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'''अंत पाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
'''अंत पाना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।


'''अर्थ'''-  भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न करना
'''अर्थ'''-  भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न करना।


'''प्रयोग'''-  
'''प्रयोग'''-  
#जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं।-[[सीताराम चतुर्वेदी]]।
#जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं।         - [[सीताराम चतुर्वेदी]]।
#यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली। -[[प्रेमचंद]]।
#यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली।         - [[प्रेमचंद]]।


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

12:43, 2 अक्टूबर 2015 का अवतरण

अंत पाना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- भेद जानना, मर्म जानना, रहस्य जानने या भेद लेने का प्रयत्न करना।

प्रयोग-

  1. जिसका कोई ओर-छोर न हो उसका अंत पाना संभव नहीं। - सीताराम चतुर्वेदी
  2. यहाँ वह आया तो मेरा अंत ही लेने था, पर उसकी दाल नहीं गली। - प्रेमचंद

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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