"अंग ढीले पड़ना": अवतरणों में अंतर
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'''प्रयोग'''- अब मुझसे हल नहीं चलाया जाता शरीर सूख गया है, अंग ढीले पड़ गए हैं। (प्रेमचंद) | '''प्रयोग'''- अब मुझसे हल नहीं चलाया जाता शरीर सूख गया है, अंग ढीले पड़ गए हैं। ([[प्रेमचंद]]) | ||
11:27, 1 अक्टूबर 2015 का अवतरण
अंग ढीले पड़ना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।
अर्थ- जोड़ों तथा मांसपेशियों में (पहले कीसी) कसावट न रह जाना, फलतः उनका सुचारू रूप से काम न करना।
प्रयोग- अब मुझसे हल नहीं चलाया जाता शरीर सूख गया है, अंग ढीले पड़ गए हैं। (प्रेमचंद)