"चित्रकार": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
चित्र बनाने वाला चित्रकार कहलाता है।
चित्र बनाने वाला चित्रकार कहलाता है।
====चित्रकला का विकास====
====चित्रकला का विकास====
ब्रिटिश काल में [[चित्रकला]] के विकास में कुछ मंदी आ गयी। इसके बाद [[भारत]] के नवजागरण से प्रभावित चित्रकला का नया रूप सामने आया। इसके मुख्य प्रवर्तक रहे हैं- [[राजा रवि वर्मा]], [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]], [[नंदलाल बोस]], [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]], यामिनी राय, असित हालदार, [[अमृता शेरगिल]] आदि ने धीरे-धीरे इस कला को पुन: प्रगति की लीक पर लाने का प्रयास किया। इस [[युग]] से कला [[राजपूताना]] या कांगड़ा शैली के नख-शिख चित्रण से हटकर [[रंग]] और रेखाओं के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने की ओर अभिमुख हुई और आज के भारतीय चित्रकारों की कृतियाँ इस प्रयोगवादी शैली से प्रभावित हैं। तत्पश्चात गगनेंद्रनाथ टैगोर, [[अमृता शेरगिल]], नंदलाल बोस, [[जैमिनी राय]] तथा रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि कलाकारों ने भारतीय चित्रकला को नये आयाम प्रदान किये। वर्तमान युग में [[मक़बूल फिदा हुसैन]], चित्रकला के प्रमुख उन्नायक रहे।
ब्रिटिश काल में [[चित्रकला]] के विकास में कुछ मंदी आ गयी। इसके बाद [[भारत]] के नवजागरण से प्रभावित चित्रकला का नया रूप सामने आया। इसके मुख्य प्रवर्तक रहे हैं- [[राजा रवि वर्मा]], [[अवनीन्द्रनाथ ठाकुर]], [[नंदलाल बोस]], [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]], यामिनी राय, असित हालदार, [[अमृता शेरगिल]] आदि ने धीरे-धीरे इस कला को पुन: प्रगति की लीक पर लाने का प्रयास किया। इस [[युग]] से कला [[राजपूताना]] या कांगड़ा शैली के नख-शिख चित्रण से हटकर [[रंग]] और रेखाओं के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने की ओर अभिमुख हुई और आज के भारतीय चित्रकारों की कृतियाँ इस प्रयोगवादी शैली से प्रभावित हैं। तत्पश्चात् गगनेंद्रनाथ टैगोर, [[अमृता शेरगिल]], नंदलाल बोस, [[जैमिनी राय]] तथा रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि कलाकारों ने भारतीय चित्रकला को नये आयाम प्रदान किये। वर्तमान युग में [[मक़बूल फिदा हुसैन]], चित्रकला के प्रमुख उन्नायक रहे।


{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

07:42, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

चित्र बनाने वाला चित्रकार कहलाता है।

चित्रकला का विकास

ब्रिटिश काल में चित्रकला के विकास में कुछ मंदी आ गयी। इसके बाद भारत के नवजागरण से प्रभावित चित्रकला का नया रूप सामने आया। इसके मुख्य प्रवर्तक रहे हैं- राजा रवि वर्मा, अवनीन्द्रनाथ ठाकुर, नंदलाल बोस, रवीन्द्रनाथ ठाकुर, यामिनी राय, असित हालदार, अमृता शेरगिल आदि ने धीरे-धीरे इस कला को पुन: प्रगति की लीक पर लाने का प्रयास किया। इस युग से कला राजपूताना या कांगड़ा शैली के नख-शिख चित्रण से हटकर रंग और रेखाओं के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने की ओर अभिमुख हुई और आज के भारतीय चित्रकारों की कृतियाँ इस प्रयोगवादी शैली से प्रभावित हैं। तत्पश्चात् गगनेंद्रनाथ टैगोर, अमृता शेरगिल, नंदलाल बोस, जैमिनी राय तथा रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि कलाकारों ने भारतीय चित्रकला को नये आयाम प्रदान किये। वर्तमान युग में मक़बूल फिदा हुसैन, चित्रकला के प्रमुख उन्नायक रहे।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख