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!कहावत लोकोक्ति मुहावरे
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| 1- दसै असाढ़ी कृष्ण की, मंगल रोहिनी होय। सस्ता धान बिकाइ हैं, हाथ न छुइहै कोय।।
1- दसै असाढ़ी कृष्ण की, मंगल रोहिनी होय।<br />
| अर्थ - अगर आषाढ़ माह में कृष्णपक्ष दशमी को मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र पड़े तो धान इतना सस्ता बिकेगा कि कोई भी न छुएगा।
सस्ता धान बिकाइ हैं, हाथ न छुइहै कोय।।
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अर्थ - अगर आषाढ़ माह में कृष्णपक्ष दशमी को मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र पड़े तो धान इतना सस्ता बिकेगा कि कोई भी न छुएगा।
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|2- दबी बिल्ली  चूहों से कान कतरवाती है।
|2- दबी बिल्ली  चूहों से कान कतरवाती है।
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| अर्थ - दोषी व्यक्ति छोटों के सामने भी सिर नहीं उठा सकता।
अर्थ - दोषी व्यक्ति छोटों के सामने भी सिर नहीं उठा सकता।
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|3- दबाने पर चींटी भी चोट करती है।  
|3- दबाने पर चींटी भी चोट करती है।  
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|अर्थ - जिस किसी को दु:ख दिया जाए वह बदला लेता है।
अर्थ - जिस किसी को दु:ख दिया जाए वह बदला लेता है।
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|4- दमड़ी की हाँड़ी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई।
|4- दमड़ी की हाँड़ी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई।
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|अर्थ - थोड़ी सी हानि उठाई पर किसी की असलियत तो जान ली।
अर्थ - थोड़ी सी हानि उठाई पर किसी की असलियत तो जान ली।
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|5- दर्जी की सुई, कभी धागे में कभी टाट में।  
|5- दर्जी की सुई, कभी धागे में कभी टाट में।  
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|अर्थ - हर परिस्थिति में सहनशीलता बनाये रखना।
अर्थ - हर परिस्थिति में सहनशीलता बनाये रखना।
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|6- दलाल का दिवाला क्या , मस्जिद में ताला क्या।
|6- दलाल का दिवाला क्या , मस्जिद में ताला क्या।
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|अर्थ - जिसके पास कुछ है ही नहीं ,उसे हानि का क्या डर।
अर्थ - जिसके पास कुछ है ही नहीं ,उसे हानि का क्या डर।
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|7- दाग़ लगाए लँगोटिया यार।
|7- दाग़ लगाए लँगोटिया यार।
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|अर्थ - आदमी अपनों से ही धोखा खा जाता है।
अर्थ - आदमी अपनों से ही धोखा खा जाता है।
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|8- दाता दे, भंडारी पेट फाड़े।
|8- दाता दे, भंडारी पेट फाड़े।
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|अर्थ -  दान कोई करे कुढ़न दूसरे को हो।
अर्थ -  दान कोई करे कुढ़न दूसरे को हो।
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|9- दादा कहने से बनिया गुड़ देता है।
|9- दादा कहने से बनिया गुड़ देता है।
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|अर्थ - मधुर वाणी से काम बन जाता है।
अर्थ - मधुर वाणी से काम बन जाता है।
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|10- दान के बछिया के दाँत नहीं देखे जाते।
|10- दान के बछिया के दाँत नहीं देखे जाते।
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|अर्थ - मुफ़्त में मिली वस्तु  के गुण-अवगुण नहीं देखे जाते।
अर्थ - मुफ़्त में मिली वस्तु  के गुण-अवगुण नहीं देखे जाते।
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|11- दाने-दाने पर मुहर।
|11- दाने-दाने पर मुहर।
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|अर्थ - हर व्यक्ति का अपना भाग्य होता है।  
अर्थ - हर व्यक्ति का अपना भाग्य होता है।  
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|12- दाम सँवारे सब काम।
|12- दाम सँवारे सब काम।
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|अर्थ - पैसा से सब काम हो जाता है।
अर्थ - पैसा से सब काम हो जाता है।
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|13- दाल-भात में मूसलचंद।
|13- दाल-भात में मूसलचंद।
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|अर्थ - बीच में दख़ल देने वाला।
अर्थ - बीच में दख़ल देने वाला।
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|14- दाल में नमक जितना सच में झूठ।
|14- दाल में नमक जितना सच में झूठ।
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|अर्थ - थोड़ा  सा झूठ तो चल जाता है, जैसे दाल में नमक।
अर्थ - थोड़ा  सा झूठ तो चल जाता है, जैसे दाल में नमक।
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|15- दिन भर चले अढ़ाई कोस।
|15- दिन भर चले अढ़ाई कोस।
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|अर्थ - समय बहुत लगा और काम बहुत थोड़ा हुआ, धीरे धीरे काम होना।
अर्थ - समय बहुत लगा और काम बहुत थोड़ा हुआ, धीरे धीरे काम होना।
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|16- दिल्ली अभी दूर है।
|16- दिल्ली अभी दूर है।
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|अर्थ - अभी सफलता में देरी है, मंज़िल अभी दूर है।
अर्थ - अभी सफलता में देरी है, मंज़िल अभी दूर है।
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|17- दीवारों के भी कान होते हैं।
|17- दीवारों के भी कान होते हैं।
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|अर्थ - रहस्य  की बात गुप-चुप करनी चाहिए।
अर्थ - रहस्य  की बात गुप-चुप करनी चाहिए।
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|18- दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है।
|18- दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है।
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|अर्थ - जिससे कुछ पाना हो , उसकी धौंस, डपट सहनी पड़ती है।
अर्थ - जिससे कुछ पाना हो , उसकी धौंस, डपट सहनी पड़ती है।
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|19- दुनिया का मुँह किसने पकड़ा है।
|19- दुनिया का मुँह किसने पकड़ा है।
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|अर्थ - लोग निंदा–स्तुति करते रहते हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता ।
अर्थ - लोग निंदा–स्तुति करते रहते हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता ।
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|20- दुविधा में दोऊ गए, माया मिली न राम।
|20- दुविधा में दोऊ गए, माया मिली न राम।
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|अर्थ - दुविधा में रहने से कुछ नहीं मिलता, करें या ना करें की स्थिति अच्छी नहीं होती।
अर्थ - दुविधा में रहने से कुछ नहीं मिलता, करें या ना करें की स्थिति अच्छी नहीं होती।
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|21- दूलहा को पत्तल नहीं, बनिये को थाल।
|21- दूलहा को पत्तल नहीं, बनिये को थाल।
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|अर्थ - जिसका जो हक है वह उसे नहीं मिलता।
अर्थ - जिसका जो हक है वह उसे नहीं मिलता।
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|22- दूध का दूध पानी का पानी।
|22- दूध का दूध पानी का पानी।
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|अर्थ - ठीक-ठीक न्याय मिल जाना।
अर्थ - ठीक-ठीक न्याय मिल जाना।
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|23- दूध पिलाकर साँप को पालना।
|23- दूध पिलाकर साँप को पालना।
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|अर्थ - शत्रु पर उपकार करना।
अर्थ - शत्रु पर उपकार करना।
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|24- दूर के ढोल सुहावने।
|24- दूर के ढोल सुहावने।
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|अर्थ - दूर से चीज़ें अच्छी लगती हैं।
अर्थ - दूर से चीज़ें अच्छी लगती हैं।
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|25- दूसरे की पत्तल, लंबा-लंबा भात।
|25- दूसरे की पत्तल, लंबा-लंबा भात।
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|अर्थ - दूसरे की वस्तु अच्छी‍ लगती है।
अर्थ - दूसरे की वस्तु अच्छी‍ लगती है।
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|26- देसी कुतिया विलायती बोली।
|26- देसी कुतिया विलायती बोली।
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|अर्थ - किसी की नकल में अपनापन छोड़ना।
अर्थ - किसी की नकल में अपनापन छोड़ना।
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|27- [[देह धरे का दंड|देह धरे का दंड है, हर काहू को होय]]।<br />
|27- [[देह धरे का दंड|देह धरे का दंड है, हर काहू को होय]]। ज्ञानी काटे ज्ञान से, मूरख काटे रोय।।
ज्ञानी काटे ज्ञान से, मूरख काटे रोय।।
|अर्थ - जीवन में शरीर के साथ कष्ट तो लगा रहता है, बुद्धिमान व्यक्ति युक्ति से और बेवकूफ रो रोकर जीवन जीता है ।
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अर्थ - जीवन में शरीर के साथ कष्ट तो लगा रहता है, बुद्धिमान व्यक्ति युक्ति से और बेवकूफ रो रोकर जीवन जीता है ।
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|28- दोनों हाथों से ताली बजती है।
|28- दोनों हाथों से ताली बजती है।
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| अर्थ - लड़ाई झगड़े के ज़िम्मेदार दोनों पक्ष होते हैं।
अर्थ - लड़ाई झगड़े के ज़िम्मेदार दोनों पक्ष होते हैं।
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|29- दोनों हाथों में लड्डू।
|29- दोनों हाथों में लड्डू।
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|अर्थ - हर तरफ लाभ ही लाभ होना।
अर्थ - हर तरफ लाभ ही लाभ होना।
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|30- दो मुल्लों  में मुर्गी हलाल।
|30- दो मुल्लों  में मुर्गी हलाल।
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|अर्थ - एक ही काम की ज़िम्मेदारी दो लोगों को देने से दिया गया काम बिगड़ जाता है।
अर्थ - एक ही काम की ज़िम्मेदारी दो लोगों को देने से दिया गया काम बिगड़ जाता है।
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|31- दो लड़ें तीसरा ले उड़े।
|31- दो लड़ें तीसरा ले उड़े।
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|अर्थ - दो व्यक्तियों की लड़ाई में तीसरे व्यक्ति की बन आती है।
अर्थ - दो व्यक्तियों की लड़ाई में तीसरे व्यक्ति की बन आती है।
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|32- दुविधा में दोनों गये, माया मिली ना राम।
|32- दुविधा में दोनों गये, माया मिली ना राम।
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|अर्थ - दुविधा में  हमेशा हानि हो जाती है। संशय में कोई भी काम पूरा नहीं होता है।
अर्थ - दुविधा में  हमेशा हानि हो जाती है। संशय में कोई भी काम पूरा नहीं होता है।
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|33- दमड़ी की बुढिया टका सिर मुँड़ाई।
|33- दमड़ी की बुढिया टका सिर मुँड़ाई।
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|अर्थ - मामूली चीज़ के रखरखाव और मरम्मत पर ज़्यादा खर्च करना।
अर्थ - मामूली चीज़ के रखरखाव और मरम्मत पर ज़्यादा खर्च करना।
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|34- दाढ़ी पेट में होना।
|34- दाढ़ी पेट में होना।
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|अर्थ - छोटी उम्र में अधिक ज्ञान।  
अर्थ - छोटी उम्र में अधिक ज्ञान।  
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|35- दमड़ी के तीन होना।
|35- दमड़ी के तीन होना।
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|अर्थ - सस्ते  होना।  
अर्थ - सस्ते  होना।  
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|36- दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना।
|36- दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना।
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|अर्थ - मामूली सी बात के लिए भारी दंड देना।
अर्थ - मामूली सी बात के लिए भारी दंड देना।
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|37- दम भरना।
|37- दम भरना।
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|अर्थ - जिसको कष्ट होता है वही उसका अनुभव कर सकता है।
अर्थ - जिसको कष्ट होता है वही उसका अनुभव कर सकता है।
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|38- दाँत काटी रोटी।
|38- दाँत काटी रोटी।
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|अर्थ - घनिष्ठ मित्रता।
अर्थ - घनिष्ठ मित्रता।
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|39- दाँत खट्टे करना।
|39- दाँत खट्टे करना।
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|अर्थ - हरा देना।
अर्थ - हरा देना।
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|40- दाँत तालू में जमना।
|40- दाँत तालू में जमना।
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|अर्थ - बुरे दिन आना।
अर्थ - बुरे दिन आना।
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|41- दाई से पेट छिपाना।
|41- दाई से पेट छिपाना।
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|अर्थ - जानकार से बात छिपाना।
अर्थ - जानकार से बात छिपाना।
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|42- दांत पीसकर रह जाना।
|42- दांत पीसकर रह जाना।
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|अर्थ - क्रोध रोक लेना।  
अर्थ - क्रोध रोक लेना।  
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|43- दाँतो तले उँगली दबाना।
|43- दाँतों तले उँगली दबाना।
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|अर्थ - आर्श्चय चकित होना।
अर्थ - आर्श्चय चकित होना।
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|44- दाल जूतियों में बंटना।
|44- दाल जूतियों में बंटना।
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|अर्थ - अनबन होना।  
अर्थ - अनबन होना।  
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|45- दाल न गलना।
|45- दाल न गलना।
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|अर्थ - बस न चलना।  
अर्थ - बस न चलना।  
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|46- दाल में काला होना।
|46- दाल में काला होना।
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|अर्थ - संदेह होना।
अर्थ - संदेह होना।
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|47- दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति होना।
|47- दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति होना।
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|अर्थ - तीव्र गति से विकास।
अर्थ - तीव्र गति से विकास।
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|48- दिन पहाड़ होना।
|48- दिन पहाड़ होना।
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|अर्थ - दिन नहीं कटना।
अर्थ - दिन नहीं कटना।
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|49- दिनों का फेर होना।
|49- दिनों का फेर होना।
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|अर्थ - समय समय की बात होना।  
अर्थ - समय समय की बात होना।  
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|50-  दिमाग आसमान पर चढ़ना।
|50-  दिमाग आसमान पर चढ़ना।
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|अर्थ - बहुत घमंड होना।  
अर्थ - बहुत घमंड होना।  
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|51- दिल का गुबार निकालना।
|51- दिल का गुबार निकालना।
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|अर्थ - दबा भाव प्रकट करना।
अर्थ - दबा भाव प्रकट करना।
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|52- दिल के फफोले तोड़ना।
|52- दिल के फफोले तोड़ना।
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|अर्थ - कुढ़कर जली-कटी बातें कहना।  
अर्थ - कुढ़कर जली-कटी बातें कहना।  
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|53- दिल भर आना।
|53- दिल भर आना।
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|अर्थ - दु:खी होना।
अर्थ - दु:खी होना।
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|54- दिल मसोसकर रह जाना।
|54- दिल मसोसकर रह जाना।
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|अर्थ - मन में खीझकर रह जाना।
अर्थ - मन में खीझकर रह जाना।
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|55- दूज का चाँद होना।
|55- दूज का चाँद होना।
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|अर्थ - बहुत दिनों बाद दिखाई देना।  
अर्थ - बहुत दिनों बाद दिखाई देना।  
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|56- दूध का धुला होना।
|56- दूध का धुला होना।
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|अर्थ - निर्दोष  होना।  
अर्थ - निर्दोष  होना।  
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|57- दूध का दूध और पानी का पानी।
|57- दूध का दूध और पानी का पानी।
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|अर्थ - सही निर्णय करना।
अर्थ - सही निर्णय करना।
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|58- दूध के दाँत न टूटना।
|58- दूध के दाँत न टूटना।
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|अर्थ - ज्ञान और अनुभव न होना।  
अर्थ - ज्ञान और अनुभव न होना।  
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|59- दूर की कौड़ी लाना।
|59- दूर की कौड़ी लाना।
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|अर्थ - दूर तक का सोच लेना।
अर्थ - दूर तक का सोच लेना।
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|60- देवता कूच कर जाना।
|60- देवता कूच कर जाना।
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|अर्थ -  घबरा जाना।
अर्थ -  घबरा जाना।
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|61- दो टूक बात कहना।
|61- दो टूक बात कहना।
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|अर्थ - साफ-साफ कहना।  
अर्थ - साफ-साफ कहना।  
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|62- दो दिन का मेहमान।
|62- दो दिन का मेहमान।
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|अर्थ - जल्दी मरने वाला।
अर्थ - जल्दी मरने वाला।
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|63- दो नावों पर पैर रखना।
|63- दो नावों पर पैर रखना।
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|अर्थ - दोनों तरफ रहना।
अर्थ - दोनों तरफ रहना।
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13:58, 2 मार्च 2017 का अवतरण

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कहावत लोकोक्ति मुहावरे अर्थ
1- दसै असाढ़ी कृष्ण की, मंगल रोहिनी होय। सस्ता धान बिकाइ हैं, हाथ न छुइहै कोय।। अर्थ - अगर आषाढ़ माह में कृष्णपक्ष दशमी को मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र पड़े तो धान इतना सस्ता बिकेगा कि कोई भी न छुएगा।
2- दबी बिल्ली चूहों से कान कतरवाती है। अर्थ - दोषी व्यक्ति छोटों के सामने भी सिर नहीं उठा सकता।
3- दबाने पर चींटी भी चोट करती है। अर्थ - जिस किसी को दु:ख दिया जाए वह बदला लेता है।
4- दमड़ी की हाँड़ी गई, कुत्ते की जात पहचानी गई। अर्थ - थोड़ी सी हानि उठाई पर किसी की असलियत तो जान ली।
5- दर्जी की सुई, कभी धागे में कभी टाट में। अर्थ - हर परिस्थिति में सहनशीलता बनाये रखना।
6- दलाल का दिवाला क्या , मस्जिद में ताला क्या। अर्थ - जिसके पास कुछ है ही नहीं ,उसे हानि का क्या डर।
7- दाग़ लगाए लँगोटिया यार। अर्थ - आदमी अपनों से ही धोखा खा जाता है।
8- दाता दे, भंडारी पेट फाड़े। अर्थ - दान कोई करे कुढ़न दूसरे को हो।
9- दादा कहने से बनिया गुड़ देता है। अर्थ - मधुर वाणी से काम बन जाता है।
10- दान के बछिया के दाँत नहीं देखे जाते। अर्थ - मुफ़्त में मिली वस्तु के गुण-अवगुण नहीं देखे जाते।
11- दाने-दाने पर मुहर। अर्थ - हर व्यक्ति का अपना भाग्य होता है।
12- दाम सँवारे सब काम। अर्थ - पैसा से सब काम हो जाता है।
13- दाल-भात में मूसलचंद। अर्थ - बीच में दख़ल देने वाला।
14- दाल में नमक जितना सच में झूठ। अर्थ - थोड़ा सा झूठ तो चल जाता है, जैसे दाल में नमक।
15- दिन भर चले अढ़ाई कोस। अर्थ - समय बहुत लगा और काम बहुत थोड़ा हुआ, धीरे धीरे काम होना।
16- दिल्ली अभी दूर है। अर्थ - अभी सफलता में देरी है, मंज़िल अभी दूर है।
17- दीवारों के भी कान होते हैं। अर्थ - रहस्य की बात गुप-चुप करनी चाहिए।
18- दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है। अर्थ - जिससे कुछ पाना हो , उसकी धौंस, डपट सहनी पड़ती है।
19- दुनिया का मुँह किसने पकड़ा है। अर्थ - लोग निंदा–स्तुति करते रहते हैं, उन्हें रोका नहीं जा सकता ।
20- दुविधा में दोऊ गए, माया मिली न राम। अर्थ - दुविधा में रहने से कुछ नहीं मिलता, करें या ना करें की स्थिति अच्छी नहीं होती।
21- दूलहा को पत्तल नहीं, बनिये को थाल। अर्थ - जिसका जो हक है वह उसे नहीं मिलता।
22- दूध का दूध पानी का पानी। अर्थ - ठीक-ठीक न्याय मिल जाना।
23- दूध पिलाकर साँप को पालना। अर्थ - शत्रु पर उपकार करना।
24- दूर के ढोल सुहावने। अर्थ - दूर से चीज़ें अच्छी लगती हैं।
25- दूसरे की पत्तल, लंबा-लंबा भात। अर्थ - दूसरे की वस्तु अच्छी‍ लगती है।
26- देसी कुतिया विलायती बोली। अर्थ - किसी की नकल में अपनापन छोड़ना।
27- देह धरे का दंड है, हर काहू को होय। ज्ञानी काटे ज्ञान से, मूरख काटे रोय।। अर्थ - जीवन में शरीर के साथ कष्ट तो लगा रहता है, बुद्धिमान व्यक्ति युक्ति से और बेवकूफ रो रोकर जीवन जीता है ।
28- दोनों हाथों से ताली बजती है। अर्थ - लड़ाई झगड़े के ज़िम्मेदार दोनों पक्ष होते हैं।
29- दोनों हाथों में लड्डू। अर्थ - हर तरफ लाभ ही लाभ होना।
30- दो मुल्लों में मुर्गी हलाल। अर्थ - एक ही काम की ज़िम्मेदारी दो लोगों को देने से दिया गया काम बिगड़ जाता है।
31- दो लड़ें तीसरा ले उड़े। अर्थ - दो व्यक्तियों की लड़ाई में तीसरे व्यक्ति की बन आती है।
32- दुविधा में दोनों गये, माया मिली ना राम। अर्थ - दुविधा में हमेशा हानि हो जाती है। संशय में कोई भी काम पूरा नहीं होता है।
33- दमड़ी की बुढिया टका सिर मुँड़ाई। अर्थ - मामूली चीज़ के रखरखाव और मरम्मत पर ज़्यादा खर्च करना।
34- दाढ़ी पेट में होना। अर्थ - छोटी उम्र में अधिक ज्ञान।
35- दमड़ी के तीन होना। अर्थ - सस्ते होना।
36- दमड़ी के लिए चमड़ी उधेड़ना। अर्थ - मामूली सी बात के लिए भारी दंड देना।
37- दम भरना। अर्थ - जिसको कष्ट होता है वही उसका अनुभव कर सकता है।
38- दाँत काटी रोटी। अर्थ - घनिष्ठ मित्रता।
39- दाँत खट्टे करना। अर्थ - हरा देना।
40- दाँत तालू में जमना। अर्थ - बुरे दिन आना।
41- दाई से पेट छिपाना। अर्थ - जानकार से बात छिपाना।
42- दांत पीसकर रह जाना। अर्थ - क्रोध रोक लेना।
43- दाँतों तले उँगली दबाना। अर्थ - आर्श्चय चकित होना।
44- दाल जूतियों में बंटना। अर्थ - अनबन होना।
45- दाल न गलना। अर्थ - बस न चलना।
46- दाल में काला होना। अर्थ - संदेह होना।
47- दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति होना। अर्थ - तीव्र गति से विकास।
48- दिन पहाड़ होना। अर्थ - दिन नहीं कटना।
49- दिनों का फेर होना। अर्थ - समय समय की बात होना।
50- दिमाग आसमान पर चढ़ना। अर्थ - बहुत घमंड होना।
51- दिल का गुबार निकालना। अर्थ - दबा भाव प्रकट करना।
52- दिल के फफोले तोड़ना। अर्थ - कुढ़कर जली-कटी बातें कहना।
53- दिल भर आना। अर्थ - दु:खी होना।
54- दिल मसोसकर रह जाना। अर्थ - मन में खीझकर रह जाना।
55- दूज का चाँद होना। अर्थ - बहुत दिनों बाद दिखाई देना।
56- दूध का धुला होना। अर्थ - निर्दोष होना।
57- दूध का दूध और पानी का पानी। अर्थ - सही निर्णय करना।
58- दूध के दाँत न टूटना। अर्थ - ज्ञान और अनुभव न होना।
59- दूर की कौड़ी लाना। अर्थ - दूर तक का सोच लेना।
60- देवता कूच कर जाना। अर्थ - घबरा जाना।
61- दो टूक बात कहना। अर्थ - साफ-साफ कहना।
62- दो दिन का मेहमान। अर्थ - जल्दी मरने वाला।
63- दो नावों पर पैर रखना। अर्थ - दोनों तरफ रहना।