"वेद व्रत": अवतरणों में अंतर

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*वास्तव में यह वेदों की आत्मा वासुदेव की पूजा है।  
*वास्तव में यह वेदों की आत्मा वासुदेव की पूजा है।  
*वेदव्रत 12 वर्षों तक करना चाहिए।
*वेदव्रत 12 वर्षों तक करना चाहिए।
*ऐसी मान्यता है कि वेदव्रत से सभी दु:खों से मुक्ति; [[विष्णुलोक]] की प्राप्ति होती है। <ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 827-828, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|141|1-7 से उद्धरण)</ref>  
*ऐसी मान्यता है कि वेदव्रत से सभी दु:खों से मुक्ति मिल जाती है।
*[[विष्णुलोक]] की प्राप्ति होती है।<ref>हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 827-828, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|141|1-7 से उद्धरण)</ref>  
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रत खण्ड 2, 827-828, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|141|1-7 से उद्धरण)

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