अज़हरुद्दीन मोहम्मद
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व्यक्तिगत परिचय
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पूरा नाम | मोहम्मद अज़हरुद्दीन मसऊदी | ||
अन्य नाम | अज्जू, अज़्ज़ा | ||
जन्म | 8 फ़रवरी, 1963 | ||
जन्म भूमि | हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) | ||
अभिभावक | पिता- मोहम्मद अजीजुद्दीन माता- यूसुफ सुल्ताना | ||
पत्नी | नौरीन, संगीता बिजलानी | ||
संतान | असदुद्दीन और अयाजुद्दीन | ||
खेल परिचय
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बल्लेबाज़ी शैली | दायें हाथ के बल्लेबाज | ||
गेंदबाज़ी शैली | दायीं भुजा मध्यम | ||
टीम | भारत | ||
भूमिका | बल्लेबाज़ | ||
पहला टेस्ट | 31 दिसंबर, 1984 बनाम इंग्लैंड | ||
आख़िरी टेस्ट | 2 मार्च, 2000 बनाम दक्षिण अफ़्रीका | ||
पहला वनडे | 20 जनवरी, 1985 बनाम इंग्लैंड | ||
आख़िरी वनडे | 3 जून, 2000 बनाम पाकिस्तान | ||
कैरियर आँकड़े
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प्रारूप | टेस्ट क्रिकेट | एकदिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय | टी-20 अन्तर्राष्ट्रीय |
मुक़ाबले | 99 | 334 | |
बनाये गये रन | 6,216 | 9,378 | |
बल्लेबाज़ी औसत | 45.03 | 36.92 | |
100/50 | 22/21 | 7/58 | |
सर्वोच्च स्कोर | 199 | 153* | |
फेंकी गई गेंदें | 13 | 552 | |
विकेट | 0 | 12 | |
गेंदबाज़ी औसत | - | 39.91 | |
पारी में 5 विकेट | |||
मुक़ाबले में 10 विकेट | |||
सर्वोच्च गेंदबाज़ी | 0/4 | 3/19 | |
कैच/स्टम्पिंग | 105/– | 156/– |
मोहम्मद अज़हरुद्दीन (अंग्रेज़ी: Mohammad Azharuddin, जन्म- 8 फ़रवरी, 1963, हैदराबाद, आंध्र प्रदेश) भारत के विश्व प्रसिद्ध पूर्व क्रिकेटर तथा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे हैं। भारत में कुछ ही क्रिकेटर हैं जिन्हें कलाई से बॉल को सीमा रेखा के बाहर भेजने में महारथ हासिल थी। उन्हीं खिलाड़ियों में से एक पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अज़हरुद्दीन भी रहे। "कलाई के जादूगर" के नाम से पहचाने जाने वाले अज़हरुद्दीन अपने दौर के न केवल बेहतर बल्लेबाज रहे बल्कि एक श्रेष्ठतम फील्डर भी रहे। उन्होंने स्लिप, गली, प्वाइंट और दूसरी क्लोज़ पोजीशनों पर कई अविश्वसनीय कैच लपके। साल 2009 में उन्होंने अपना राजनीति कॅरियर कांग्रेस पार्टी के साथ शुरू किया और मुरादाबाद से सांसद बने। मोहम्मद अज़हरुद्दीन को 1991 में 'विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर' के खिताब से नवाजा गया तो वहीं 1986 में 'अर्जुन पुरस्कार' के अलावा 1988 में 'पद्म श्री' से सम्मानित किया गया।
परिचय
मोहम्मद अज़हरुद्दीन का जन्म 8 फ़रवरी, 1963 को हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) राज्य में हुआ था। वह बचपन से ही हैदराबाद में बड़े हुए। उनके पिता का नाम मोहम्मद अजीजुद्दीन और माता का नाम यूसुफ सुल्ताना था। मोहम्मद अज़हरुद्दीन बचपन से ही क्रिकेट खेलने के शौकीन थे। 17 साल की उम्र में ही उन्होंने क्रिकेट के सारे गुण सीख लिए थे। अपने क्रिकेट कॅरियर में उन्हें अलग तरह की बैटिंग के लिए जाना जाता था।[1]
शिक्षा
आल सेंट हाई स्कूल, हैदराबाद में मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। उस स्कूल में क्रिकेट का प्रशिक्षण काफी अच्छी तरह से दिया जाता था। क्रिकेट खेलते समय ही वे निजाम कॉलेज, ओस्मानिया यूनिवर्सिटी, हैदराबाद, तेलंगाना से बैचलर ऑफ़ कॉमर्स में ग्रेजुएट हुए।
विवाह
मोहम्मद अज़हरुद्दीन का पहला विवाह नौरीन से हुआ। उन्हें दो बच्चे असदुद्दीन और अयाजुद्दीन भी हुए और लेकिन शादी के 9 साल बाद ही उनका तलाक हो गया। 2011 को उनके बेटे अयाजुद्दीन का एक रोड एक्सीडेंट में सिर्फ 19 साल की उम्र में ही देहांत हो गया। 1996 में मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने दूसरी शादी प्रसिद्ध मॉडल और बॉलीवुड अभिनेत्री संगीता बिजलानी से की। हालांकि 14 साल के बाद 2010 में दोनों ने अपनी इच्छा से तलाक ले लिया।
कॅरियर
वनडे कॅरियर
सन 1985 में मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने बैंगलोर में इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलकर अपने एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की भी शुरुआत कर ली। अजहर ने 334 वनडे मैच में 7 शतक और 58 अर्धशतक के साथ 9,378 रन बनाये। 1990 से 1999 तक मोहम्मद अज़हरुद्दीन भारतीय वनडे टीम के कप्तान रहे। एक फ्लिडर के तौर पर वह बहुत ही शानदार थे। उन्होंनें एकदीवस मँच में 156 कैंच पकड़े थे। मोहम्मद अज़हरुद्दीन की कप्तानी में टीम इंडिया ने 174 वनडे मैच खेले। जिसमें 90 मैचों में जीत और 76 मैचों में हार मिली। अजहर के बाद वनडे टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सबसे सफल कप्तानों में जाना जाता है। धौनी की कप्तानी में अब तक टीम इंडिया ने 191 वनडे मैच में 104 मैच जीते और 72 मैच हारे हैं।[1]
टेस्ट कॅरियर
मोहम्मद अज़हरुद्दीन को क्रिकेट की दुनिया में बेहतरीन बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है। उन्होंने अपनी बल्लेबाजी के दम पर टीम इंडिया को कई मैच में जीत का तौहफा दिया। अजहर ने 99 टेस्ट मैच में 22 शतक और 21 अर्धशतक के साथ 6,216 रन बनाये। वह टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाते हैं। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने कई मैच जीते।
अजहर भारतीय टेस्ट टीम में 1990 से 1999 तक कप्तान रहे। अजहर की कप्तानी में टीम इंडिया ने कुल 47 टेस्ट मैच खेले जिसमें 14 मैच में जीत और 14 मैचों में हार मिली। अपने पहले टेस्ट से ही लगातार 3 शतक मारकर उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुवात की थी। 1991 में उनका नाम 'विज़डन क्रिकेटर ऑफ़ द इयर' में शामिल किया गया था।
बाद में सौरव गांगुली ने उनके इस रिकॉर्ड को तोड़ा जब सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने 21 टेस्ट मैच में जीत हासिल की। और बाद में महेंद्र सिंह धोनी ने 60 टेस्ट में से 27 टेस्ट मैच में भारत को जीत दिलाई। यह रिकॉर्ड जल्दी ही विराट कोहली ने तोड़ा। जब विराट कोहली ने 48 टेस्ट मैचों में कप्तानी करते हुए जमैका में वेस्टइंडीज के खिलाफ 28 टेस्ट जीत हासिल की और कोहली की कप्तानी में यह सिलसिला आगे भी जारी है। एक प्रसिद्ध क्रिकेट राइटर जॉन वुडकॉक ने अपने लेखो में मोहम्मद अज़हरुद्दीन की काफी तारीफ भी की थी और साथ ही यह भी कहा था की इससे बेहतरीन क्रिकेट डेब्यू उन्होंने कभी नही देखा। उस समय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ और सिर्फ मोहम्मद अज़हरुद्दीन की ही चर्चा हो रही थी।[1]
फिक्सिंग विवाद
अपने कॅरियर के अंतिम दिनों में साउथ अफ्रीकन कप्तान हंसी क्रोंजे ने मोहम्मद अज़हरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाया। तभी भारतीय सेंट्रल ब्यूरो ऑफ़ इन्वेस्टीगेशन ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें दोषी पाया। तभी 2000 में आईसीसी और बीसीसीआई ने अज़हरुद्दीन को बैन किया। हालांकि 8 नवंबर, 2012 को आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रतिबंध को खारिज कर दिया था, लेकिन तब तक उनका क्रिकेट कॅरियर समाप्त हो चुका था।
राजनीति
फिक्सिंग के आरोप लगने के बाद मोहम्मद अज़हरुद्दीन का क्रिकेट कॅरियर खत्म हो गया था। लेकिन उन्होंने 2009 में कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर अपनी दूसरी इनिंग की शुरुआत एक राजनेता के रूप में की। मोहम्मद अज़हरुद्दीन 19 फ़रवरी, 2009 में कांग्रेस पार्टी से जुड़े और इसी साल उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से जीतकर संसद पहुंचे।
पुरस्कार व सम्मान
- 1985 - बेस्ट इंडियन क्रिकेटर का पुरस्कार
- 1986 - अर्जुन पुरस्कार
- 1988 - पद्मश्री
- 1991 - विजडन क्रिकेटर ऑफ दी इयर
फ़िल्म
मोहम्मद अज़हरुद्दीन के जीवन पर आधारित एक फ़िल्म भी बनाई गई। टोनी डिसूजा के निर्देशन में बनी इस फ़िल्म का नाम 'अज़हर' है। फ़िल्म में मोहम्मद अज़हरुद्दीन का किरदार इमरान हाशमी, नौरीन की भूमिका प्राची देसाई, संगीता बिजलानी का किरदार नरगिस फाखरी ने निभाया था। फ़िल्म में हुमा कुरैशी भी मुख्य भूमिका में नज़र आई थीं। यह फ़िल्म 13 मई, 2016 को रिलीज़ हुई थी।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 1.2 1.3 मोहम्मद अज़हरुद्दीन की जीवनी (हिंदी) aajkabharat.in। अभिगमन तिथि: 01 अप्रॅल, 2021।
बाहरी कड़ियाँ
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