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'''अर्थ'''- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना।
'''अर्थ'''- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना।


'''प्रयोग'''- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ [[बरसाना|बरसों]] सोया और जागा, रोया और [[हँसी की चोट -देव|हँसा]] उभर आया इन [[आँख|आँखों]] के सामने। - ([[राधिका|राजा राधिका प्रसाद सिंह]])  
'''प्रयोग'''- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ बरसों सोया और जागा, रोया और हँसा उभर आया इन [[आँख|आँखों]] के सामने। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)  





11:56, 24 अक्टूबर 2015 का अवतरण

आँखों के सामने उभर आना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- मानसिक चक्षुओं को स्पष्ट दिकाई पड़ना।

प्रयोग- और तो और इलियट लेन का वह छोटा सा मकान जहाँ बरसों सोया और जागा, रोया और हँसा उभर आया इन आँखों के सामने। - (राजा राधिका प्रसाद सिंह)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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