"आँखों में बैठाना": अवतरणों में अंतर
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'''अर्थ'''- आदरपूर्वक स्थान देना। | '''अर्थ'''- आदरपूर्वक स्थान देना। | ||
'''प्रयोग'''- | '''प्रयोग'''- नारी तो एक बार जिसे [[आँख|आँखों]] के कोए में बिठा लेती है उसे उतार नही पातीं। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह) | ||