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-मक्खी के काटने से | -मक्खी के काटने से | ||
-[[कुत्ता|कुत्ते]] के काटने से | -[[कुत्ता|कुत्ते]] के काटने से | ||
-नर | -नर एनॉफ़िलीज़ मच्छर के कटाने पर | ||
+मादा | +मादा एनॉफ़िलीज़ मच्छर के काटने पर | ||
||मलेरिया, मच्छर वाहित संक्रामक रोग है जो कि परजीवी | ||मलेरिया, मच्छर वाहित संक्रामक रोग है जो कि परजीवी प्रोटोज़ोआ (प्लाज़्मोडियम) द्वारा होता है। यह प्लाज़्मोडियम मादा एनॉफ़िलीज़ मच्छर द्वारा मानव में प्रवेश करता है। | ||
{'वाटर पोलो मैच' में गोल पोस्ट की चौड़ाई होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-1 | {'वाटर पोलो मैच' में गोल पोस्ट की चौड़ाई होती है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-1 | ||
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-चार मीटर | -चार मीटर | ||
-ढाई मीटर | -ढाई मीटर | ||
||पोलो का एक अन्य रूप वाटर पोलो है जो घोड़ों पर बैठकर खेलने के बजाय पानी से भरे तालाब में खेला जाता है। इस खेल में प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं। इसमें एक | ||पोलो का एक अन्य रूप वाटर पोलो है जो घोड़ों पर बैठकर खेलने के बजाय पानी से भरे तालाब में खेला जाता है। इस खेल में प्रत्येक टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं। इसमें एक गोलकीपर और छ: फील्ड खिलाड़ी होते हैं। गोल पोस्ट की चौड़ाई तीन मीटर होती है। | ||
{देवधर ट्रॉफी प्रतियोगिता किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-1 | {देवधर ट्रॉफी प्रतियोगिता किस खेल से संबंधित है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-1 | ||
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||देवधर ट्रॉफी [[क्रिकेट]] खेल से सम्बंधित है। | ||देवधर ट्रॉफी [[क्रिकेट]] खेल से सम्बंधित है। | ||
{ओलंपिक ध्वज में पांच छल्लों का संबंध है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-1 | {[[ओलंपिक|ओलंपिक ध्वज]] में पांच छल्लों का संबंध है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-78 प्रश्न-1 | ||
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-ओलंपिक चिह्न से | -ओलंपिक चिह्न से | ||
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||ओलंपिक ध्वज वर्ष [[1914]] में बैरेन पियरे डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष [[1920]] के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह सफेद रेशम का बना होता है। [[ध्वज]] के बीच में एक-दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो मैत्रीभाव को प्रदर्शित करते हैं। इनके रंग [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग|लाल]] होते हैं। | ||ओलंपिक ध्वज वर्ष [[1914]] में बैरेन पियरे डी कुबर्टिन द्वारा बनाए गए मॉडल पर आधारित है। इसे प्रथम बार वर्ष [[1920]] के एंटवर्प (बेल्जियम) ओलंपिक में फहराया गया था। यह सफेद रेशम का बना होता है। [[ध्वज]] के बीच में एक-दूसरे से जुड़े विभिन्न रंगों के पांच छल्ले होते हैं जो मैत्रीभाव को प्रदर्शित करते हैं। इनके रंग [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग|लाल]] होते हैं। | ||
{मानव खोपड़ी में हड्डियों की संख्या होती है-(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-1 | {[[कपाल|मानव खोपड़ी]] में हड्डियों की संख्या होती है-(शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-1 | ||
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||मनुष्य के [[खोपड़ी]] में कुल अस्थियों की संख्या 28 होती है जिनमें से 8 [[मस्तिष्क]] के चारों ओर का मस्तिष्क खोल अर्थात कपाल बनाती हैं। शेष हड्डियों में 14 हड्डी चेहरे का [[कंकाल]] बनाती हैं, शेष 6 कर्ण अस्थियां होती हैं जो सुनने में सहायक होती हैं। | ||मनुष्य के [[खोपड़ी]] में कुल अस्थियों की संख्या 28 होती है जिनमें से 8 [[मस्तिष्क]] के चारों ओर का मस्तिष्क खोल अर्थात कपाल बनाती हैं। शेष हड्डियों में 14 हड्डी चेहरे का [[कंकाल]] बनाती हैं, शेष 6 कर्ण अस्थियां होती हैं जो सुनने में सहायक होती हैं। | ||
{ | {गामक कौशल (Motor Skills) सीखने का उत्तम ढंग क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-11 | ||
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-अनुकरण | -अनुकरण | ||
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-भंगिमा | -भंगिमा | ||
+विकास | +विकास | ||
-हाजिर | -हाजिर ज़वाबी | ||
-अच्छी आदत | -अच्छी आदत | ||
||स्वास्थ्य के लिए अच्छा पोषण संतुलित आहार के माध्यम से प्राप्त होता है तथा यह शरीर के समुचित विकास में सहायता होता है। संतुलित आहार से तात्पर्य है सही किस्म के भोजन एवं तरल पदार्थों के माध्यम से शरीर को पौष्टिक तत्त्व व ऊर्जा प्रदान करना ताकि शरीर अपनी [[कोशिका|कोशिकाओं]], [[ऊतक|ऊतकों]] व अंगों का रख-रखाव कर सके और सामान्य वृद्धि एवं विकास को सुनिश्चित बना सके। संतुलित भोजन से अभिप्राय है ऐसा भोजन जिसमें हर पौष्टिक तत्त्व सही मात्रा में हों। | ||स्वास्थ्य के लिए अच्छा पोषण संतुलित आहार के माध्यम से प्राप्त होता है तथा यह शरीर के समुचित विकास में सहायता होता है। संतुलित आहार से तात्पर्य है सही किस्म के भोजन एवं तरल पदार्थों के माध्यम से शरीर को पौष्टिक तत्त्व व ऊर्जा प्रदान करना ताकि शरीर अपनी [[कोशिका|कोशिकाओं]], [[ऊतक|ऊतकों]] व अंगों का रख-रखाव कर सके और सामान्य वृद्धि एवं विकास को सुनिश्चित बना सके। संतुलित भोजन से अभिप्राय है ऐसा भोजन जिसमें हर पौष्टिक तत्त्व सही मात्रा में हों। | ||
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+राष्ट्रीय फ़ुटबॉल चैंपियनशिप से | +राष्ट्रीय फ़ुटबॉल चैंपियनशिप से | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||संतोष ट्रॉफी [[भारत]]का एक वार्षिक राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टूर्नामेंट है जो [[राज्य|राज्यों]] तथा सरकारी संस्थानों के मध्य खेला जाता है। इस प्रतियोगिता का प्रथम विजेता [[बंगाल]] है जो अब तक सर्वाधिक 31 बार इस प्रतियोगिता को जीत चुका है। | ||संतोष ट्रॉफी [[भारत]] का एक वार्षिक राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टूर्नामेंट है जो [[राज्य|राज्यों]] तथा सरकारी संस्थानों के मध्य खेला जाता है। इस प्रतियोगिता का प्रथम विजेता [[बंगाल]] है जो अब तक सर्वाधिक 31 बार इस प्रतियोगिता को जीत चुका है। | ||
{ओलंपिक झंडे में विभिन्न रंगों के कुल कितने छल्ले होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-1 | {[[ओलम्पिक|ओलंपिक झंडे]] में विभिन्न रंगों के कुल कितने छल्ले होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-1 | ||
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+5 | +5 | ||
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||वर्ष [[1914]] में पियरे डी कुबर्टिन के सुझाव पर ओलंपिक ध्वज बनाया गया। ओलंपिक ध्वज सर्वप्रथम एंटवर्प ओलंपिक में वर्ष [[1920]] में फहराया गया। इसमें एक-दूसरे में पिरोए हुए पांच वृत्ताकार छल्ले होते हैं जो क्रमश: [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग]] के होते हैं। ये छल्ले पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] के प्रतीक हैं और आपसी सद्भाव को प्रदर्शित करते हैं। | ||वर्ष [[1914]] में पियरे डी कुबर्टिन के सुझाव पर ओलंपिक ध्वज बनाया गया। ओलंपिक ध्वज सर्वप्रथम एंटवर्प ओलंपिक में वर्ष [[1920]] में फहराया गया। इसमें एक-दूसरे में पिरोए हुए पांच वृत्ताकार छल्ले होते हैं जो क्रमश: [[नीला रंग|नीला]], [[पीला रंग|पीला]], [[काला रंग|काला]], [[हरा रंग|हरा]] एवं [[लाल रंग]] के होते हैं। ये छल्ले पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] के प्रतीक हैं और आपसी सद्भाव को प्रदर्शित करते हैं। | ||
{खेल-कूद प्रशिक्षण का कौन-सा सिद्धांत सामान्य | {खेल-कूद प्रशिक्षण का कौन-सा सिद्धांत सामान्य गामक कौशल (General Motor Skills) और फिटनेस विकास का हवाला देता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-101 | ||
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-अतिभार का सिद्धांत | -अतिभार का सिद्धांत | ||
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-विशिष्टता का सिद्धांत | -विशिष्टता का सिद्धांत | ||
+आवर्तनीकरण का सिद्धांत | +आवर्तनीकरण का सिद्धांत | ||
||खेल-कूद प्रशिक्षण में आवर्तनीकरण का सिद्धांत (Principle of Periodization), सामान्य | ||खेल-कूद प्रशिक्षण में आवर्तनीकरण का सिद्धांत (Principle of Periodization), सामान्य गामक कौशल (General motor skill) और फिटनेस विकास से संबंधित है। मोटर कौशल, किसी कार्य को अधिकतम निश्चिंतता, न्यूनतम ऊर्जा और न्यूनतम समय में करने की क्षमता से संबंधित है। | ||
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-12 | -12 | ||
-14 | -14 | ||
||सामने के ऊपर व नीचे के दांत | ||सामने के ऊपर व नीचे के दांत इनसीज़र कहलाते हैं। वे भोजन को पकड़ने व चीरने के काम आते हैं। उसके बाद केनाइन, प्री मोलर तथा मोलर दांत होते हैं। | ||
{संक्रामक रोग का प्रसार कैसे होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-2 | {संक्रामक रोग का प्रसार कैसे होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-2 | ||
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-[[जल]] तथा भोजन के द्वारा | -[[जल]] तथा भोजन के द्वारा | ||
-कीड़ों के द्वारा | -कीड़ों के द्वारा | ||
+ | +इन सभी के द्वारा | ||
|| | ||संक्रामक रोग का तात्पर्य फैलने वाले रोग से है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक या एक जंतु से दूसरे जंतु तक एक प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप पर फैलते हैं। संक्रामक रोगों के कारण जैसे वाइरस, [[बैक्टीरिया]] एवं अन्य सूक्ष्मजीव वातावरण के माध्यम जैसे- हवा, धूल, मिट्टी, पानी, भोजन या सीधे संपर्क आदि के कारण फैलते हैं। | ||
{अभ्यास के नियम का आविष्कार किसने किया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-2 | {अभ्यास के नियम का आविष्कार किसने किया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-2 | ||
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+70-71 | +70-71 | ||
-उपर्युक्त में से कोई नहीं | -उपर्युक्त में से कोई नहीं | ||
||स्वस्थ मनुष्य के हृदय की सामान्य धड़कन 72 बार प्रति मिनट होती है परंतु डॉक्टर 60 से 100 बीट प्रति मिनट को सामान्य रेंज मानते हैं। खेल-कूद/एरोबिक प्रशिक्षण दिल को बड़ा कर देते हैं तथा धड़कन धीमी कर देते हैं। बहुत-से अच्छे प्रशिक्षित एथलीटों/खिलाड़ियों की धड़कन 40 से 60 प्रति मिनट होती है। | ||स्वस्थ मनुष्य के [[हृदय]] की सामान्य धड़कन 72 बार प्रति मिनट होती है परंतु डॉक्टर 60 से 100 बीट प्रति मिनट को सामान्य रेंज मानते हैं। खेल-कूद/एरोबिक प्रशिक्षण दिल को बड़ा कर देते हैं तथा धड़कन धीमी कर देते हैं। बहुत-से अच्छे प्रशिक्षित एथलीटों/खिलाड़ियों की धड़कन 40 से 60 प्रति मिनट होती है। | ||
{फिटनेस क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-3 | {फिटनेस क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-112 प्रश्न-3 | ||
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-[[नई दिल्ली]] में | -[[नई दिल्ली]] में | ||
-[[जयपुर]] में | -[[जयपुर]] में | ||
-[[हैदराबाद]] | -[[हैदराबाद]] में | ||
||मेजर ध्यानचंद्र स्टेडियम [[लखनऊ]] में स्थित है। [[हॉकी]] के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र की स्मृति में लखनऊ के स्टेडियम का नाम ध्यानचंद्र स्टेडियम रखा गया। ध्यानचंद्र के जन्म दिवस [[29 अगस्त]] को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हॉकी [[भारत]] का [[राष्ट्रीय खेल]] है। | ||मेजर ध्यानचंद्र स्टेडियम [[लखनऊ]] में स्थित है। [[हॉकी]] के जादूगर मेजर ध्यानचंद्र की स्मृति में लखनऊ के स्टेडियम का नाम ध्यानचंद्र स्टेडियम रखा गया। ध्यानचंद्र के जन्म दिवस [[29 अगस्त]] को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। हॉकी [[भारत]] का [[राष्ट्रीय खेल]] है। | ||
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-[[इटली]] | -[[इटली]] | ||
-[[चीन]] | -[[चीन]] | ||
||ओलंपिक शहर ग्रीस यूनान में स्थित है। प्राचीनकाल में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनानी देवता 'जियुस' के सम्मान में प्रत्येक चार वर्षों में खेलों का आयोजन किया जाता था। अत: ओलंपिया स्थान पर खेले जाने के कारण ही इसका नाम ओलंपिक पड़ गया। | ||ओलंपिक शहर ग्रीस [[यूनान]] में स्थित है। प्राचीनकाल में ओलंपिया नामक स्थान पर यूनानी देवता '[[ज्यूस|जियुस]]' के सम्मान में प्रत्येक चार वर्षों में खेलों का आयोजन किया जाता था। अत: ओलंपिया स्थान पर खेले जाने के कारण ही इसका नाम ओलंपिक पड़ गया। | ||
{खेल-कूद प्रशिक्षण में अतिभार का | {खेल-कूद प्रशिक्षण में अतिभार का सम्बंध उस स्थिति से है जब- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-102 | ||
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-शरीर को आवश्यकतानुसार आपूर्ति के लिए पर्याप्त [[ऑक्सीजन]] है। | -शरीर को आवश्यकतानुसार आपूर्ति के लिए पर्याप्त [[ऑक्सीजन]] है। | ||
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{मुख्य श्वसन अंग कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-13 | {मुख्य [[श्वसन]] अंग कौन-सा है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-23 प्रश्न-13 | ||
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-[[नाक]] | -[[नाक]] | ||
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-कंठ | -कंठ | ||
+[[फेफड़ा|फेफड़े]] | +[[फेफड़ा|फेफड़े]] | ||
||हवारोधक थोरेसिक कोठरी में एक जोड़ी [[फेफड़ा|फेफड़े]] स्थित होते हैं। इसके आस-पास कान्वेक्स मांसपेशियां तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। फेफड़ों द्वारा श्वसन प्रक्रिया को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं। | ||हवारोधक थोरेसिक कोठरी में एक जोड़ी [[फेफड़ा|फेफड़े]] स्थित होते हैं। इसके आस-पास कान्वेक्स मांसपेशियां तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। [[फेफड़ा|फेफड़ों]] द्वारा [[श्वसन |श्वसन प्रक्रिया]] को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं। | ||
{वर्ष [[2010]] विश्वकप फ़ुटबॉल में 'गोल्डन बूट' किस खिलाड़ी ने जीता? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-3 | {वर्ष [[2010]] [[विश्व कप फ़ुटबॉल |विश्वकप फ़ुटबॉल]] में 'गोल्डन बूट' किस खिलाड़ी ने जीता? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-3 | ||
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-डेविल विला | -डेविल विला | ||
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+थॉमस मुलर | +थॉमस मुलर | ||
-काका | -काका | ||
||वर्ष [[2010]] विश्व कप फ़ुटबॉल में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार [[जर्मनी]] के थॉमस मुलर को दिया गया था। विश्व कप फ़ुटबॉल [[2014]] में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार कोलंबिया के जेम्स रोड्तीगुएज को तथा गोल्डन बॉल का खिताब अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी को मिला। वर्ष 2018 का फ़ुटबॉल विश्व कप [[रूस]] में एवं वर्ष 2022 का फ़ुटबॉल विश्व कप कतर में आयोजित किया जाएगा। | ||वर्ष [[2010]] [[विश्व कप फ़ुटबॉल]] में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार [[जर्मनी]] के थॉमस मुलर को दिया गया था। विश्व कप फ़ुटबॉल [[2014]] में 'गोल्डन बूट' का पुरस्कार कोलंबिया के जेम्स रोड्तीगुएज को तथा गोल्डन बॉल का खिताब अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी को मिला। वर्ष 2018 का फ़ुटबॉल विश्व कप [[रूस]] में एवं वर्ष 2022 का फ़ुटबॉल विश्व कप कतर में आयोजित किया जाएगा। | ||
{[[अंजू बॉबी जॉर्ज]] संबंधित हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-3 | {[[अंजू बॉबी जॉर्ज]] संबंधित हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-3 | ||
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-घुड़दौड़ | -घुड़दौड़ | ||
-बैलगाड़ी-चालन | -बैलगाड़ी-चालन | ||
+ | +धनुर्विद्या | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[तक्षशिला विश्वविद्यालय]] में तीरंदाजी (धनुर्विद्या) की बहुत उच्च शिक्षा दी जाती थी। यह [[भारत]] में स्थापित विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय था जिसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व में की गई थी। | ||[[तक्षशिला विश्वविद्यालय]] में तीरंदाजी (धनुर्विद्या) की बहुत उच्च शिक्षा दी जाती थी। यह [[भारत]] में स्थापित विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय था जिसकी स्थापना 700 ईसा पूर्व में की गई थी। | ||
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-6.00 लीटर/मिनट | -6.00 लीटर/मिनट | ||
-4.50 लीटर/मिनट | -4.50 लीटर/मिनट | ||
||हृदय के निर्गत (Output) का सामान्य मान 5.04 लीटर/ | ||हृदय के निर्गत (Output) का सामान्य मान 5.04 लीटर/मिनट है। [[हृदय]] के दाएं व बाएं में से किसी एक वेंटिकल द्वारा एक मिनट में पंप किए गए रक्त की मात्रा को हृदय की निवास क्षमता कहते हैं अथवा हृदय की निकास क्षमता=धड़कनों का आयतन X हृदय की धड़कनों की दर =70x72 मीली./मिनट; =5040 मिली./मिनट; =5.04 लीटर/मिनट | ||
{कॉर्पोरेशन स्टेडियम स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-3 | {कॉर्पोरेशन स्टेडियम स्थित है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-3 | ||
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+रक्त वर्ग 'O' | +रक्त वर्ग 'O' | ||
-रक्त वर्ग 'B' | -रक्त वर्ग 'B' | ||
||रक्त वर्ग 'AB' को सर्वग्राही एवं रक्त वर्ग 'O' को सर्वप्रदाता कहते हैं। रक्त वर्ग 'O' में कोई इंटीजन नहीं पाया जाता जबकि दोनों एंटीबॉडी (एंटीबॉडी A तथा एंटीबॉडी B) उपस्थित होते हैं। रक्त वर्ग 'AB' में दोनों प्रतिजन या एंटीजन (A तथा B) उपस्थित होते हैं जबकि | ||रक्त वर्ग 'AB' को सर्वग्राही एवं रक्त वर्ग 'O' को सर्वप्रदाता कहते हैं। रक्त वर्ग 'O' में कोई इंटीजन नहीं पाया जाता जबकि दोनों एंटीबॉडी (एंटीबॉडी A तथा एंटीबॉडी B) उपस्थित होते हैं। रक्त वर्ग 'AB' में दोनों प्रतिजन या एंटीजन (A तथा B) उपस्थित होते हैं जबकि कोई प्रतिरक्षी या एंटीबॉडी नहीं पाया जाता है। | ||
{निम्न में से कौन-सा पोषक तत्त्व गर्मी एवं ताकत प्रदान करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-4 | {निम्न में से कौन-सा पोषक तत्त्व गर्मी एवं ताकत प्रदान करता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-4 | ||
पंक्ति 305: | पंक्ति 305: | ||
-सक्रिय | -सक्रिय | ||
-दीर्घायु | -दीर्घायु | ||
||लचीलापन क्रियाओं की श्रृंखला के माध्यम से एक संयुक्त क्रिया को संपन्न करने की क्षमता है। किसी भी क्रिया में पेशियों के दो समूह काम करते हैं- | ||लचीलापन क्रियाओं की श्रृंखला के माध्यम से एक संयुक्त क्रिया को संपन्न करने की क्षमता है। किसी भी क्रिया में पेशियों के दो समूह काम करते हैं- | ||
1. प्रोटागोनिस्टिक पेशी जिसके कारण क्रिया होती है। | 1. प्रोटागोनिस्टिक पेशी जिसके कारण क्रिया होती है। | ||
2.क्रियाओं का विरोध एवं लोचशीलता का निर्धारण एंटागोनिस्टिक पेशी करती है। | 2.क्रियाओं का विरोध एवं लोचशीलता का निर्धारण एंटागोनिस्टिक पेशी करती है। | ||
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य— | अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य— | ||
लोचशीलता के प्रतिक्षण का लक्ष्य एंटागोनिस्टिक पेशी में सुधार लाना है। | लोचशीलता के प्रतिक्षण का लक्ष्य एंटागोनिस्टिक पेशी में सुधार लाना है। | ||
लचीलापन खिलाड़ियों की तैयारी का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह उनके अंदर हरकत या चालों की सीमा को बढ़ाता है जिससे उनका तकनीकी विकास संभव होता है। साथ ही लचीलापन खिलाड़ियों को चोटों से भी बचाता है। | लचीलापन खिलाड़ियों की तैयारी का एक महत्त्वपूर्ण भाग है। यह उनके अंदर हरकत या चालों की सीमा को बढ़ाता है जिससे उनका तकनीकी विकास संभव होता है। साथ ही लचीलापन खिलाड़ियों को चोटों से भी बचाता है। | ||
लचीलापन हासिल करने के लिए अलग-अलग तकनीकों को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है- स्टैटिक, बैलेस्टिक एवं एसिस्टिड। | लचीलापन हासिल करने के लिए अलग-अलग तकनीकों को तीन वर्गों में बांटा जा सकता है- स्टैटिक, बैलेस्टिक एवं एसिस्टिड। | ||
पंक्ति 321: | पंक्ति 321: | ||
||आधुनिक [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेल प्रतियोगिता]] का प्रारंभ [[6 अप्रैल]], 1896 को [[फ्रांस]] के पियरे डी कुबर्टिन के प्रयासों से यूनान के एथेंस शहर में हुआ। ओलंपिक ध्वज के प्रतीक में चक्रों की संख्या 5 है जो विश्व के पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतियोगिता प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित की जाती है। | ||आधुनिक [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेल प्रतियोगिता]] का प्रारंभ [[6 अप्रैल]], 1896 को [[फ्रांस]] के पियरे डी कुबर्टिन के प्रयासों से यूनान के एथेंस शहर में हुआ। ओलंपिक ध्वज के प्रतीक में चक्रों की संख्या 5 है जो विश्व के पांच [[महाद्वीप|महाद्वीपों]] का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह प्रतियोगिता प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित की जाती है। | ||
{ | {क्लोरोफ़िल किस रंग का होता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-4 | ||
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-[[काला रंग|काला]] | -[[काला रंग|काला]] | ||
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-[[सफेद रंग|सफेद]] | -[[सफेद रंग|सफेद]] | ||
+[[हरा रंग|हरा]] | +[[हरा रंग|हरा]] | ||
|| | ||क्लोरोफ़िल (पर्णहरित) हरे रंग का एक [[प्रोटीन]] युक्त जटिल रासायनिक यौगिक है। क्लोरोफिल ही पेड़-पौधों के पत्तों के हरे रंग के लिए उत्तरदायी होता है। यह प्रकाश-संश्लेषण का मुख्य वर्णक है। इसे फोटोसिंथेटिक पिगमेंट भी कहते हैं। | ||
{निम्नलिखित में से क्या आनुवंशिक अक्षयनिधि के रूप में जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-104 | {निम्नलिखित में से क्या आनुवंशिक अक्षयनिधि के रूप में जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-160 प्रश्न-104 | ||
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-कैंसर | -कैंसर | ||
-दिल का दौरा | -दिल का दौरा | ||
||वाइरल बुख़ार (Viral Fever) वाइरसों के संक्रमण से फैलता है। यह किसी अन्य बीमारी में होने पर उसे और घातक बना देता है। उदाहरणार्थ हेपेटाइटिस तीव्र संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस द्वारा फैलता है। यह वायरस लीवर पर हमला करता है, जिससे रोगी में तेज़ [[ज्वर]] हो जाता है। | ||वाइरल बुख़ार (Viral Fever) वाइरसों के संक्रमण से फैलता है। यह किसी अन्य बीमारी में होने पर उसे और घातक बना देता है। उदाहरणार्थ हेपेटाइटिस तीव्र संक्रामक रोग है जो हेपेटाइटिस वायरस द्वारा फैलता है। यह वायरस [[यकृत|लीवर]] पर हमला करता है, जिससे रोगी में तेज़ [[ज्वर]] हो जाता है। | ||
{'[[आयरन]]' किस खाद्य सामग्री में उपलब्ध है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-5 | {'[[आयरन]]' किस खाद्य सामग्री में उपलब्ध है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-5 | ||
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+सन [[1984]] में | +सन [[1984]] में | ||
-सन [[1985]] में | -सन [[1985]] में | ||
||[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [[1982]] में [[नई दिल्ली]] में नौवें [[एशियाई खेल|एशियाई खेलों]] का उत्तरवर्ती संगठन है जिसे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ | ||[[भारतीय खेल प्राधिकरण]] यानी स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया [[1982]] में [[नई दिल्ली]] में नौवें [[एशियाई खेल|एशियाई खेलों]] का उत्तरवर्ती संगठन है जिसे रजिस्ट्रेशन ऑफ़ सोसाइटीज़ एक्ट, 1860 के तहत एक सोसाइटी के रूप में पंजीकृत किया गया। [[भारत सरकार]] के खेल विभाग ने इस भारतीय खेल प्राधिकरण विषयक प्रस्ताव (1-1/83/SAI) को [[25 जनवरी]], [[1984]] को सर्वसम्मति से पास कर दिया। | ||
{[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी को कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-5 | {[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी को कहते हैं। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-5 | ||
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-फेलेंज | -फेलेंज | ||
+स्टेपीज | +स्टेपीज | ||
||[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी स्टेपीज है जो [[कान]] में पाई जाती है। कान में कुल छ: हड्डियां पाई जाती हैं, जिसमें मैलियस, इनकम एवं स्टेपीज की एक-एक जोड़ी हड्डियां होती हैं। यह छोटी हड्डियां हैं जिन्हें श्रवणात्मक हड्डियां अथवा कान की हड्डियां हैं। टीबिया हड्डी टांग के अग्र भाग में पाई जाती है। | ||[[मानव शरीर]] की सबसे छोटी हड्डी स्टेपीज है जो [[कान]] में पाई जाती है। कान में कुल छ: हड्डियां पाई जाती हैं, जिसमें मैलियस, इनकम एवं स्टेपीज की एक-एक जोड़ी हड्डियां होती हैं। यह छोटी हड्डियां हैं जिन्हें श्रवणात्मक हड्डियां अथवा कान की हड्डियां कहते हैं। टीबिया हड्डी टांग के अग्र भाग में पाई जाती है। | ||
{खोपड़ी | {खोपड़ी (Skull Bone) की अस्थि संधि को कहते हैं- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-115 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-आर्टिफैक्ट | -आर्टिफैक्ट | ||
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||सूचर (Suture) प्रकार के जोड़ों को फाइब्रस संधि भी कहा जाता है, क्योंकि ये जोड़ फाइब्रस ऊतकों के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं। ये जोड़े पूर्णतया अचल होते हैं अर्थात इन जोड़ों में किसी प्रकार की कोई गति नहीं होती है। इस प्रकार के जोड़े हमारी खोपड़ी तथा चेहरे में (जबड़े को छोड़कर) पाए जाते हैं। | ||सूचर (Suture) प्रकार के जोड़ों को फाइब्रस संधि भी कहा जाता है, क्योंकि ये जोड़ फाइब्रस ऊतकों के द्वारा आपस में जुड़े होते हैं। ये जोड़े पूर्णतया अचल होते हैं अर्थात इन जोड़ों में किसी प्रकार की कोई गति नहीं होती है। इस प्रकार के जोड़े हमारी खोपड़ी तथा चेहरे में (जबड़े को छोड़कर) पाए जाते हैं। | ||
{WHO का पूर्ण रूप क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-6 | {[[विश्व स्वास्थ्य संगठन|WHO]] का पूर्ण रूप क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-6 | ||
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-Why Health Organisation | -Why Health Organisation | ||
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-ब्रेव्हर, हायर, फ़्रेंडली | -ब्रेव्हर, हायर, फ़्रेंडली | ||
+फ़ास्टर, हायर, | +फ़ास्टर, हायर, स्ट्रॉगर | ||
-फ़्रेंडली, ब्रेव्हर, स्वीमर | -फ़्रेंडली, ब्रेव्हर, स्वीमर | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
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-संतुलित भोजन | -संतुलित भोजन | ||
-[[फल]] | -[[फल]] | ||
||[[विटामिन डी]] की कमी से बच्चों में रिकेट्स, वयस्क में | ||[[विटामिन डी]] की कमी से बच्चों में रिकेट्स, वयस्क में ऑस्टियोमैलेसिया एवं वृद्धजनों में ऑस्टियोपोरोसिस नामक रोग हो जाता है। [[सूर्य]] की किरणें, [[अंडा|अंडे]] व [[मछली]] का तेल आदि इस [[विटामिन]] के मुख्य स्त्रोत हैं। | ||
{निम्नलिखित में कौन वॉलीबॉल का मूलभूत कौशल है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-6 | {निम्नलिखित में कौन वॉलीबॉल का मूलभूत कौशल है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-49 प्रश्न-6 | ||
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-रोलिंग पास | -रोलिंग पास | ||
-ड्रिबलिंग | -ड्रिबलिंग | ||
+ओवर | +ओवर हैड पास | ||
-पुश पास | -पुश पास | ||
||वॉलीबॉल के मूल कौशल निम्न हैं *सार्विस *पासिंग एवं प्लेसिंग (चेस्ट पास, अंडर आर्म पास, ओवर | ||वॉलीबॉल के मूल कौशल निम्न हैं *सार्विस *पासिंग एवं प्लेसिंग (चेस्ट पास, अंडर आर्म पास, ओवर हैड पास) *स्पाइकिंग एवं अटैक अथवा स्मैशिंग *बूस्टिंग *ब्लॉकिंग तथा *रिवर्स नेट बॉल। | ||
{[[खो-खो]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] किसे प्राप्त हुआ है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-6 | {[[खो-खो]] में [[द्रोणाचार्य पुरस्कार]] किसे प्राप्त हुआ है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-6 | ||
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+मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना | +मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करना | ||
-केवल शरीर को स्वस्थ रखना | -केवल शरीर को स्वस्थ रखना | ||
||शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य या महत्ता का सार निम्नलिखित है- | ||शारीरिक शिक्षा के लक्ष्य या महत्ता का सार निम्नलिखित है- व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास, शारीरिक वृद्धि एवं विकास, बौद्धिक विकास .भावनात्मक विकास | ||
.सामाजिक समायोजन .व्यक्ति व समायोजन | .सामाजिक समायोजन .व्यक्ति व समायोजन | ||
.चारित्रिक विकास .शारीरिक विकास | .चारित्रिक विकास .शारीरिक विकास | ||
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{[[क्रिकेट]] के किस खिलाड़ी को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-6 | {[[क्रिकेट]] के किस खिलाड़ी को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-6 | ||
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-इमरान ख़ान | -इमरान ख़ान | ||
-वसीम अकरम | -वसीम अकरम | ||
-जहीर खान | -जहीर खान | ||
+शोएब अख्तर | +शोएब अख्तर | ||
||[[पाकिस्तान]] के तेज़ गेंदबाज शोएब अख्तर को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है। | ||[[पाकिस्तान]] के तेज़ गेंदबाज शोएब अख्तर को 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' के नाम से जाना जाता है। | ||
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||अच्छी निद्रा के लिए भारी व्यायाम अच्छा नहीं है। हल्का व्यायाम, टहलना एवं अच्छी दिनचर्या निद्रा के लिए लाभकारी होता है। | ||अच्छी निद्रा के लिए भारी व्यायाम अच्छा नहीं है। हल्का व्यायाम, टहलना एवं अच्छी दिनचर्या निद्रा के लिए लाभकारी होता है। | ||
{ओलंपिक मशाल सर्वप्रथम कब जलाया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-6 | {[[ओलम्पिक खेल|ओलंपिक]] मशाल सर्वप्रथम कब जलाया गया था? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-6 | ||
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+[[1928]] में | +[[1928]] में | ||
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-1828 में | -1828 में | ||
-1728 में | -1728 में | ||
||वर्ष [[1928]] के एम्सटर्डम खेलों से | ||वर्ष [[1928]] के एम्सटर्डम खेलों से [[ओलम्पिक खेल|ओलम्पिक]] मशाल प्रज्जवलित करने की प्रथा बनी। यह मशाल सूर्य किरणों से प्रज्जवलित की जाती थी तथा अनेक धावकों द्वारा आयोजन स्थल तक लाई जाती थी। | ||
{टायलिन पाया जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-7 | {टायलिन पाया जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-149 प्रश्न-7 | ||
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+प्रभाव का नियम | +प्रभाव का नियम | ||
-उत्तेजक की तीव्रता का नियम | -उत्तेजक की तीव्रता का नियम | ||
||थार्नडाइक ने सीखने के तीन नियम दिए हैं- 1.तैयारी का नियम- तैयारी से व्यक्ति ज्यादा तेज़ी एवं प्रभावी तरीके से सीखता है, इस तैयारी के दृष्टिकोण को 'माइंडसेट' भी कहा जाता है। | ||थार्नडाइक ने सीखने के तीन नियम दिए हैं- 1.तैयारी का नियम- तैयारी से व्यक्ति ज्यादा तेज़ी एवं प्रभावी तरीके से सीखता है, इस तैयारी के दृष्टिकोण को 'माइंडसेट' भी कहा जाता है। गर्माने का सिद्धांत इसी नियम पर आधारित है। 2.अभ्यास का नियम- बार-बार दुहराने से प्रक्रिया स्वत: होती रहती है। यह नियम बहुत कुछ उपयोग एवं अनुपयोग की तरह है। 3.प्रभाव का नियम- थार्नडाइक के अनुसार, खीझ की बजाय संतोष, सीखने में वृद्धि करता है। इस नियम को 'संतुष्टि के नियम' के नाम से भी जाना जाता है। पुरस्कार एवं दंड भी इसी नियम पर आधारित हैं एवं सीखने के सभी घटक इसी नियम के अधीन हैं। | ||
{[[हॉकी]] के मैच की खेल अवधि क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-7 | {[[हॉकी]] के मैच की खेल अवधि क्या है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-64 प्रश्न-7 | ||
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||[[भारतीय सेना]] ने [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में ज्यादा-से-ज्यादा पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए [[सितंबर]], [[2003]] में 'ऑपरेशन ओलंपिक' लॉन्च किया था। | ||[[भारतीय सेना]] ने [[ओलंपिक खेल|ओलंपिक खेलों]] में ज्यादा-से-ज्यादा पदक जीतने के लिए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए [[सितंबर]], [[2003]] में 'ऑपरेशन ओलंपिक' लॉन्च किया था। | ||
{'क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ़ | {'क्रिश्चियन कॉलेज ऑफ़ फिज़िकल एजुकेशन ([[लखनऊ]]) की स्थापना हुई थी- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-94 प्रश्न-7 | ||
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-[[1931]] में | -[[1931]] में | ||
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{हिंज संधि को कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-117 | {हिंज संधि को कहा जाता है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-110 प्रश्न-117 | ||
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+मूवेबुल ज्वॉइंट | +मूवेबुल ज्वॉइंट | ||
-साइनोविअल ज्वॉइंट | -साइनोविअल ज्वॉइंट | ||
-फिक्सड ज्वॉइंट | -फिक्सड ज्वॉइंट | ||
-रोटेशनल ज्वॉइंट | -रोटेशनल ज्वॉइंट | ||
|| | ||कब्ज़ेदार जोड़ अर्थात हिंज संधि में अस्थियों के सिरे आपस में इस तरह से जुड़े होते हैं कि गति केवल एक ओर हो सकती है अर्थात ये जोड़ ठीक उसी प्रकार कार्य करते हैं, जैसे दरवाज़े के कब्ज़े। इस प्रकार के जोड़ कोहनी, घुटने और अंगुलियों में होते हैं। हिंज ज्वॉइंट में असीमित गति वाले जोड़ होते हैं। | ||
{कायफोसिस और पीठ के अन्य दोषों के लिए क्या आप किसी सरलतम व्यायाम का सुझाव दे सकते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-8 | {कायफोसिस और पीठ के अन्य दोषों के लिए क्या आप किसी सरलतम व्यायाम का सुझाव दे सकते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-8 | ||
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-फेंकना | -फेंकना | ||
+तैरना | +तैरना | ||
||नियमित व्यायाम अथवा समुचित व्यायाम द्वारा तनाव क़ायम रखने वाली पेशियों को मज़बूती प्रदान कर उनके तनाव को विकसित किया जा सकता है। अत्यधिक गुरुत्वीय तनाव को कम करके सिर को पुन: | ||नियमित व्यायाम अथवा समुचित व्यायाम द्वारा तनाव क़ायम रखने वाली पेशियों को मज़बूती प्रदान कर उनके तनाव को विकसित किया जा सकता है। अत्यधिक गुरुत्वीय तनाव को कम करके सिर को पुन: यथास्थान पर लाया जा सकता है। कायफोसिस (कुबड़ापन) और पीठ के अन्य विसंगतियों की रोकथाम के लिए तैरने का व्यायाम तथा चक्रासन एवं भुजंग आसन आदि बहुत महत्त्वपूर्ण चिकित्सकीय उपाय हैं। इन व्यायामों को कायिक चिकित्सक अथवा विशेषज्ञ की सलाह से ही अपनाना चाहिए। | ||
{निम्नलिखित में से किस क्रिकेट खिलाड़ी ने तीन महादेशों के लिए क्रिकेट खेला? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-7 | {निम्नलिखित में से किस क्रिकेट खिलाड़ी ने तीन महादेशों के लिए क्रिकेट खेला? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-7 | ||
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||प्रथम एशियाई खेल वर्ष [[1951]] में [[4 मार्च]] से [[11 मार्च]] के मध्य [[नई दिल्ली]] में आयोजित किए गए। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]] और खेलों का उद्घाटन [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] ने किया। | ||प्रथम एशियाई खेल वर्ष [[1951]] में [[4 मार्च]] से [[11 मार्च]] के मध्य [[नई दिल्ली]] में आयोजित किए गए। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहर लाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]] और खेलों का उद्घाटन [[राष्ट्रपति]] [[डॉ. राजेंद्र प्रसाद]] ने किया। | ||
{रक्त शर्करा स्तर बढ़ाने के लिए | {रक्त शर्करा स्तर बढ़ाने के लिए [[अग्न्याशय]] से उत्सर्जित [[हॉर्मोन]] है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न-119 | ||
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+ग्लूकॉगन | +ग्लूकॉगन | ||
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-थायोरॉक्सिन | -थायोरॉक्सिन | ||
-नॉन-एपिनेफ्रीन | -नॉन-एपिनेफ्रीन | ||
||[[इंसुलिन]] अग्न्याशय के लैंगरहैंस की द्वीपिका के बीटा-कोशिश द्वारा स्त्रावित होता है। इसकी ख़ोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की थी। यह [[ग्लूकोज]] से ग्लाइकोजन बनने की क्रिया को नियंत्रित करता है। इंसुलिन के अल्प स्त्रावण से [[मधुमेह]] (डायबिटीज) नामक रोग हो जाता है। [[रुधिर]] में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना मधुमेह कहलाता है। | ||[[इंसुलिन]] [[अग्न्याशय]] के लैंगरहैंस की द्वीपिका के बीटा-कोशिश द्वारा स्त्रावित होता है। इसकी ख़ोज बैटिंग एवं वेस्ट ने की थी। यह [[ग्लूकोज]] से ग्लाइकोजन बनने की क्रिया को नियंत्रित करता है। इंसुलिन के अल्प स्त्रावण से [[मधुमेह]] (डायबिटीज) नामक रोग हो जाता है। [[रुधिर]] में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ना मधुमेह कहलाता है। | ||
{[[मानव शरीर]] में कितने प्रकार के जोड़ होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-9 | {[[मानव शरीर]] में कितने प्रकार के जोड़ होते हैं? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-113 प्रश्न-9 | ||
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||अस्थियों के जोड़- दो या दो से अधिक अस्थियों का संयोजन ही जोड़ कहलाता है। जोड़ों के अध्ययन को आर्थोलॉजी कहा जाता है। लंबी अस्थियों अपने सिरों से, | ||अस्थियों के जोड़- दो या दो से अधिक अस्थियों का संयोजन ही जोड़ कहलाता है। जोड़ों के अध्ययन को आर्थोलॉजी कहा जाता है। लंबी अस्थियों अपने सिरों से, बेडौल अस्थियों अपने तलों के कुछ भागों से तथा चपटी अस्थियों अपने किनारों से जोड़ों का निर्माण करती हैं। जोड़ों का वर्गीकरण इस आधार पर किया गया है कि जोड़ में किस सीमा तक गति हो सकती है। इस गति को आधार मानते हुए जोड़ों को निम्नलिखित तीन प्रमुख वर्गों में विभाजित किया जा सकता है- 1.अचल जोड़- उदाहरण- करोटि की विभिन्न हड्डियों के बीच टेढ़ी-मेढ़ी सीवनों जैसी संधियां। 2.थोड़ी गति वाली जोड़- उदाहरण- श्रोणि मेखला के प्यूविस हड्डियों के बीच का जोड़ आदि। 3.सचल या असीमित गति वाले जोड़- पांच प्रकार की होती हैं- कंदुक-खल्लिका संधियां, कब्ज़ा संधियां, सैडल संधियां, धुराग्र का खूंटीदार संधियां, प्रसार या विसर्पी संधियां। | ||
{किसी एथलीट द्वारा व्यवहृत उपस्करों में से किसकी लंबाई मात्र 2.5 से.मी. ही होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-8 | {किसी एथलीट द्वारा व्यवहृत उपस्करों में से किसकी लंबाई मात्र 2.5 से.मी. ही होती है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-129 प्रश्न-8 | ||
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-1.7 | -1.7 | ||
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||[[मानव शरीर|शरीर]] के वज़न के हर एक किलोग्राम के लिए हर घंटे 1.3 कैलोरी [[ऊर्जा]] की आवश्यकता होती है। 50Kg वाले एथलीटों को रोजाना 1. | ||[[मानव शरीर|शरीर]] के वज़न के हर एक किलोग्राम के लिए हर घंटे 1.3 कैलोरी [[ऊर्जा]] की आवश्यकता होती है। 50Kg वाले एथलीटों को रोजाना 1.3x24x50=1560 कैलोरी की कम-से-कम आवश्यकता पड़ेगी। | ||
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||[[नवाब पटौदी]] के बाद [[सचिन तेंदुलकर]] 23 वर्ष, 126 दिन की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने। हालांकि प्रश्न 21 वर्ष की आयु के संदर्भ में है। अत: निकटतम उत्तर विकल्प (b) सही होगा | ||[[नवाब पटौदी]] के बाद [[सचिन तेंदुलकर]] 23 वर्ष, 126 दिन की आयु में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बने। हालांकि प्रश्न 21 वर्ष की आयु के संदर्भ में है। अत: निकटतम उत्तर विकल्प (b) सही होगा | ||
{रंग | {रंग वर्णांधता में व्यक्ति किन रंगों में भेद नहीं कर पाता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-150 प्रश्न-10 | ||
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+[[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरा]] | +[[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरा]] | ||
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-काला व [[हरा रंग|हरा]] | -काला व [[हरा रंग|हरा]] | ||
-काला व [[नीला रंग|नीला]] | -काला व [[नीला रंग|नीला]] | ||
||रंग- | ||रंग-वर्णांधता [[आंख|आंखों]] का एक रोग है जिसमें रोगी को किसी एक या एक से अधिक रंगों का बोध नहीं हो पाता है यह अवस्था अक़्सर आनुवांशिक होती है। इसके अन्य कारणों में कुछ नेत्र रोग और दवाएं भी शामिल हैं। रंग-वर्णांधता आमतौर पर [[लाल रंग|लाल]] व [[हरा रंग|हरे रंग]] के प्रकाश में अंतर न कर पाने की स्थिति को कहते हैं। | ||
{समपरासारी संकुचन को-------भी कहा जा सकता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-109 | {समपरासारी संकुचन को-------भी कहा जा सकता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-109 | ||
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+श्वसन तंत्र के | +श्वसन तंत्र के | ||
-इनमें से कोई नहीं | -इनमें से कोई नहीं | ||
||[[फेफड़ा|फेफड़े]] श्वसन तंत्र का हिस्सा हैं। अन्य स्थल पर रहने वाले जानवरों की भांति मनुष्य भी नथुनों एवं फेफड़ों से सांस लेता है। हवा रोधक वक्ष गुहा में एक जोड़ी फेफड़े स्थित होते हैं। इसके आस-पास कॉन्वेक्स, मांसपेशीय तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। फेफड़ों द्वारा श्वसन प्रक्रिया को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं। | ||[[फेफड़ा|फेफड़े]] [[श्वसन|श्वसन तंत्र]] का हिस्सा हैं। अन्य स्थल पर रहने वाले जानवरों की भांति मनुष्य भी नथुनों एवं फेफड़ों से सांस लेता है। हवा रोधक वक्ष गुहा में एक जोड़ी फेफड़े स्थित होते हैं। इसके आस-पास कॉन्वेक्स, मांसपेशीय तथा इलास्टिक शीट होती है जिसे डायाफ्राम कहते हैं। फेफड़ों द्वारा श्वसन प्रक्रिया को पल्मोनरी श्वसन कहते हैं। | ||
{लंबी दूरी की दौड़ में धावकों द्वारा पूरे किए गए चक्रों का रिकॉर्ड कौन रखता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-79 प्रश्न-10 | {लंबी दूरी की दौड़ में धावकों द्वारा पूरे किए गए चक्रों का रिकॉर्ड कौन रखता है? (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-79 प्रश्न-10 | ||
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{'[[अर्जुन पुरस्कार]]' प्राप्त करने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न-121 | {'[[अर्जुन पुरस्कार]]' प्राप्त करने वाली प्रथम महिला खिलाड़ी है- (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-111 प्रश्न-121 | ||
|type="()"} | |type="()"} | ||
-मेरी | -मेरी डिसूजा | ||
-कमलजीत संधू | -कमलजीत संधू | ||
-स्टेफी | -स्टेफी ग्रॉफ | ||
+इनमें से कोई नहीं | +इनमें से कोई नहीं | ||
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+पिनकस | +पिनकस | ||
-डग्गर | -डग्गर | ||
||गर्भ निरोधक गोलियों का आविष्कार अमेरिकी जीवविज्ञानी एवं शोधकर्ता ग्रेगरी पिनकस द्वारा दिए गए विशेष योगदान से संभव हो पाया। पिनकस ने मार्गरेट सेंगर, कैथरीन मैककॉरमिक तथा जॉन रॉक की सहायता से कई वर्षों के प्रयासों के बाद गर्भ निरोधक गोली का आविष्कार किया। | ||गर्भ निरोधक गोलियों का आविष्कार अमेरिकी जीवविज्ञानी एवं शोधकर्ता ग्रेगरी पिनकस द्वारा दिए गए विशेष योगदान से संभव हो पाया। पिनकस ने मार्गरेट सेंगर, कैथरीन मैककॉरमिक तथा जॉन रॉक की सहायता से कई वर्षों के प्रयासों के बाद गर्भ निरोधक गोली का आविष्कार किया। [[9 मई]], [[1960]] को फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा इस गोली को बनाने एवं उपयोग हेतु मंजूरी दे दी गई। | ||
{नेतृत्व एक आचरण संबंधी प्रक्रिया है जो.......... पर फोकस करता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-110 | {नेतृत्व एक आचरण संबंधी प्रक्रिया है जो.......... पर फोकस करता है। (शारीरिक शिक्षा,पृ.सं-161 प्रश्न-110 | ||
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-समूह को परिस्थितिगत अभिलक्षणों | -समूह को परिस्थितिगत अभिलक्षणों | ||
-लक्ष्य निर्धारित करने और कार्य पूरा कराने | -लक्ष्य निर्धारित करने और कार्य पूरा कराने | ||
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13:25, 10 दिसम्बर 2016 का अवतरण
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