"सदस्य:रविन्द्र प्रसाद/2": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
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+हॉब हाउस | +हॉब हाउस | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा सामाजिक संरचना का निर्मोयक है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.- 04;प्रश्न-45 | {निम्नलिखित में से कौन-सा सामाजिक संरचना का निर्मोयक है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-04;प्रश्न-45 | ||
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-आयु एवं लिंगानुपात | -आयु एवं लिंगानुपात | ||
-प्रजनन एवं मृत्युदर | -प्रजनन एवं मृत्युदर | ||
-प्रस्थिति एवं भूमिका | -प्रस्थिति एवं भूमिका | ||
+परिवार का आकार एवं स्वजनों की संख्या | +[[परिवार]] का आकार एवं स्वजनों की संख्या | ||
{भारत में निम्नलिखित में से प्राय: कौन-से प्रकार के लोगों में परिवार नहीं मिलते हैं? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-01 | {[[भारत]] में निम्नलिखित में से प्राय: कौन-से प्रकार के लोगों में [[परिवार]] नहीं मिलते हैं? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-01 | ||
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-नगरीय व्यापारी वर्ग | -नगरीय व्यापारी वर्ग | ||
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-उद्विकासीय | -उद्विकासीय | ||
{निम्न में से कौन-सी जनजाति बिहार में मिलती है?(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-01 | {निम्न में से कौन-सी जनजाति [[बिहार]] में मिलती है?(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-01 | ||
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-लुशाई | -लुशाई | ||
-टोडा | -[[टोडा जनजाति|टोडा]] | ||
+असुर | +[[असुर जनजाति|असुर]] | ||
-सेयोंन | -सेयोंन | ||
{निम्नलिखित में से किससे समाजशास्त्र का निकट सम्बंध है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-10 | {निम्नलिखित में से किससे समाजशास्त्र का निकट सम्बंध है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-10 | ||
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-इतिहास | -[[इतिहास]] | ||
-राजनीति | -राजनीति | ||
+मनोविज्ञान | +मनोविज्ञान | ||
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{भूमिका को परिभाषित किया गया है- (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-546;प्रश्न-12 | {भूमिका को परिभाषित किया गया है- (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-546;प्रश्न-12 | ||
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-एक विशेष परिस्थिति में एक क्रिया के रूप में | -एक विशेष परिस्थिति में एक क्रिया के रूप में | ||
-अपेक्षित कार्य के रूप में | -अपेक्षित कार्य के रूप में | ||
+बुजुर्गों द्वारा निर्देशित क्रिया के रूप में | +बुजुर्गों द्वारा निर्देशित क्रिया के रूप में | ||
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{ | {सामाजिक परिवर्तन का ‘द्वन्द्वात्मक सिद्धांत’ किसने प्रतिपादित किया था? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-02;प्रश्न-26 | ||
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-कोजर | -कोजर | ||
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-पारसन्स | -पारसन्स | ||
{यद्यपि बहुत पहले से प्रस्थिति और भूमिका की अवधारणा साहित्य में प्रयुक्त हो रही है, परंतु वर्णन और विश्लेषण के उपयोगी उपादानों के रूप में इन अवधारणाओं के प्रयोग का श्रेय किसे है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-10 | {यद्यपि बहुत पहले से प्रस्थिति और भूमिका की अवधारणा [[साहित्य]] में प्रयुक्त हो रही है, परंतु वर्णन और विश्लेषण के उपयोगी उपादानों के रूप में इन अवधारणाओं के प्रयोग का श्रेय किसे है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-10 | ||
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+मानवशास्त्री लिंटन | +मानवशास्त्री लिंटन | ||
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+उपरोक्त तीनों | +उपरोक्त तीनों | ||
{निम्न में से कौन-सी समाज की निर्माणक | {निम्न में से कौन-सी समाज की निर्माणक इकाई है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-460;प्रश्न-02 | ||
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-संस्थाएँ | -संस्थाएँ | ||
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{निम्न में से किस जनजाति में ‘भ्रातृ बहुपति प्रथा’ प्रचलित है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-02 | {निम्न में से किस जनजाति में ‘भ्रातृ बहुपति प्रथा’ प्रचलित है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-02 | ||
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+टोडा | +[[टोडा जनजाति|टोडा]] | ||
-आयातनी | -आयातनी | ||
-जौनसारी | -[[जौनसारी जनजाति|जौनसारी]] | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{धर्म के आधार पर संविधान के किस अनुच्छेद में भेद-भाव वर्जित है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-11 | {[[धर्म]] के आधार पर [[भारत का संविधान|संविधान]] के किस अनुच्छेद में भेद-भाव वर्जित है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-11 | ||
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+अनुच्छेद 15 | +अनुच्छेद 15 | ||
-अनुच्छेद 19 | -अनुच्छेद 19 | ||
-अनुच्छेद 21 | -अनुच्छेद 21 | ||
-अनुच्छेद 23 | -अनुच्छेद 23 | ||
{किसने कहा है कि | {किसने कहा है कि "प्रारम्भिक समाजशास्त्र विश्वकोषिक, उद्भावय और सकारात्मक विज्ञान था?" (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-14 | ||
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+अलेक्स इंकेलस | +अलेक्स इंकेलस | ||
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-जी.एस. घुरिये | -जी.एस. घुरिये | ||
{परिवार की उत्पत्ति के लिए आवश्यक कारण है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-44 | {[[परिवार]] की उत्पत्ति के लिए आवश्यक कारण है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-44 | ||
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-यौन लालसा | -यौन लालसा | ||
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{ | {निम्न में से कौन-सी विशेषता सामाजिक विभेदीकरण नहीं है?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-149,प्रश्न-8 | ||
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-सार्वभौमिकता | |||
- | -तटस्थ अवधारणा | ||
- | -स्वत: विकसित | ||
- | +श्रेणी-भेद | ||
{बीरस्टीड के अनुसार कौन-सा सामाजिक आदर्श नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-11 | {बीरस्टीड के अनुसार कौन-सा सामाजिक आदर्श नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-11 | ||
| पंक्ति 165: | पंक्ति 165: | ||
{कार्ल मार्क्स के अनुसार सामुदायिक भूमि-स्वामित्व पाया जाता है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-03 | {कार्ल मार्क्स के अनुसार सामुदायिक भूमि-स्वामित्व पाया जाता है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-03 | ||
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+एशियाई उत्पादन रीति में | +एशियाई उत्पादन रीति में | ||
-प्राचीन उत्पादन रीति में | -प्राचीन उत्पादन रीति में | ||
-सामंती उत्पादन रीति में | -सामंती उत्पादन रीति में | ||
-पूंजीवादी उत्पादन रीति में | -पूंजीवादी उत्पादन रीति में | ||
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-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{मध्य प्रदेश में कौन-सी जनजाति झूम कृषि से जुड़ी हुई है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-03 | {[[मध्य प्रदेश]] में कौन-सी जनजाति झूम कृषि से जुड़ी हुई है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-03 | ||
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-मारिया और कोरकू | -मारिया और [[कोरकू जनजाति|कोरकू]] | ||
- | -[[भूटिया जनजाति|भूटिया]] और [[बैगा जनजाति|बैगा]] | ||
+गोंड और बैगा | +[[गोंड जनजाति|गोंड]] और [[बैगा जनजाति|बैगा]] | ||
-झाइला | -झाइला | ||
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+ईमाइल दुर्खीम | +ईमाइल दुर्खीम | ||
{परिवार के कार्यों को अनिवार्य कार्यों में निम्न में से किसने वर्गीकृत किया है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-45 | {[[परिवार]] के कार्यों को अनिवार्य कार्यों में निम्न में से किसने वर्गीकृत किया है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-45 | ||
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-आगबर्न एवं निमकॉफ़ | -आगबर्न एवं निमकॉफ़ | ||
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-इलियट एवं मेरिल | -इलियट एवं मेरिल | ||
{मध्य प्रदेश में सामाजिक मानवशास्त्र का अध्ययन सर्वप्रथम किस विश्वविद्यालय में हुआ? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-49 | {[[मध्य प्रदेश]] में सामाजिक मानवशास्त्र का अध्ययन सर्वप्रथम किस विश्वविद्यालय में हुआ? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-49 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-देवी अहिल्या | -देवी अहिल्या | ||
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-गतिशीलता | -गतिशीलता | ||
{ | {निम्न में से शिक्षा के सम्बन्ध में कौन-सा कथन अनुचित होगा?(पुस्तक यू.जी.सी. समाज शास्त्र सा.ज्ञा.,पृ.सं.-318,प्रश्न-5 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+ | -शिक्षा व्यक्ति का विकास है। | ||
+शिक्षा अध्ययन का ही दूसरा नाम है। | |||
- | -शिक्षा एक गत्यात्मक प्रक्रिया है। | ||
- | -शिक्षा आंतरिक शक्तियों का विकास है। | ||
{मध्य प्रदेश में संख्या के आधार पर कौन-सी जनजाति सबसे अधिक है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-04 | {[[मध्य प्रदेश]] में संख्या के आधार पर कौन-सी जनजाति सबसे अधिक है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-04 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
- | -[[भूटिया जनजाति|भूटिया]] | ||
+गोंड | +[[गोंड जनजाति|गोंड]] | ||
-भील | -[[भील]] | ||
-कोल | -[[कोल जनजाति|कोल]] | ||
{भारत का सबसे बड़ा शहर कौन-सा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-20 | {[[भारत]] का सबसे बड़ा शहर कौन-सा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-20 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+मुम्बई | +[[मुम्बई]] | ||
-दिल्ली | -[[दिल्ली]] | ||
-चेन्नई | -[[चेन्नई]] | ||
-कोलकाता | -[[कोलकाता]] | ||
{“एक बाज़ार की परिस्थिति द्वारा वर्ग का निर्धारण होता है।“ यह किसने कहा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-16 | {“एक बाज़ार की परिस्थिति द्वारा वर्ग का निर्धारण होता है।“ यह किसने कहा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-16 | ||
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-पी.ए. सोरोकिन | -पी.ए. सोरोकिन | ||
{एक ऊँची जाति के पुरुष का एक नीची जाति की स्त्री से विवाह कहलाता है-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-47 | {एक ऊँची जाति के पुरुष का एक नीची जाति की स्त्री से [[विवाह]] कहलाता है-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-47 | ||
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-अनुलोम विवाह | -[[अनुलोम विवाह]] | ||
+प्रतिलोम विवाह | +[[प्रतिलोम विवाह]] | ||
-कुलीन विवाह | -कुलीन विवाह | ||
-वरीयता प्राप्त विवाह | -वरीयता प्राप्त विवाह | ||
{युवागृह गोडुल किस जनजाति में पाये जाते हैं? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-48 | {युवागृह 'गोडुल' किस जनजाति में पाये जाते हैं? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-48 | ||
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-भील | -[[भील]] | ||
- | -[[गोंड जनजाति|गोंड]] | ||
-कमार | -[[कमार]] | ||
+कादर | +कादर | ||
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{सामाजिक संरचना का मुख्य आधार है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-460;प्रश्न-05 | {सामाजिक संरचना का मुख्य आधार है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-460;प्रश्न-05 | ||
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+धर्म | +[[धर्म]] | ||
-सामाजिक सम्बंध | -सामाजिक सम्बंध | ||
-संस्कृति | -[[संस्कृति]] | ||
-शिक्षा | -शिक्षा | ||
{मणिपुर और त्रिपुरा के मध्य स्थित चिरागम पर्वत शृंखला में पाई जाने वाली जनजाति कौन-सी है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-05 | {[[मणिपुर]] और [[त्रिपुरा]] के मध्य स्थित चिरागम पर्वत शृंखला में पाई जाने वाली जनजाति कौन-सी है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-05 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गारो | -गारो | ||
- | -[[खासी जाति|खासी]] | ||
-कुकी | -[[कुकी जनजाति|कुकी]] | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
{मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा शहर कौन-सा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-21 | {[[मध्य प्रदेश]] का सबसे बड़ा शहर कौन-सा है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-500;प्रश्न-21 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+इंदौर | +[[इंदौर]] | ||
-भोपाल | -[[भोपाल]] | ||
-जबलपुर | -[[जबलपुर]] | ||
-रायपुर | -[[रायपुर]] | ||
{संस्कृति का अभिप्राय-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-17 | {[[संस्कृति]] का अभिप्राय-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-17 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जीवन के भौतिक पहलुओं से | -जीवन के भौतिक पहलुओं से है। | ||
+सामाजिक जीवन के विचारात्मक पहलुओं से | +सामाजिक जीवन के विचारात्मक पहलुओं से है। | ||
-सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों से | -सामाजिक और सांस्कृतिक सुधारों से है। | ||
-तौर-तरीकों और शिष्टाचार से | -तौर-तरीकों और शिष्टाचार से है। | ||
{निम्न में से कौन-सा अंतर्विवाह नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-48 | {निम्न में से कौन-सा [[अंतर्विवाह]] नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-48 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-गोत्र के अंदर विवाह | -[[गोत्र]] के अंदर [[विवाह]] | ||
-सपिण्ड के अंदर विवाह | -सपिण्ड के अंदर विवाह | ||
+जाति के भीतर विवाह | +जाति के भीतर [[विवाह]] | ||
-अंतर्जातीय विवाह | -[[अंतर्जातीय विवाह]] | ||
{वर्ग के सम्बंध में क्या सही नहीं है?(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-46 | {वर्ग के सम्बंध में क्या सही नहीं है?(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-46 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-जाति से ही वर्ग की उत्पत्ति | -जाति से ही वर्ग की उत्पत्ति हुई। | ||
+वर्ग औद्योगीकरण के कारण हुआ | +वर्ग औद्योगीकरण के कारण हुआ है। | ||
-वर्ग | -वर्ग जन्मजात है। | ||
-वर्ग का जाति से कोई सम्बंध नहीं | -वर्ग का जाति से कोई सम्बंध नहीं होता। | ||
| पंक्ति 381: | पंक्ति 381: | ||
{‘टोटमवाद’ विश्वास करता है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-07 | {‘टोटमवाद’ विश्वास करता है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-07 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-प्रयोजन में जिसमें चित तथा मन निहित | -प्रयोजन में जिसमें चित तथा मन निहित है। | ||
-देवता में जिसमें शक्ति तथा चित निहित | -[[देवता]] में जिसमें शक्ति तथा चित निहित है। | ||
-चित में जिसमें शक्ति तथा धार्मिकता निहित | -चित में जिसमें शक्ति तथा धार्मिकता निहित है। | ||
+प्रयोजन में जिसमें चित तथा शक्ति निहित | +प्रयोजन में जिसमें चित तथा शक्ति निहित है। | ||
{समाजशास्त्र के स्वरूपात्मक सम्प्रदाय के मुख्य प्रवर्तक कौन थे? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-407;प्रश्न-65 | {समाजशास्त्र के स्वरूपात्मक सम्प्रदाय के मुख्य प्रवर्तक कौन थे? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-407;प्रश्न-65 | ||
| पंक्ति 396: | पंक्ति 396: | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+संस्तरण | +संस्तरण | ||
- | -[[अंतर्विवाह]] | ||
-वर्ण व्यवस्था | -[[वर्ण व्यवस्था]] | ||
-खान-पान के प्रतिबन्ध | -खान-पान के प्रतिबन्ध | ||
{‘पोटलैच उत्सव’ किस जनजाति से जुड़ा हुआ है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-06 | {‘पोटलैच उत्सव’ किस जनजाति से जुड़ा हुआ है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-06 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+क्वाक्यूटल-उत्तरी अमरीका | +क्वाक्यूटल-[[उत्तरी अमरीका महाद्वीप|उत्तरी अमरीका]] | ||
-सेमोंग-बोर्निया | -सेमोंग-बोर्निया | ||
-बुशमैन-दक्षिण अफ़्रीका | -बुशमैन-[[दक्षिण अफ़्रीका]] | ||
-माओरी-न्यूजीलैण्ड | -माओरी-न्यूजीलैण्ड | ||
| पंक्ति 412: | पंक्ति 412: | ||
+निरक्षरता | +निरक्षरता | ||
-परम्परा | -परम्परा | ||
-संस्कृति | -[[संस्कृति]] | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-18 | {निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-18 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+मानक साधन है और मूल्य साध्य | +मानक साधन है और मूल्य साध्य है। | ||
-मानक और मूल्य साध्य | -मानक और मूल्य साध्य हैं। | ||
-मानक और मूल्य तो साधन | -मानक और मूल्य तो साधन हैं और साध्य हैं। | ||
-मानक और मूल्य न तो साधन | -मानक और मूल्य न तो साधन हैं और न साध्य हैं। | ||
{एक ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिल जुलकर कार्य करने में, जिसे सब लोग चाहते हैं, निम्न में से कौन-सी भावना निहित होती है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-50 | {एक ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मिल जुलकर कार्य करने में, जिसे सब लोग चाहते हैं, निम्न में से कौन-सी भावना निहित होती है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-570;प्रश्न-50 | ||
| पंक्ति 428: | पंक्ति 428: | ||
-समझौता | -समझौता | ||
{वर्तमान भारत में संगठित मजदूर मुख्य रूप से निम्न में से किसका प्रतिनिधित्व करता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-55 | {वर्तमान [[भारत]] में संगठित मजदूर मुख्य रूप से निम्न में से किसका प्रतिनिधित्व करता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-55 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-एक सुपरिभाषित वर्ग | -एक सुपरिभाषित वर्ग | ||
| पंक्ति 446: | पंक्ति 446: | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सी विज्ञप्ति सही है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-15 | {निम्नलिखित में से कौन-सी विज्ञप्ति सही है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-52;प्रश्न-15 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सामाजिक संरचना अन्तर्वैयक्तिक सम्बंधों का जाल | -सामाजिक संरचना अन्तर्वैयक्तिक सम्बंधों का जाल है। | ||
-सामाजिक संरचना सामाजिक संगठन | -सामाजिक संरचना सामाजिक संगठन है। | ||
+उपरोक्त दोनों | +उपरोक्त दोनों | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
{आदिम समाज में आत्मा की अवधारणा (अणिमा) सम्बंधी समाज व्यवस्था के सिद्धांत का सूत्रपात किसके द्वारा किया गया था? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-08 | {आदिम समाज में [[आत्मा]] की अवधारणा (अणिमा) सम्बंधी समाज व्यवस्था के सिद्धांत का सूत्रपात किसके द्वारा किया गया था? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-08 | ||
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-ईमाइल दुर्खीम | -ईमाइल दुर्खीम | ||
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{समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-407;प्रश्न-66 | {समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ है-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-407;प्रश्न-66 | ||
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-साहित्य का अध्ययन | -[[साहित्य]] का अध्ययन | ||
-विज्ञानों का अध्ययन | -[[विज्ञान|विज्ञानों]] का अध्ययन | ||
+समाज का विज्ञान | +समाज का विज्ञान | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
| पंक्ति 472: | पंक्ति 472: | ||
-एस.जी. दुबे | -एस.जी. दुबे | ||
{लेप्चा जनजाति भारत के किस राज्य में पाई जाती है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-07 | {[[लेप्चा|लेप्चा जनजाति]] [[भारत]] के किस राज्य में पाई जाती है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-478;प्रश्न-07 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
+बंगाल | +[[बंगाल]] | ||
-सिक्किम | -[[सिक्किम]] | ||
-बिहार | -[[बिहार]] | ||
-उत्तर प्रदेश | -[[उत्तर प्रदेश]] | ||
{बांझपन का कारण है-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-501;प्रश्न-25 | {बांझपन का कारण है-(यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-501;प्रश्न-25 | ||
| पंक्ति 488: | पंक्ति 488: | ||
{निम्नलिखित में से प्राथमिक समूह की पहचान कीजिए? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-19 | {निम्नलिखित में से प्राथमिक समूह की पहचान कीजिए? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-19 | ||
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-बस में जा रहे यात्री | -बस में जा रहे यात्री | ||
-सिनेमा घर में चलचित्र देखने वाले व्यक्ति, | -सिनेमा घर में चलचित्र देखने वाले व्यक्ति, | ||
+फुटबाल टीम | +फुटबाल टीम | ||
-दुर्घटना स्थल पर एकत्रित लोग | -दुर्घटना स्थल पर एकत्रित लोग | ||
{निम्नलिखित में से किस एक प्रकार का ग्राम भारत के पश्चिम किनारे पर जैसे कि दक्षिण कन्नड़ और केरल में पाया जाता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-596;प्रश्न-31 | {निम्नलिखित में से किस एक प्रकार का [[ग्राम]] [[भारत]] के पश्चिम किनारे पर जैसे कि दक्षिण कन्नड़ और [[केरल]] में पाया जाता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-596;प्रश्न-31 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-नाभिकीय ग्राम | -नाभिकीय ग्राम | ||
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-परिव्यक्त ग्राम | -परिव्यक्त ग्राम | ||
{एक बहुजातीय ग्राम में एक हरिजन परिवार एक ब्राह्मण परिवार की जीवन शैली का अनुसरण करने का प्रयास करता है। परिणामत: हरिजन परिवार की जीवन शैली में कुछ परिवर्तन घटित होते हैं। समाजशास्त्रीय भाषा शैली में ऐसे परिवर्तनों को निम्न में से किस पर आरोपित किया जाता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-56 | {एक बहुजातीय ग्राम में एक हरिजन [[परिवार]] एक [[ब्राह्मण]] [[परिवार]] की जीवन शैली का अनुसरण करने का प्रयास करता है। परिणामत: हरिजन परिवार की जीवन शैली में कुछ परिवर्तन घटित होते हैं। समाजशास्त्रीय भाषा शैली में ऐसे परिवर्तनों को निम्न में से किस पर आरोपित किया जाता है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-597;प्रश्न-56 | ||
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+अनुकरण | +अनुकरण | ||
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{निम्न युग्मों से कौन-सा एक सही नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.- 04;प्रश्न-44 | {निम्न युग्मों से कौन-सा एक सही नहीं है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.- 04;प्रश्न-44 | ||
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-प्राथमिक समूह-कूले | -प्राथमिक समूह - कूले | ||
+संदर्भ समूह-मर्टन | +संदर्भ समूह - मर्टन | ||
-बाह्य समूह-समनर | -बाह्य समूह - समनर | ||
-मानव समूह-वेबर | -मानव समूह - वेबर | ||
{निम्न में से कौन-सा सुमेलित है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-53;प्रश्न-20 | {निम्न में से कौन-सा सुमेलित है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-53;प्रश्न-20 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-बेवर और दहिया-मध्य प्रदेश | -बेवर और दहिया - [[मध्य प्रदेश]] | ||
-पोडू-आध्र प्रदेश | -पोडू - [[आध्र प्रदेश]] | ||
-झूम-असम, त्रिपुरा, मिजोरम | -झूम - [[असम]], [[त्रिपुरा]], [[मिजोरम]] | ||
+उपरोक्त सभी | +उपरोक्त सभी | ||
{आदिम समाजों में दीक्षा-समारोह प्रकार्यात्मक है, क्योंकि वे-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-11 | {आदिम समाजों में दीक्षा-समारोह प्रकार्यात्मक है, क्योंकि वे-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-345;प्रश्न-11 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-सर्वोच्च शक्ति तथा परंपरा के मूल्य के अनुष्ठान और उनकी ही अभिव्यक्ति | -सर्वोच्च शक्ति तथा परंपरा के मूल्य के अनुष्ठान और उनकी ही अभिव्यक्ति है। | ||
+सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की प्रथागत तथा लोकशक्ति | +सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की प्रथागत तथा लोकशक्ति है। | ||
-सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की परम्परागत तथा सही अभिव्यक्ति | -सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की परम्परागत तथा सही अभिव्यक्ति है। | ||
-सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की अंधविश्वासी नातेदारी अभिव्यक्ति | -सर्वोच्च शक्ति तथा परम्परा के मूल्य की अंधविश्वासी नातेदारी अभिव्यक्ति है। | ||
{निम्नलिखित में से कौन-सा सामाजिक समूह की विशेषता है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-408;प्रश्न-69 | {निम्नलिखित में से कौन-सा सामाजिक समूह की विशेषता है? (यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-408;प्रश्न-69 | ||
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+किसी दुर्घटनावश व्यक्तियों का एकत्रित | +किसी दुर्घटनावश व्यक्तियों का एकत्रित होना। | ||
-किसी दुकान पर कुछ व्यक्तियों की | -किसी दुकान पर कुछ व्यक्तियों की संख्या। | ||
-दो या अधिक व्यक्ति जो सामाजिक सम्बंध से आबद्ध | -दो या अधिक व्यक्ति जो सामाजिक सम्बंध से आबद्ध हों। | ||
-किसी स्थान पर लोगों का | -किसी स्थान पर लोगों का संग्रह। | ||
{संस्थाएँ होती हैं-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-460;प्रश्न-08 | {संस्थाएँ होती हैं-(यूजीसी समाजशास्त्र,पृ.सं.-460;प्रश्न-08 | ||
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{एक प्राथमिक समूह का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण लक्ष्य क्या है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-20 | {एक प्राथमिक समूह का अत्यन्त महत्त्वपूर्ण लक्ष्य क्या है? (यूजीसी समाजशास्त,पृ.सं.-547;प्रश्न-20 | ||
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-सदस्यों की भौतिक समीयता | -सदस्यों की भौतिक समीयता | ||
-समूह का लघु आकार | -समूह का लघु आकार | ||
-उद्देश्यों की समरूपता | -उद्देश्यों की समरूपता | ||
+स्वत: और घनिष्ठ सम्बंध | +स्वत: और घनिष्ठ सम्बंध | ||
10:00, 12 फ़रवरी 2015 का अवतरण
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