"अंगरक्षणी": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
(''''अंगरक्षणी''' - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अंङ्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अंगरक्षणी''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] ([[संस्कृत]] अंङ्गरक्षिणी)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=06|url=|ISBN=}}</ref>
'''अंगरक्षणी''' - [[संज्ञा]] [[स्त्रीलिंग]] ([[संस्कृत]] अंङ्गरक्षिणी)<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक= श्यामसुंदरदास बी. ए.|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=नागरी मुद्रण, वाराणसी |संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=07|url=|ISBN=}}</ref>


[[मानव शरीर|शरीर]] की रक्षा के लिये [[लोहा|लोहे]] की बनी पोशाक, वर्म, कवच<ref>अन्य कोश</ref>
[[मानव शरीर|शरीर]] की रक्षा के लिये [[लोहा|लोहे]] की बनी पोशाक, वर्म, कवच<ref>अन्य कोश</ref>

10:21, 7 जनवरी 2020 के समय का अवतरण

अंगरक्षणी - संज्ञा स्त्रीलिंग (संस्कृत अंङ्गरक्षिणी)[1]

शरीर की रक्षा के लिये लोहे की बनी पोशाक, वर्म, कवच[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिंदी शब्दसागर, प्रथम भाग |लेखक: श्यामसुंदरदास बी. ए. |प्रकाशक: नागरी मुद्रण, वाराणसी |पृष्ठ संख्या: 07 |
  2. अन्य कोश

संबंधित लेख