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*अपनी पूजा बन्द तथा [[गोवर्धन]] की पूजा प्रचलित होते देखकर क्रोधित [[इन्द्र|इन्द्रदेव]] ने ब्रजवासियों को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए सात दिनों तक मूसलाधार वर्षा एवं वज्रपात करवाया, किन्तु वे अपने कार्य में असफल रहे।
*अपनी पूजा बन्द तथा [[गोवर्धन]] की पूजा प्रचलित होते देखकर क्रोधित [[इन्द्र|इन्द्रदेव]] ने ब्रजवासियों को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए सात दिनों तक मूसलाधार वर्षा एवं वज्रपात करवाया, किन्तु वे अपने कार्य में असफल रहे।

07:46, 23 जून 2017 के समय का अवतरण

गोविन्द कुण्ड काम्यवन
गोविन्द कुण्ड
गोविन्द कुण्ड
विवरण 'गोविन्द कुण्ड' एक प्रसिद्ध कुण्ड है। यह वह कुण्ड है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण द्वारा देवराज इन्द्र का मानमर्दन करने के पश्चात् अभिषेक किया गया था।
राज्य उत्तर प्रदेश
ज़िला मथुरा
प्रसिद्धि हिन्दू धार्मिक स्थल
कब जाएँ कभी भी
यातायात बस, कार, ऑटो आदि
संबंधित लेख वृन्दावन, काम्यवन, कोकिलावन, राधाकुण्ड गोवर्धन, गोवर्धन, खदिरवन, महावन, राधाकुण्ड गोवर्धन, ललिता कुण्ड काम्यवन, विशाखा कुण्ड वृन्दावन


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गोविन्द कुण्ड वह स्थान है, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण द्वारा देवराज इन्द्र का मानमर्दन करने के पश्चात् अभिषेक किया गया था।

  • अपनी पूजा बन्द तथा गोवर्धन की पूजा प्रचलित होते देखकर क्रोधित इन्द्रदेव ने ब्रजवासियों को नष्ट-भ्रष्ट करने के लिए सात दिनों तक मूसलाधार वर्षा एवं वज्रपात करवाया, किन्तु वे अपने कार्य में असफल रहे।
  • अन्त में ब्रह्मा के परामर्श से अपना अपराध क्षमा कराने के लिए इन्द्र ने सुरभी देवी को साथ लेकर यहाँ श्रीकृष्ण का अभिषेक किया तथा गौ, गोप और ब्रज सबका आनन्दवर्धक और पोषक होने के कारण 'गोविन्द' नामकरण किया। तभी से कृष्ण का एक नाम गोविन्द हुआ।
  • श्री गोविन्द का नामकरण और अभिषेक होने के कारण इस स्थल का नाम 'गोविन्द कुण्ड' हुआ। वज्रनाभ ने इस लीला की स्मृति के लिए इस कुण्ड की स्थापना की थी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख