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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*मार्ग शुक्लपक्ष प्रतिपदा को आरम्भ, यह ऋतुव्रत है, दो ऋतुओं के लिए यह व्रत किया जाता है- हेमन्त एवं | *मार्ग शुक्लपक्ष [[प्रतिपदा]] को आरम्भ, यह ऋतुव्रत है, दो ऋतुओं के लिए यह व्रत किया जाता है- हेमन्त एवं शिविर। | ||
*'ओं नमः केशवाय' का 108 बार जप, द्वादशी को विशेष कृत्य किया जाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 2, 839–42, विष्णुरहस्य से उद्धरण)</ref> | *अनरक व्रत में [[केशव]] की पूजा होती है। | ||
*'ओं नमः केशवाय' का 108 बार जप, [[द्वादशी]] को विशेष कृत्य किया जाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 2, 839–42, विष्णुरहस्य से उद्धरण)</ref> | |||
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07:24, 6 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- मार्ग शुक्लपक्ष प्रतिपदा को आरम्भ, यह ऋतुव्रत है, दो ऋतुओं के लिए यह व्रत किया जाता है- हेमन्त एवं शिविर।
- अनरक व्रत में केशव की पूजा होती है।
- 'ओं नमः केशवाय' का 108 बार जप, द्वादशी को विशेष कृत्य किया जाता है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड, 2, 839–42, विष्णुरहस्य से उद्धरण)
संबंधित लिंक
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