"अमित शाह": अवतरणों में अंतर
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अमित शाह का जन्म [[मुम्बई]] में एक बड़े व्यवसायी अनिलचंद्र शाह के घर [[22 अक्तूबर]], [[1964]] को हुआ। उन्होंने बायोकेमेस्ट्री में बीएससी तक शिक्षा प्राप्त की। साथ ही [[पिता]] के व्यवसाय से जुड़ गए। उन्होंने 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के जरिए [[भाजपा]] में प्रवेश किया। [[मार्च]] में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया। वे 'गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन' के अध्यक्ष रहे तथा 'गुजरात राज्य क्रिकेट एसासिएशन' के उपाध्यक्ष भी रहे। अमित शाह गुजरात के पूर्व गृहमंत्री तथा [[लालकृष्ण आडवाणी]] के सबसे क़रीबी माने जाते थे। दरअसल, कुछ समय तक उन्होंने स्टॉक ब्रोकर का कार्य करने के बाद वे [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ|आरएसएस]] से जुड़ गए और उसके साथ ही [[भारतीय जनता पार्टी]] के सक्रिय सदस्य भी बन गए। इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस वक्त अमित शाह उनके क़रीब आए और गांधीनगर क्षेत्र में चुनाव के दौरान उनके साथ प्रचार-प्रसार किया। अमित शाह सबसे कम्र उम्र के 'गुजरात स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड' के अध्यक्ष बने। इसके बाद वे 'अहमदाबाद ज़िला कॉर्पोरेटिभ बैंक' के चेयरमैन रहे। | अमित शाह का जन्म [[मुम्बई]] में एक बड़े व्यवसायी अनिलचंद्र शाह के घर [[22 अक्तूबर]], [[1964]] को हुआ। उन्होंने बायोकेमेस्ट्री में बीएससी तक शिक्षा प्राप्त की। साथ ही [[पिता]] के व्यवसाय से जुड़ गए। उन्होंने 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के जरिए [[भाजपा]] में प्रवेश किया। [[मार्च]] में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया। वे 'गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन' के अध्यक्ष रहे तथा 'गुजरात राज्य क्रिकेट एसासिएशन' के उपाध्यक्ष भी रहे। अमित शाह गुजरात के पूर्व गृहमंत्री तथा [[लालकृष्ण आडवाणी]] के सबसे क़रीबी माने जाते थे। दरअसल, कुछ समय तक उन्होंने स्टॉक ब्रोकर का कार्य करने के बाद वे [[राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ|आरएसएस]] से जुड़ गए और उसके साथ ही [[भारतीय जनता पार्टी]] के सक्रिय सदस्य भी बन गए। इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस वक्त अमित शाह उनके क़रीब आए और गांधीनगर क्षेत्र में चुनाव के दौरान उनके साथ प्रचार-प्रसार किया। अमित शाह सबसे कम्र उम्र के 'गुजरात स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड' के अध्यक्ष बने। इसके बाद वे 'अहमदाबाद ज़िला कॉर्पोरेटिभ बैंक' के चेयरमैन रहे। | ||
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वर्ष [[2003]] में जब [[गुजरात]] में दुबारा [[नरेन्द्र मोदी]] की सरकार बनी, तब नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया और उन्हें गृह मंत्रालय सहित कई तरह की जिम्मेदारियां सौंपीं। अमित शाह बहुत ही जल्द नरेन्द्र मोदी के सबसे क़रीबी बन गए। अमित शाह [[अहमदाबाद]] के सरखेज विधानसभा क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक हैं। [[2002]] में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य की 182 में से 126 सीटें जीतीं तो अमित शाह ने सबसे अधिक (1.58 लाख) वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। अगले चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़कर 2.35 लाख वोट हो गया। [[2004]] में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद की रोकथाम के लिए बनाए गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम के बाद अमित शाह ने राज्य विधानसभा में गुजरात कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम (संशोधित) बिल पेश किया। हालांकि राज्य विपक्ष ने इस बिल का बहिष्कार किया था। | वर्ष [[2003]] में जब [[गुजरात]] में दुबारा [[नरेन्द्र मोदी]] की सरकार बनी, तब नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया और उन्हें गृह मंत्रालय सहित कई तरह की जिम्मेदारियां सौंपीं। अमित शाह बहुत ही जल्द नरेन्द्र मोदी के सबसे क़रीबी बन गए। अमित शाह [[अहमदाबाद]] के सरखेज विधानसभा क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक हैं। [[2002]] में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य की 182 में से 126 सीटें जीतीं तो अमित शाह ने सबसे अधिक (1.58 लाख) वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। अगले चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़कर 2.35 लाख वोट हो गया। [[2004]] में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद की रोकथाम के लिए बनाए गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम के बाद अमित शाह ने राज्य विधानसभा में गुजरात कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम (संशोधित) बिल पेश किया। हालांकि राज्य विपक्ष ने इस बिल का बहिष्कार किया था। | ||
==लोक सभा चुनाव 2019 में भूमिका== | ==लोक सभा चुनाव 2019 में भूमिका== |
05:21, 25 दिसम्बर 2019 का अवतरण
अमित शाह
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पूरा नाम | अमिताभ अनिलचन्द्र शाह |
जन्म | 22 अक्तूबर, 1964[1] |
जन्म भूमि | मुम्बई, महाराष्ट्र |
अभिभावक | पिता- अनिलचंद्र शाह, माता- कुसुम बेन[2] |
पति/पत्नी | सोनल शाह |
संतान | पुत्र- जय शाह |
नागरिकता | भारतीय |
प्रसिद्धि | राजनीतिज्ञ |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
पद | अध्यक्ष (भारतीय जनता पार्टी), अध्यक्ष- गुजरात क्रिकेट एसोशिएशन |
शिक्षा | विज्ञान स्तानक (बीएससी- बायोकेमिस्ट्री) |
विद्यालय | सी.यू शाह साइंस कॉलेज, अहमदाबाद |
भाषा | हिंदी |
पुरस्कार-उपाधि | याहू के पर्सनाल्टी ऑफ़ दी ईयर (2017) |
रुचि | पढ़ना, क्रिकेट देखना, सामाजिक सेवा |
अन्य जानकारी | अमित शाह अहमदाबाद के सरखेज विधानसभा क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक हैं। |
अद्यतन | 20:23, 10 जुलाई 2014 (IST)
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अमिताभ अनिलचन्द्र शाह (अंग्रेज़ी: Amitabh Anilchandra Shah, जन्म: 22 अक्तूबर, 1964[1]) भारत के वर्तमान गृहमंत्री तथा प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ हैं। वे राज्य सभा के सदस्य रह चुके हैं। गाँधी नगर से वे लोक सभा के सांसद हैं। अमित शाह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृहमंत्री के पद पर रहते हुए शाह ने जम्मू-कश्मीर से 'धारा 370' हटाने का बड़ा फैसला लिया, जो इनके अडिग और निर्भीक चरित्र को दर्शाता है। लोकसभा चुनाव 2014 में पार्टी को उत्तर प्रदेश में मिली भारी सफलता का श्रेय अमित शाह को ही दिया जाता है। वर्ष 2019 के लोक सभा चुनाव में भी भाजपा की विजय का श्रेय इन्हें दिया जाता है। वास्तव में पिछले 10 सालों में ना केवल केंद्र की राजनीति में भाजपा का सकारात्मक प्रभाव दिखा है बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी अमित शाह की कूटनीति से भाजपा मजबूत हुई है।
जीवन परिचय
अमित शाह का जन्म मुम्बई में एक बड़े व्यवसायी अनिलचंद्र शाह के घर 22 अक्तूबर, 1964 को हुआ। उन्होंने बायोकेमेस्ट्री में बीएससी तक शिक्षा प्राप्त की। साथ ही पिता के व्यवसाय से जुड़ गए। उन्होंने 'अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद' के जरिए भाजपा में प्रवेश किया। मार्च में उन्हें भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया। वे 'गुजरात स्टेट चेस एसोसिएशन' के अध्यक्ष रहे तथा 'गुजरात राज्य क्रिकेट एसासिएशन' के उपाध्यक्ष भी रहे। अमित शाह गुजरात के पूर्व गृहमंत्री तथा लालकृष्ण आडवाणी के सबसे क़रीबी माने जाते थे। दरअसल, कुछ समय तक उन्होंने स्टॉक ब्रोकर का कार्य करने के बाद वे आरएसएस से जुड़ गए और उसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय सदस्य भी बन गए। इसी दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी गांधीनगर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। इस वक्त अमित शाह उनके क़रीब आए और गांधीनगर क्षेत्र में चुनाव के दौरान उनके साथ प्रचार-प्रसार किया। अमित शाह सबसे कम्र उम्र के 'गुजरात स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड' के अध्यक्ष बने। इसके बाद वे 'अहमदाबाद ज़िला कॉर्पोरेटिभ बैंक' के चेयरमैन रहे।
विधायक एवं मंत्री पद
वर्ष 2003 में जब गुजरात में दुबारा नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी, तब नरेन्द्र मोदी ने उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया और उन्हें गृह मंत्रालय सहित कई तरह की जिम्मेदारियां सौंपीं। अमित शाह बहुत ही जल्द नरेन्द्र मोदी के सबसे क़रीबी बन गए। अमित शाह अहमदाबाद के सरखेज विधानसभा क्षेत्र से लगातार 4 बार से विधायक हैं। 2002 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य की 182 में से 126 सीटें जीतीं तो अमित शाह ने सबसे अधिक (1.58 लाख) वोटों से जीतने का रिकॉर्ड बनाया। अगले चुनाव में उनकी जीत का अंतर बढ़कर 2.35 लाख वोट हो गया। 2004 में केंद्र सरकार द्वारा आतंकवाद की रोकथाम के लिए बनाए गए आतंकवाद निरोधक अधिनियम के बाद अमित शाह ने राज्य विधानसभा में गुजरात कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम (संशोधित) बिल पेश किया। हालांकि राज्य विपक्ष ने इस बिल का बहिष्कार किया था।
लोक सभा चुनाव 2019 में भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दांये हाथ कहे जाने वाले अमित शाह ने 2019 के लोक सभा चुनाव में गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के डॉ. सी. जे. चावड़ा को पीछे छोड़ते हुए 5 लाख से भी अधिक वोट्स के अंतर से जीत हासिल की, जिसके चलते उन्होंने लालकृष्ण आडवाणी के 4.83 लाख वोट्स का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह एवं कांग्रेस के डॉ. सी. जे. चावड़ा के बीच था, जिसमें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने जीत हासिल की। चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक अमित शाह ने 69.7 % वोट्स प्राप्त किये थे यानि इसमें अमित शाह को लगभग 8,80,000 वोट्स हासिल हुए थे।
वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव की तरह ही, 2019 के लोक सभा चुनाव में भी शाह ने बीजेपी के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी। "बीजेपी का चाणक्य" कहे जाने वाले अमित शाह की मेहनत के चलते ही नरेन्द्र मोदी को 303 सीट के साथ पूरे देश से पूर्ण बहुमत मिला। मोदी और अमित शाह की जोड़ी एक बार फिर हिट रही और भारत में मोदी लहर की क्रांति आ गई। अमित शाह ने चुनाव प्रचार हेतु कई रैलियां की थीं, जिसमें उन्होंने जनता को यह विश्वास दिलाया था कि मोदी जी एवं उनकी सरकार ही देश के विकास को आगे बढ़ा सकती है और इस विश्वास के चलते ही चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत के साथ सफलता हासिल की। इसके साथ ही अमित शाह ने गृह राज्यमंत्री का पद हासिल किया।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 In UP, Shah prepares for Modi ahead of 2014 battle (अंग्रेज़ी) the sunday standard। अभिगमन तिथि: 10 जुलाई, 2014।
- ↑ अमित शाह का जीवन परिचय (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 दिसम्बर, 2019।
- ↑ अमित शाह की जीवनी व उनसे जुड़े विवाद (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 24 दिसम्बर, 2019।
बाहरी कड़ियाँ
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