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'''टिहरी बाँध''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Tehri Dam'') टिहरी विकास परियोजना का प्राथमिक बाँध है, जो [[उत्तराखण्ड|उत्तराखण्ड राज्य]] के [[टिहरी गढ़वाल|टिहरी]] में स्थित है। यह बाँध [[गंगा नदी]] की प्रमुख सहयोगी नदी [[भागीरथी नदी|भागीरथी]] पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है, जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है। | |||
*टिहरी बाँध [[भारत]] का सबसे ऊँचा तथा विशालकाय बाँध है। यह भागीरथी नदी पर 261 मीटर की उँचाई पर बना है। टिहरी बांध दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है, जिसका उपयोग सिंचाई तथा बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है। | |||
*इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल [[दिल्ली]], [[उत्तर प्रदेश]] एवं उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना है। | |||
*टिहरी बांध परियोजना हेतु प्राथमिक जांच का काम [[1961]] में पूर्ण हो गया था। इसके बाद इसकी रूपरेखा तय करने का कार्य [[1972]] में हुआ। इसके लिए 600 एमडबल्यू का बिजली संयंत्र लगाया गया। इसके निर्माण का कार्य [[1978]] में शुरू हुआ, लेकिन आर्थिक, पर्यावरणीय आदि प्रभाव के कारण इसमें देरी हुई। इसके निर्माण का कार्य [[2006]] में पूरा हो गया। | |||
*टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं- | |||
#टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई - 1000 मेगावाट | |||
#कोटेशवर जल विद्युत परियोजना - 400 मेगावाट | |||
#टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना - 1000 मेगावाट | |||
*वर्तमान में इसकी स्थापित क्षमता 2400 मेगावाट है। '[[भारत सरकार]]' ने यहाँ अतिरिक्त 1000 मेगावाट की इकाई लगाने की मंज़ूरी दे दी है। | |||
*टिहरी बाँध परियोजना पर केंद्र सरकार ने 75 प्रतिशत व राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत धन व्यय किया है। | |||
*यह परियोजना [[हिमालय]] के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित है। यहाँ आस-पास 6.8 से 8.5 तीव्रता के [[भूकंप]] आने का अनुमान लगाया गया है। इस कारण इस बाँध का भारी विरोध भी हो रहा है। | |||
*पर्यावरणविद मानते है की बाँध के टूटने के कारण [[ऋषिकेश]], [[हरिद्वार]], [[बिजनौर]], [[मेरठ]] और [[बुलंदशहर]] इसमें जलमग्न हो जाएँगे। | |||
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | |||
<references/> | |||
==बाहरी कड़ियाँ== | |||
*[http://www.walkthroughindia.com/hindi/indias-five-biggest-and-largest-dams/ पाँच प्रमुख एवम् विशालकाय बाँध] | |||
*[http://rajexpress.co/r-16/to-10-dam-of-india/ भारत के प्रमुख बांध] | |||
==संबंधित लेख== | |||
{{भारत के बाँध}}{{नदी घाटी परियोजनाएँ}} | |||
[[Category:भारत के बाँध]][[Category:बाँध]][[Category:नदी घाटी परियोजनाएँ]][[Category:उत्तराखंड]][[Category:उत्तराखंड के पर्यटन स्थल]][[Category:भूगोल कोश]][[Category:पर्यटन कोश]] | |||
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11:28, 6 अक्टूबर 2017 का अवतरण
टिहरी बाँध (अंग्रेज़ी: Tehri Dam) टिहरी विकास परियोजना का प्राथमिक बाँध है, जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है, जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है।
- टिहरी बाँध भारत का सबसे ऊँचा तथा विशालकाय बाँध है। यह भागीरथी नदी पर 261 मीटर की उँचाई पर बना है। टिहरी बांध दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है, जिसका उपयोग सिंचाई तथा बिजली पैदा करने हेतु किया जाता है।
- इस बाँध से 2400 मेगावाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना है।
- टिहरी बांध परियोजना हेतु प्राथमिक जांच का काम 1961 में पूर्ण हो गया था। इसके बाद इसकी रूपरेखा तय करने का कार्य 1972 में हुआ। इसके लिए 600 एमडबल्यू का बिजली संयंत्र लगाया गया। इसके निर्माण का कार्य 1978 में शुरू हुआ, लेकिन आर्थिक, पर्यावरणीय आदि प्रभाव के कारण इसमें देरी हुई। इसके निर्माण का कार्य 2006 में पूरा हो गया।
- टिहरी जल विद्युत परियोजना के अंतर्गत तीन मुख्य इकाइयाँ स्थापित की गयी हैं-
- टिहरी बाँध और जल विद्युत इकाई - 1000 मेगावाट
- कोटेशवर जल विद्युत परियोजना - 400 मेगावाट
- टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना - 1000 मेगावाट
- वर्तमान में इसकी स्थापित क्षमता 2400 मेगावाट है। 'भारत सरकार' ने यहाँ अतिरिक्त 1000 मेगावाट की इकाई लगाने की मंज़ूरी दे दी है।
- टिहरी बाँध परियोजना पर केंद्र सरकार ने 75 प्रतिशत व राज्य सरकार ने 25 प्रतिशत धन व्यय किया है।
- यह परियोजना हिमालय के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित है। यहाँ आस-पास 6.8 से 8.5 तीव्रता के भूकंप आने का अनुमान लगाया गया है। इस कारण इस बाँध का भारी विरोध भी हो रहा है।
- पर्यावरणविद मानते है की बाँध के टूटने के कारण ऋषिकेश, हरिद्वार, बिजनौर, मेरठ और बुलंदशहर इसमें जलमग्न हो जाएँगे।
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