"गंग नहर": अवतरणों में अंतर

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07:08, 8 जनवरी 2017 का अवतरण

गंग नहर प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं में से एक है। बीकानेर के महाराजा गंगासिंह के प्रयासों से गंग नहर के निर्माण द्वारा सतलुज नदी का पानी राजस्थान में लाने हेतु 4 दिसम्बर, 1920 को बीकानेर, भावलपुर और पंजाब राज्यों के बीच सतलुज नदी घाटी समझौता हुआ था।

  • गंग नहर की आधारशिला फ़िरोजपुर हैडबाक्स पर 5 सितम्बर, 1921 को महाराजा गंगासिंह द्वारा रखी गई।
  • 26 अक्टूबर, 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने श्रीगंगानगर के शिवपुर हैडबाॅक्स पर इस नहर का उद्घाटन किया।
  • यह नहर सतलुज नदी से पंजाब के फ़िरोजपुर के हुसैनीवाला से निकाली गई है। श्रीगंगानगर के संखा गांव से यह राजस्थान में प्रवेश करती है।
  • नहर शिवपुर, श्रीगंगानगर, जोरावरपुर, पदमपुर, रायसिंह नगर, स्वरूपशहर से होती हुई अनूपगढ़ तक जाती है।
  • मुख्य नहर की लम्बाई 129 कि.मी. (112 कि.मी. पंजाब + 17 कि.मी. राजस्थान) है। फ़िरोजपुर से शिवपुर हैड तक है। नहर की वितरिकाओं की लम्बाई 1280 कि.मी. है।
  • लक्ष्मीनारायण जी, लालगढ़, करणीजी, समीक्षा नहर की मुख्य शाखा है।
  • नहर में पानी के नियमित बहाव और नहर के मरम्मत के समय इसे गंग नहर लिंक से जोड़ा गया है। यह लिंक नहर व हरियाणा में लोहागढ़ से निकाली गई है और श्रीगंगानगर के साधुवाली गांव में गंग नहर से जोड़ा गया है।[1]
  • 31 मई, 2000 को केन्द्रीय जल आयोग ने नहर के रख-रखाव व मरम्मत हेतु आर्थिक सहायता प्रदान की थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजस्थान की सिंचाई परियोजनाएँ (हिंदी) /rajasthangyan.com। अभिगमन तिथि: 08 जनवरी, 2017।

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