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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
| {'उमा की तपस्या', 'शिव पार्वती', 'बसंत', 'प्रणाम' आदि किस प्रतिभाशाली चित्रकार की उत्कृष्ट कृतियाँ है?
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| +[[नन्दलाल बोस]]
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| -[[जामिनी रॉय]]
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| -[[सतीश गुजराल]]
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| -[[एम.एफ. हुसैन]]
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| {'एलीफैण्ट्स बाथिंग इन ग्रीन पुल' निम्नलिखित में से किस चित्रकार की चर्चित कृति है?
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| -[[एम.एफ. हुसैन]]
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| -[[सतीश गुजराल]]
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| +[[अमृता शेरगिल]]
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| -विकास भट्टाचार्य
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| ||[[चित्र:Amrita-Shergill.jpg|right|100px|अमृता शेरगिल]]'अमृता शेरगिल' ख़ूबसूरत चित्रकारी करने वाले [[चित्रकार|चित्रकारों]] में से एक थीं। अमृता शेरगिल ने कैनवास पर [[भारत]] की एक नई तस्वीर उकेरी। अपनी पेंटिंग्स के बारे में अमृता का कहना था- 'मैंने भारत की आत्मा को एक नया रूप दिया है। यह परिवर्तन सिर्फ विषय का नहीं, बल्कि तकनीकी भी है।' अमृता ने इस प्रकार के यथार्थवादी चित्रों की रचना की थी, जिनकी सारे संसार में चर्चा हुई।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अमृता शेरगिल]]
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| {'[[दुष्यंत]] को प्रेम-पत्र लिखती [[शकुंतला]]' का सबसे प्रसिद्ध चित्रण किसने किया है?
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| -[[नन्दलाल बोस]]
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| -[[जामिनी रॉय]]
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| +[[राजा रवि वर्मा]]
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| -[[सतीश गुजराल]]
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| ||[[चित्र:Raja-Ravi-Varma-1.jpg|right|80px|[[राजा रवि वर्मा]]]]राजा रवि वर्मा (जन्म- 1848; मृत्यु- [[1906]]) [[केरल]] प्रदेश के विख्यात [[चित्रकार]] थे। उन्होंने भारतीय [[साहित्य]] और [[संस्कृति]] के पात्रों का चित्रण किया। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता [[हिन्दू]] महाकाव्यों और [[धर्म]] ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल उनके चित्रों में दिखता हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[राजा रवि वर्मा]]
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| {[[मधुबनी चित्रकला]] शैली का सम्बन्ध किस राज्य से है?
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| |type="()"}
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| -[[उत्तर प्रदेश]]
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| -[[मध्य प्रदेश]]
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| -[[पश्चिम बंगाल]]
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| +[[बिहार]]
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| ||[[चित्र:Vaishali-Bihar.jpg|right|100px|[[वैशाली]], [[बिहार]]]] बिहार का उल्लेख [[वेद|वेदों]], [[पुराण|पुराणों]] और प्राचीन महाकाव्यों में मिलता है। यह राज्य महात्मा [[बुद्ध]] और 24 जैन [[तीर्थंकर|तीर्थकरों]] की कर्मभूमि रहा हैं। ईसा पूर्व काल में इस क्षेत्र पर [[बिम्बिसार]], [[पाटलिपुत्र]] की स्थापना करने वाले उदयन, [[चन्द्रगुप्त मौर्य]] और [[अशोक|सम्राट अशोक]] सहित मौर्य, शुंग तथा कण्व राजवंश के नरेशों ने राज किया। इसके पश्चात कुषाण शासकों का समय आया और बाद में [[गुप्त वंश]] के [[चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य]] ने बिहार पर राज किया।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिहार]]
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| {[[पश्चिम बंगाल]] में फर्शों पर चित्रकारी का कौन-सा रूप प्रसिद्ध है?
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| -आइपना
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| +[[अल्पना]]
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| -रंगोली
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| -कोल्लभ
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| ||'अल्पना' विभिन्न प्रकार के [[रंग|रंगों]] से बनाई जाने वाली [[भारत]] की प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा और लोक कला है। इसका एक नाम रंगोली भी है। आनंद कुमार स्वामी, जो कि भारतीय कला के पंडित कहलाते हैं, उनका मत है कि [[बंगाल]] की आधुनिक लोक कला का सीधा संबंध 5000 वर्ष पूर्व की [[मोहनजोदड़ो]] की [[कला]] से है। व्रतचारी आंदोलन के जन्मदाता तथा बंगला लोक कला व [[संस्कृति]] के विद्वान गुरुसहाय दत्त के अनुसार [[कमल]] का [[फूल]] जो बंगाली स्त्रियाँ अपनी [[अल्पना|अल्पनाओं]] के मध्य बनाती हैं, वह मोहनजोदड़ो के समय के कमल के फूल का प्रतिरूप ही है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अल्पना]]
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| {किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की? | | {किसने पेंटिंग की शुरुआत फ़िल्म के पोस्टरों से की? |
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