"घर में झाड फिरना": अवतरणों में अंतर

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'''अर्थ'''- घर में कुछ भी न रह जाना।
'''अर्थ'''- घर में कुछ भी न रह जाना।


'''प्रयोग'''- घर में झाड़ फिरी हुई थी, एक टूटी हाँडी भी न मिली। (प्रेमचंद)
'''प्रयोग'''- घर में झाड़ फिरी हुई थी, एक टूटी हाँडी भी न मिली। ([[प्रेमचंद]])


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

06:25, 28 अक्टूबर 2015 का अवतरण

घर में झाड फिरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- घर में कुछ भी न रह जाना।

प्रयोग- घर में झाड़ फिरी हुई थी, एक टूटी हाँडी भी न मिली। (प्रेमचंद)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

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