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*इसे [[यम द्वितीया]] भी कहते हैं, क्योंकि प्राचीन काल में [[यमुना नदी|यमुना]] ने अपने भाई [[यमराज|यम]] को इस दिन भोजन दिया था। | *इसे [[यम द्वितीया]] भी कहते हैं, क्योंकि प्राचीन काल में [[यमुना नदी|यमुना]] ने अपने भाई [[यमराज|यम]] को इस दिन भोजन दिया था। | ||
*कुछ ग्रन्थ, यथा – कृत्यतत्तव <ref>कृत्यतत्तव (453</ref>, व्रतार्क, व्रतराज <ref>व्रतराज (98-101</ref> दोनों को | *कुछ ग्रन्थ, यथा – कृत्यतत्तव <ref>कृत्यतत्तव (453</ref>, व्रतार्क, व्रतराज <ref>व्रतराज (98-101</ref> दोनों को अर्थात् यम पूजा एवं बहिन के घर में भोजन करना, एक में मिला देते हैं। | ||
07:53, 7 नवम्बर 2017 के समय का अवतरण
इन्हें भी देखें: यम द्वितीया
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लिखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- कार्तिक शुक्ल द्वितीया पर यह व्रत किया जाता है।
- इसे यम द्वितीया भी कहते हैं, क्योंकि प्राचीन काल में यमुना ने अपने भाई यम को इस दिन भोजन दिया था।
- कुछ ग्रन्थ, यथा – कृत्यतत्तव [1], व्रतार्क, व्रतराज [2] दोनों को अर्थात् यम पूजा एवं बहिन के घर में भोजन करना, एक में मिला देते हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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