"बुगरा ख़ाँ": अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
(''''बुगरा ख़ाँ''' 'बलबनी राजवंश' की स्थापना करने वाले [[ग़...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) छो (Text replacement - " महान " to " महान् ") |
||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
*मुहम्मद की मृत्यु के सदमे को न बर्दाश्त कर पाने के कारण 80 वर्ष की अवस्था में 1286 ई. में बलबन की मृत्यु हो गई। | *मुहम्मद की मृत्यु के सदमे को न बर्दाश्त कर पाने के कारण 80 वर्ष की अवस्था में 1286 ई. में बलबन की मृत्यु हो गई। | ||
*मुत्यु पूर्व बलबन ने अपने दूसरे पुत्र बुगरा ख़ाँ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने के आशय से [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] से वापस बुलाया, किन्तु विलासी बुगरा ख़ाँ ने बंगाल के आराम-पसन्द एवं स्वतन्त्र जीवन को अधिक पसन्द किया और चुपके से बंगाल वापस चला गया। तदुपरान्त बलबन ने अपने पौत्र (मुहम्मद के पुत्र) कैखुसरो को अपना उत्तराधिकारी चुना। | *मुत्यु पूर्व बलबन ने अपने दूसरे पुत्र बुगरा ख़ाँ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने के आशय से [[बंगाल (आज़ादी से पूर्व)|बंगाल]] से वापस बुलाया, किन्तु विलासी बुगरा ख़ाँ ने बंगाल के आराम-पसन्द एवं स्वतन्त्र जीवन को अधिक पसन्द किया और चुपके से बंगाल वापस चला गया। तदुपरान्त बलबन ने अपने पौत्र (मुहम्मद के पुत्र) कैखुसरो को अपना उत्तराधिकारी चुना। | ||
*'बुगरा ख़ाँ' | *'बुगरा ख़ाँ' महान् संगीत प्रेमी भी था। वह गायकों आदि के साथ भी काफ़ी समय व्यतीत करता था। | ||
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} |
11:06, 1 अगस्त 2017 के समय का अवतरण
बुगरा ख़ाँ 'बलबनी राजवंश' की स्थापना करने वाले ग़यासुद्दीन बलबन का द्वितीय पुत्र था। बलबन के बड़े पुत्र का नाम शाहज़ादा मुहम्मद था। ग़यासुद्दीन बलबन के बाद बुगरा ख़ाँ ने ही बंगाल को स्वतंत्र घोषित कर लिया था। बुगरा ख़ाँ आराम पसन्द व्यक्तित्व का था, यही कारण था कि पिता द्वारा उत्तराधिकारी घोषित किये जाने पर भी उसने उत्तराधिकार स्वीकार नहीं किया और बंगाल चला गया।
- बलबन ने राज्य की सीमा पर कीलों की एक तार बनवायी थी और प्रत्येक क़िले में बड़ी संख्या में सेना रखी। कुछ वर्षो के पश्चात् उसने उत्तर-पश्चिमी सीमा को भी दो भागों में बांट दिया था।
- लाहौर, मुल्तान और दिपालपुर का क्षेत्र शाहज़ादा मुहम्मद को और सुमन, समाना तथा कच्छ का क्षेत्र शाहजादा बुगरा ख़ाँ को दिया गया था।
- 1286 ई. में बलबन का बड़ा पुत्र मुहम्मद अचानक एक बड़ी मंगोल सेना से घिर जाने के कारण युद्ध करते हुए मारा गया।
- मुहम्मद की मृत्यु के सदमे को न बर्दाश्त कर पाने के कारण 80 वर्ष की अवस्था में 1286 ई. में बलबन की मृत्यु हो गई।
- मुत्यु पूर्व बलबन ने अपने दूसरे पुत्र बुगरा ख़ाँ को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त करने के आशय से बंगाल से वापस बुलाया, किन्तु विलासी बुगरा ख़ाँ ने बंगाल के आराम-पसन्द एवं स्वतन्त्र जीवन को अधिक पसन्द किया और चुपके से बंगाल वापस चला गया। तदुपरान्त बलबन ने अपने पौत्र (मुहम्मद के पुत्र) कैखुसरो को अपना उत्तराधिकारी चुना।
- 'बुगरा ख़ाँ' महान् संगीत प्रेमी भी था। वह गायकों आदि के साथ भी काफ़ी समय व्यतीत करता था।
|
|
|
|
|