"अष्टसखी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
No edit summary
 
पंक्ति 3: पंक्ति 3:
*राधा जी की परम श्रेष्ठ सखियाँ आठ मानी गयी हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-
*राधा जी की परम श्रेष्ठ सखियाँ आठ मानी गयी हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-
#[[ललिता]]
#[[ललिता]]
#विशाखा
#[[विशाखा सखी|विशाखा]]
#चम्पकलता
#[[चम्पकलता सखी|चम्पकलता]]
#चित्रा
#[[चित्रा सखी|चित्रा]]
#सुदेवी
#[[सुदेवी सखी|सुदेवी]]
#तुंगविद्या
#[[तुंगविद्या सखी|तुंगविद्या]]
#इन्दुलेखा
#[[इन्दुलेखा सखी|इन्दुलेखा]]
#रंगदेवी
#[[रंगदेवी सखी|रंगदेवी]]
#सुदेवी
#[[सुदेवी सखी|सुदेवी]]
 


*उपरोक्त सखियों में से 'चित्रा', 'सुदेवी', 'तुंगविद्या' और 'इन्दुलेखा' के स्थान पर 'सुमित्रा', 'सुन्दरी', 'तुंगदेवी' और 'इन्दुरेखा' नाम भी मिलते हैं।
*उपरोक्त सखियों में से 'चित्रा', 'सुदेवी', 'तुंगविद्या' और 'इन्दुलेखा' के स्थान पर 'सुमित्रा', 'सुन्दरी', 'तुंगदेवी' और 'इन्दुरेखा' नाम भी मिलते हैं।

11:26, 2 फ़रवरी 2018 के समय का अवतरण

अष्टसखी श्रीराधा जी की वे आठ श्रेष्ठ सखियाँ थीं, जिन्हें राधा जी सबसे अधिक मानती और महत्त्व देती थीं।

  • राधा जी की परम श्रेष्ठ सखियाँ आठ मानी गयी हैं, जिनके नाम निम्नलिखित हैं-
  1. ललिता
  2. विशाखा
  3. चम्पकलता
  4. चित्रा
  5. सुदेवी
  6. तुंगविद्या
  7. इन्दुलेखा
  8. रंगदेवी
  9. सुदेवी


  • उपरोक्त सखियों में से 'चित्रा', 'सुदेवी', 'तुंगविद्या' और 'इन्दुलेखा' के स्थान पर 'सुमित्रा', 'सुन्दरी', 'तुंगदेवी' और 'इन्दुरेखा' नाम भी मिलते हैं।


इन्हें भी देखें: राधा एवं कृष्ण

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख