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'''कुचल देना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
'''कुचल देना''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।


'''अर्थ'''- पददलित करना।
'''अर्थ'''- पद-दलित करना।


'''प्रयोग'''- महाराज ययाति के सम्मुख जिस आचार्य राजा ने सिर पर उठाया उसे उन्होंने कुचल दिया। (यज्ञदत्त)  
'''प्रयोग'''- [[ययाति|महाराज ययाति]] के सम्मुख जिस आचार्य राजा ने सिर उठाया, उसे उन्होंने कुचल दिया। (यज्ञदत्त)  
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==संबंधित लेख==
{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}
[[Category:हिन्दी मुहावरे एवं लोकोक्ति कोश]]
[[Category:कहावत लोकोक्ति मुहावरे]]
[[Category:साहित्य कोश]]
__INDEX__
''' एक प्रचलित [[कहावत लोकोक्ति मुहावरे|लोकोक्ति]] अथवा [[हिन्दी]] मुहावरा है।
 
'''अर्थ'''- सार से रहित होना,बेदम होना।
 
'''प्रयोग'''- उसकी सारी सेना को एक [[कनखी]] से देखकर निडर [[कार्तिकेय]] ने समझ लिया कि इस सेना मे कुछ धरा नहीं हैं। ([[सीताराम चतुर्वेदी]]) 


==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

11:06, 22 जून 2017 का अवतरण

कुचल देना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- पद-दलित करना।

प्रयोग- महाराज ययाति के सम्मुख जिस आचार्य राजा ने सिर उठाया, उसे उन्होंने कुचल दिया। (यज्ञदत्त)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

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