 'महजरनामा' (इन्फैलिबिलिटी डिक्री) जारी किया, [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]]-[[बिहार]] में विद्रोह, [[अकबर]] के दरबार में [[गोवा]] से प्रथम जेसुइट मिशन आया (1580)। | |||
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|[[गोलकुण्डा]] में सुल्तान कुली कुतुबशाह द्वितीय के आश्रय में रेख्ता (हिन्दुस्तानी के आदि रूप) के कवियों को प्रोत्साहन। | |||
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09:36, 12 अगस्त 2010 का अवतरण
भारतीय इतिहास — पुनरावलोकन
क्रम | ईसवी/वर्ष | विवरण |
---|---|---|
1 | 7000 ई.पू. | राजस्थान (साम्भर) में पौधे बोने के प्रथम साक्ष्य। |
2 | 6000 ई.पू. | मेहरगढ़ (सिंध-बलूचिस्तान सीमा), बुर्जहोम (कश्मीर) में भारत के प्राचीनतम आवास, कृषि तथा पशुपालन के अवशेष। |
3 | 5000–4000 ई.पू. | बागोर (भीलवाड़ा) तथा आदमगढ़ (होशंगाबाद) के निकट आखेटकों द्वारा भेड़-बकरी पालन के प्रथम अवशेष। |
4 | 4000–3000 ई.पू. | खेतिहारों-पशुपालकों की स्थानीय सभ्यताएँ। |
5 | 2500 ई.पू. | सिंधु घाटी में पूर्व-हड़प्पा सभ्यता के नगरों का विकास, अस्थि एवं प्रस्तर उपकरण तथा मनकों के आभूषण के अवशेष। |
6 | 2500–1750 ई.पू. | रेडिया-कार्बन तिथि-निर्धारण के आधार पर हड़प्पा सभ्यता का काल-विस्तार। |
7 | 2250–2000 ई.पू. | हड़प्पा सभ्यता का पूर्ण-विकसित दौर, विघटन तथा स्थानीय सभ्यताओं का उदय। |
8 | 1500 ई.पू. | भारत में आर्यों का आगमन, ऋग्वेद की रचना, वैदिक काल (1500-1000) प्रारम्भ, गंगा मैदान में आर्योत्तर ताम्र सभ्यता। |
9 | 1000 ई.पू. | आर्यों का (गंगा मैदान) विस्तार, उत्तर वैदिक काल प्रारम्भ, 'ब्राह्मण ग्रन्थों' की रचना, वर्ण-व्यवस्था का बीजारोपण, लौह धातु का प्रयोग प्रारम्भ। |
10 | 950 ई.पू. | महाभारत का युद्ध। |
11 | 800 ई.पू. | महर्षि व्यास के द्वारा महाभारत महाकाव्य की रचना, आर्यों का दक्षिण-पूर्व (बंगाल) की ओर विस्तार, रामायण का प्रथम वृत्तान्त। |
12 | 600–550 ई.पू. | उपनिषदों की रचना, आर्यों का विदर्भ तथा गोदावरी तक दक्षिण-विस्तार। सोलह महाजनपदों की स्थापना, आर्य सभ्यता में कर्मकाण्डीय अनुष्ठान प्रतिष्ठित। |
13 | 563–483 ई.पू | बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की जीवन काल, जन्म-लुम्बिनी, मृत्यु-कुशीनगर। |
14 | 599–257 ई.पू | जैन धर्म के पुनर्प्रतिष्ठापक वर्द्धमान महावीर का काल (जन्म-कुन्डग्राम, वैशाली), मृत्यु-पावापुरी, कुशीनगर। |
15 | 544–492 ई.पू | गौतम बुद्ध के समकालिक बिम्बिसार (हर्यक वंश) का राज्यकाल, मगध राज्य की श्रेष्ठता। |
16 | 517–509 ई.पू | हखमनी वंश (ईरान) के सम्राट डेरियस प्रथम के साथ प्रथम विदेशी आक्रमण, आर्यों की पराजय, यूनानी नौसेनापति स्काइलैक्स द्वारा सिन्धु नदी पर गवेषण अभियान। |
17 | 492–460 ई.पू | बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु का राज्यकाल। |
18 | 412–344 ई.पू | शिशुनाग वंश का शासनकाल, अवन्ति के प्रद्यौत वंश का मगध साम्राज्य में विलय। |
18 | 400 ई.पू | सम्पूर्ण दक्षिण भारत में आर्यों का प्रभुत्व एवं सम्भवतः श्रीलंका तक विस्तार। |
19 | 344 ई.पू | महापद्मनन्द द्वारा मगध में नंदवंश की स्थापना। |
20 | 326 ई.पू | नंद वंशी राजा घनानंद की सैन्य शक्ति से प्रभावित होकर सिकन्दर के सैनिकों का वापस लौटने का इरादा, वापसी मार्ग में बेबीलोन में सिकन्दर की मृत्यु। |
21 | 322 ई.पू | चंद्रगुप्त मौर्य द्वारा (कौटिल्य की मदद से) नंद शासक घनानंद को पराजित कर मौर्य वंश की स्थापना। |
22 | 315 ई.पू | इण्डिका के लेखक तथा सेल्युकस (यूनानी शासक) के दूत मेगस्थनीज का भारत में आगमन। |
23 | 298–273 ई.पू | चन्द्रगुप्त मौर्य के पुत्र बिन्दुसार का राज्य काल। |
24 | 273–232 ई.पू | अशोक का शासनकाल, मौर्यवंश का स्वर्णयुग, अशोक के द्वारा कलिंग विजय (262-61)। |
25 | 185 ई.पू | अन्तिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या कर मौर्य सेनापति पुष्यमित्र शुंग द्वारा शुंग वंश की स्थापना। |
26 | 190–171 ई.पू | यवन शासक डेमेट्रियस का राज्यकाल। |
27 | 165 ई.पू | कलिंग शासक खारवेल द्वारा 'त्रमिरदेश संघटम' (पाण्ड्य, चोल) राज्य पर विजय। |
28 | 155–130 ई.पू | सबसे प्रसिद्ध यवन शासक मिनान्डर (मिलिन्द) का राज्यकाल। |
30 | 145 ई.पू | चोल राजा एलारा की श्रीलंका के शासक असेल पर विजय तथा लगभग 50 वर्षों तक शासन। |
31 | 128 ई.पू | यूची आक्रमण के भय से शक क़बीलों का भारत में पंजाब से प्रवेश। |
32 | 71 ई.पू | शुंग वंश के अन्तिम सम्राट देवभूति की हत्या, वसुदेव के द्वारा कण्व वंश की स्थापना। |
33 | 60 ई.पू | आन्ध्र में सिमुक द्वारा सातवाहन वंश की स्थापना। |
34 | 58 ई.पू | उज्जैन के शासक विक्रमादित्य द्वारा विक्रम संवत् का प्रारम्भ। |
35 | 50 ई.पू - 250 ई. | दक्षिण भारत (दक्कन) में सातवाहन वंश। |
36 | 22 ई.पू | रोम के शासक आगस्टस के दरबार में पाण्ड्य राजदूत पहुँचा, चोल, पाण्ड्यों का रोम में व्यापारिक सम्बन्ध। |
पश्चिमी भारत
क्रम | ईसवी/वर्ष | विवरण |
---|---|---|
1 | 490–766 ई. | सौराष्ट्र के बल्लभी क्षेत्र में मैत्रक (सम्भवतः विदेशी मूल) आक्रामकों का शासन। |
2 | 550–861 ई. | मध्य राजपूताना में मध्य एशिया में आये हुए गुर्जर खानाबदोश दलों का शासन स्थापित। |
3 | 712 ई. | मुहम्मद बिन क़ासिम के नेतृत्व में भारत पर प्रथम अरब आक्रमण, मैत्रक राज्य का पतन। |
4 | 740–1036 ई. | उत्तर भारत में गुर्जर-प्रतिहारों का आधिपत्य, अरबों का प्रतिरोध। |
5 | 746–974 ई. | छाप या छापौटकट्ट, गुर्जर क़बीले द्वारा 746 के आसपास अन्हिलपुर (आनन्दपुर) की स्थापना, जो 15वीं शती तक पश्चिम भारत का प्रमुख नगर रहा। |
6 | 831–1310 ई. | चन्देलों द्वारा बुंदेलखण्ड में स्वतंत्र राज्य की स्थापना, अनेक विष्णु मन्दिरों और खजुराहों के मन्दिरों का भी निर्माण। |
7 | 840–890 ई. | सतलुज से नर्मदा नदी तक मिहिरभोज या भोज का शासन। |
8 | 950–1200 ई. | इंदौर के पास धारा में परमारों का राज्य, जिनमें मुंज (974-994) तथा भोज प्रसिद्ध राजा हुए, भोज ज्योतिष, काव्यशास्त्र, वास्तुकला तथा संस्कृति का विद्वान था। |
9 | 974–1240 ई. | चालुक्यों का अन्हिलपुर, सौराष्ट्र तथा आबू क्षेत्र में प्रभुत्व, चालुक्य शासक मूलराज का शासन काल (974-995)। |
दक्षिण भारत 3
क्रम | ईसवी/वर्ष | विवरण |
---|---|---|
1 | 1411–42 ई. | अहमदशाह द्वारा अहमदाबाद की स्थापना एवं स्वतंत्रता की घोषणा। |
2 | 1412 ई. | अन्तिम तुगलक शासक महमूद की मृत्यु, तुगलक वंश का पतन। |
3 | 1414 ई. | दिल्ली पर खिज्र खाँ का अधिकार। |
4 | 1420–1421 ई. | इटली के यात्री निकोलो कोंटी की भारत यात्रा। |
5 | 1429 ई. | बहमनी राज्य की राजधानी गुलबर्गा से बीदर स्थानान्तरित। |
6 | 1430–69 ई. | मेंवाड़ में राणा कुम्भा का राज्यकाल। |
7 | 1442 ई. | अब्दुर्रज्जाक़ की विजयनगर यात्रा। |
8 | 1447 ई. | बहलोल लोदी का दिल्ली पर अधिकार, लोदी वंश की स्थापना। |
9 | 1450 ई. | गोरखनाथ की साखियों की रचना। |
10 | 1455 ई. | प्रसिद्ध संत कबीर का जन्म। |
11 | 1469 ई. | सिक्ख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव का ननकाना (पंजाब) में जन्म। |
12 | 1470 ई. | रूसी यात्री निकितिन की भारत यात्रा। |
13 | 1472 ई. | शेरशाह सूरी का जन्म। |
14 | 1479 ई. | बल्लभाचार्य का जन्म। |
15 | 1483 ई. | जहीरूद्दीन बाबर का फरगना में जन्म। |
16 | 1485 ई. | चैतन्य महाप्रभु का जन्म। |
17 | 1486 ई. | पुर्तगाली नाविक सरदार बार्थोलोम्यो डिआज डेनोवेज ने केप आफ़ गुड होप (शुभ यात्रा अंतरीप) की खोज की, इसी मार्ग से बाद में वास्कोडिगामा ने भारत की यात्रा की। |
18 | 1489 ई. | सिकन्दर लोदी गद्दी पर आसीन, बीजापुर स्वाधीन। |
19 | 1490 ई. | दिल्ली सल्तनत से अहमदनगर स्वाधीन। |
20 | 1494 ई. | बंगाल में हुसैनशाह गद्दी पर आसीन, बाबर फरगना का अमीर बना। |
21 | 1498 ई. | पुर्तगाली नाविक वास्कोडिगामा भारत में, कालीकट पहुँचा। |
22 | 1502 ई. | पुर्तगाल के राजा जॉन द्वितीय को पोप अलेक्जेंडर षष्टम का 'बुल' प्रदान किया गया, जिससे पुर्तगालियों को भारत के साथ व्यापार करने का एकाधिकार तथा भारत में राज्य स्थापित करने का औपचारिक अधिकार मिला। |
23 | 1503 ई. | फरगना बाबर के अधिकार से मुक्त। |
24 | 1504 ई. | इटली के लुडोविको डी बार्थेमा की पश्चिम तथा दक्षिण भारत की यात्रा, काबुल पर अधिकार कर बाबर का मुल्तान की ओर प्रस्थान। |
25 | 1507 ई. | गुजरात के शासक महमूद बेगड़ा का दीव (गोवा) में पुर्तगालियों के विरुद्ध अभियान। |
26 | 1508 ई. | द्वितीय मुग़ल सम्राट हुमायूँ का जन्म। |
27 | 1509 ई. | विजयनगर में कृष्णदेवराय सिंहासनरूढ़, पुर्तगाली गवर्नर फ़्राँसिस्को-डि-अल्मिडा भारत आया। |
28 | 1509–1527 ई. | मेवाड़ में राणा सांगा का राज्यकाल। |
29 | 1510 ई. | गोवा पर पुर्तगालियों का अधिकार, अलबुकर्क गवर्नर बना। |
30 | 1512–1518 ई. | गोलकुण्डा बहमनी राज्य से मुक्त। |
31 | 1517 ई. | सिकन्दर लोदी की मृत्यु के पश्चात् इब्राहिम लोदी गद्दी पर बैठा। |
32 | 1519 ई. | बाबर का भारत आगमन। |
33 | 1520 ई. | बाबर का भीरा, सियालकोट पर आक्रमण। |
34 | 1522 ई. | बाबर का कंधार पर अधिकार। |
35 | 1523 ई. | लाहौर और सरहिन्द पर बाबर का आक्रमण, लाहौर पर अधिकार (1524)। |
36 | 1526 ई. | (21 अप्रैल) बाबर तथा इब्राहिम लोदी के मध्य पानीपत का प्रथम युद्ध, इब्राहीम लोदी की पराजय तथा मृत्यु, दिल्ली पर क़ब्ज़े के साथ ही मुग़ल साम्राज्य की स्थापना। |
37 | 1527 ई. | राणा संग्राम सिंह तथा बाबर के मध्य खांडवा का युद्ध (16 मार्च), संग्राम सिंह पराजित। |
38 | 1528 ई. | राणा संग्राम सिंह की मृत्यु, बाबर ने सहयोग के बदले शेरशाह को सासाराम (बिहार) की पैतृक जाग़ीर वापस की। |
39 | 1530 ई. | बाबर की मृत्यु (29 मई), विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय की मृत्यु (26 दिसम्बर)। |
40 | 1531 ई. | गुजरात के बहादुरशाह का मालवा तथा उज्जैन पर अधिकार। |
41 | 1532 ई. | रायसेन, चंदेरी एवं मंदसौर पर बहादुरशाह का अधिकार तथा चित्तौड़ पर पहला हमला। |
42 | 1533 ई. | बहादुरशाह ने चित्तौड़ का घेरा उठाया, रणथम्भौर तथा अजमेर पर अधिकार, वैष्णव संत चैतन्य का निधन। |
43 | 1534 ई. | हुमायूँ का मालवा को प्रस्थान, शेरशाह ने सूरजगढ़ की लड़ाई में बंगाल के शासक महमूद ख़ाँ को परास्त किया। |
44 | 1535 ई. | पुर्तगालियों की सहायता से बहादुरशाह का चित्तौड़ पर अधिकार, हुमायूँ से बहादुरशाह पराजित, हुमायूँ की गुजरात तथा मालवा पर विजय। |
45 | 1536 ई. | हुमायूँ ने अस्करी को गुजरात का शासक नियुक्त किया, गुजरात में मुग़लों के विरुद्ध विद्रोह। |
46 | 1537 ई. | गुजरात के शासक बहादुरशाह की मृत्यु। |
47 | 1538 ई. | शेरशाह के हाथों बंगाल का शासक महमूदशह परास्त, हुमायूँ का बंगाल पर आक्रमण, सिक्ख गुरु नानक देव का निधन। |
48 | 1539 ई. | चौसा के युद्ध में हुमायूँ शेरशाह से पराजित। |
49 | 1540 ई. | शेरशाह दिल्ली की गद्दी पर बैठा। |
50 | 1542 ई. | मारवाड़ के राजा मालदेव के आमंत्रण पर हुमायूँ जोधपुर पहुँचा, अमरकोट में (15 अक्टूबर) अकबर का जन्म। |
51 | 1544 ई. | हुमायूँ फ़ारस के शाह तहमस्य की शरण में। |
52 | 1545 ई. | शाह तहमस्य की मदद से कंधार-काबुल पर पुनः हुमायूँ का अधिकार, शेरशाह की मृत्यु, इस्लाम शाह गद्दी पर बैठा। |
53 | 1553 ई. | सूर वंशी शासक इस्लाम शाह की मृत्यु। |
54 | 1555 ई. | लाहौर पर हुमायूँ का अधिकार। |
55 | 1556 ई. | हुमायूँ की मृत्यु (24 जनवरी), बैरम ख़ाँ के संरक्षण में अकबर मुग़ल सम्राट बना, पानीपत के दूसरे युद्ध (5 नवम्बर) में अकबर के द्वारा आदिलशाह का दीवान हेमू पराजित, पुर्तगाल से पहला प्रेस भारत पहुँचा, जिसे जेसुइट पादरी गोवा लेकर आए थे। |
56 | 1557 ई. | खिज्र ख़ाँ के साथ लड़ाई में आदिलशाह मारा गया, सिकन्दर सूर को हराकर मानकोट के क़िले पर अकबर का अधिकार। |
57 | 1560 ई. | अकबर के द्वारा बैरम ख़ाँ का निष्कासन। |
58 | 1561 ई. | अकबर की मालवा पर विजय। |
59 | 1562 ई. | आमेर की राजकुमारी (राजा भारमल की पुत्री) से अकबर का विवाह, युद्ध-बंन्दियों को दास बनाने की प्रथा का उन्मूलन। |
60 | 1563 ई. | अकबर द्वारा तीर्थयात्रा-कर की समाप्ति। |
61 | 1564 ई. | अकबर द्वारा जज़िया कर की उगाही बन्द, रानी दुर्गावती को परास्त कर गोंडवाना मुग़ल राज्य में सम्मिलित, रानी द्वारा आत्महत्या। |
62 | 1564–1567 ई. | उजबेकों का विद्रोह। |
63 | 1565 ई. | विजयनगर के शासक रामराय और बहमनी सुल्तानों के बीच तालिकोटा का युद्ध, विजयनगर पराजित। |
64 | 1567 ई. | राधावल्लभ सम्प्रदाय के प्रवर्तक श्री हरिवंश का देवबन्द (सहारनपुर) में जन्म। |
65 | 1568 ई. | अकबर की चित्तौड़ पर विजय। |
66 | 1569 | रणथम्भौर और कालिंजर पर अकबर का अधिकार, युवराज सलीम (जहाँगीर) का जन्म। |
67 | 1571 ई. | अकबर द्वारा फ़तेहपुर सीकरी का निर्माण तथा राजधानी बनाने का निर्णय। |
68 | 1572 ई. | राणा उदयसिंह की मृत्यु, जालौर के राजा और मेवाड़ सेनापतियों के द्वारा राणा प्रताप को गद्दी पर बैठाया गया। |
69 | 1573 ई. | कबीर का निधन, गुजरात पर अकबर का आधिपत्य। |
70 | 1574–76 ई. | अकबर की बिहार-बंगाल पर विजय। |
71 | 1575 ई. | ठुकरोई (उड़ीसा) का युद्ध, अकबर द्वारा दाऊद ख़ाँ पराजित फ़तेहपुर सीकरी में इबादतख़ाना की स्थापना। |
72 | 1576 ई. | हल्दीघाटी का युद्ध, अकबर द्वारा राणा प्रताप पराजित, अकबर का बंगाल पर अधिकार, दाऊद ख़ाँ की मृत्यु। |
73 | 1578 ई. | भारतीय भाषा की पहली पुस्तक "डुट्रिना क्रिस्टा' (तमिल भाषा में) मुद्रित व प्रकाशित, इस पुस्तक के लिए टाइप जुआबों गुंजाल्बेज नाम के स्पेनी लुहार ने क्किलोन (केरल) में ढाले थे। |
74 | 1579–1580 ई. | अकबर ने 'महजरनामा' (इन्फैलिबिलिटी डिक्री) जारी किया, बंगाल-बिहार में विद्रोह, अकबर के दरबार में गोवा से प्रथम जेसुइट मिशन आया (1580)। |
75 | 1580–1611 ई. | गोलकुण्डा में सुल्तान कुली कुतुबशाह द्वितीय के आश्रय में रेख्ता (हिन्दुस्तानी के आदि रूप) के कवियों को प्रोत्साहन। |