"नागा आन्दोलन": अवतरणों में अंतर
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*इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य नागा राज्य की स्थापना करना था। | *इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य नागा राज्य की स्थापना करना था। | ||
*आन्दोलन के परिणामस्वरूप जदोनांग को गिरफ्तार कर लिया गया तथा 29 अगस्त, 1931 ई. को उसे | *आन्दोलन के परिणामस्वरूप जदोनांग को गिरफ्तार कर लिया गया तथा 29 अगस्त, 1931 ई. को उसे फाँसी दे दी गई। | ||
*उसके बाद इस आन्दोलन का नेतृत्व 17 वर्षीय नागा महिला 'गौडिनल्यु' ने किया। | *उसके बाद इस आन्दोलन का नेतृत्व 17 वर्षीय नागा महिला 'गौडिनल्यु' ने किया। | ||
*गौडिनल्यु ने अपने इस नागा [[आदिवासी]] आन्दोलन को [[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]] से जोड़ा। | *गौडिनल्यु ने अपने इस नागा [[आदिवासी]] आन्दोलन को [[सविनय अवज्ञा आन्दोलन]] से जोड़ा। |
10:43, 2 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
- नागा आन्दोलन सामाजिक एकता लाने और प्राचीन धर्म को पुनः जीवित करने के उद्देश्य से किया गया था।
- एक युवा रोगमई नेता 'जदोनांग' ने एक शक्तिशाली नागा आन्दोलन का गठन किया।
- इस आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य नागा राज्य की स्थापना करना था।
- आन्दोलन के परिणामस्वरूप जदोनांग को गिरफ्तार कर लिया गया तथा 29 अगस्त, 1931 ई. को उसे फाँसी दे दी गई।
- उसके बाद इस आन्दोलन का नेतृत्व 17 वर्षीय नागा महिला 'गौडिनल्यु' ने किया।
- गौडिनल्यु ने अपने इस नागा आदिवासी आन्दोलन को सविनय अवज्ञा आन्दोलन से जोड़ा।
- उसने अपने अनुयायियों को उत्पीड़नकारी क़ानूनों को तोड़ने तथा गृहकरों को अदा न करने का आदेश दिया।
- इस आन्दोलन से महात्मा गांधी का नाम भी जोड़ा गया।
- जवाहर लाल नेहरू एवं आज़ाद हिन्द फ़ौज ने गौडिनल्यु को 'रानी' की उपाधि देकर सम्मानित किया।
- गौडिनल्यु ने जदोनांग के धार्मिक विचारों के आधार पर 'होर्का पंथ' की स्थापना की।
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