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'''के. करुणाकरन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''K. Karunakaran'', जन्म- [[5 जुलाई]] [[1918]]; मृत्यु- [[23 दिसम्बर]] [[2010]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनीतिज्ञ और [[केरल]] के भूतपूर्व पाँचवें [[मुख्यमंत्री]] थे। वह [[25 मार्च]] [[1977]] से [[25 अप्रैल]] [[1977]] तक [[ | '''के. करुणाकरन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''K. Karunakaran'', जन्म- [[5 जुलाई]] [[1918]]; मृत्यु- [[23 दिसम्बर]] [[2010]]) [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के राजनीतिज्ञ और [[केरल]] के भूतपूर्व पाँचवें [[मुख्यमंत्री]] थे। वह चार बार [[केरल के मुख्यमंत्री]] रहे- [[25 मार्च]] [[1977]] से [[25 अप्रैल]] [[1977]] तक, [[28 दिसंबर]] [[1981]] से [[17 मार्च]] [[1982]] तक, [[24 मई]] [[1982]] से [[25 मार्च]] [[1987]] तक और फिर [[24 जून]] [[1991]] से [[16 मार्च]] [[1995]] तक।<br /> | ||
*करुणाकरन का जन्म कन्नूर जिले के चिराक्कल में 5 जुलाई, 1918 को रावुन्निया माड़ड़ और कन्नोथ कल्याणी अम्मा के [[परिवार]] में हुआ था। करुणाकरण एक मंझे हुए नेता थे और उनके समर्थक उन्हें ‘चाणक्य’ कहा करते थे। | *करुणाकरन का जन्म कन्नूर जिले के चिराक्कल में 5 जुलाई, 1918 को रावुन्निया माड़ड़ और कन्नोथ कल्याणी अम्मा के [[परिवार]] में हुआ था। करुणाकरण एक मंझे हुए नेता थे और उनके समर्थक उन्हें ‘चाणक्य’ कहा करते थे। | ||
*करुणाकरन [[1995]] में एक साल की संक्षिप्त अवधि के लिए केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। उनको देश की गठबंधन राजनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक समझा जाता है। | *करुणाकरन [[1995]] में एक साल की संक्षिप्त अवधि के लिए केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। उनको देश की गठबंधन राजनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक समझा जाता है। |
11:48, 22 फ़रवरी 2020 के समय का अवतरण
के. करुणाकरन (अंग्रेज़ी: K. Karunakaran, जन्म- 5 जुलाई 1918; मृत्यु- 23 दिसम्बर 2010) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिज्ञ और केरल के भूतपूर्व पाँचवें मुख्यमंत्री थे। वह चार बार केरल के मुख्यमंत्री रहे- 25 मार्च 1977 से 25 अप्रैल 1977 तक, 28 दिसंबर 1981 से 17 मार्च 1982 तक, 24 मई 1982 से 25 मार्च 1987 तक और फिर 24 जून 1991 से 16 मार्च 1995 तक।
- करुणाकरन का जन्म कन्नूर जिले के चिराक्कल में 5 जुलाई, 1918 को रावुन्निया माड़ड़ और कन्नोथ कल्याणी अम्मा के परिवार में हुआ था। करुणाकरण एक मंझे हुए नेता थे और उनके समर्थक उन्हें ‘चाणक्य’ कहा करते थे।
- करुणाकरन 1995 में एक साल की संक्षिप्त अवधि के लिए केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। उनको देश की गठबंधन राजनीति के मुख्य शिल्पकारों में से एक समझा जाता है।
- उनके परिवार में पुत्र के. मुरलीधरन (केपीसीसी के पूर्व अध्यक्ष) और पुत्री पद्मजा वेणुगोपाल (केपीसीसी कार्यकारिणी समिति सदस्य) हैं।
- के. करुणाकरन ने बेहद कम उम्र में स्कूली शिक्षा त्याग दी थी और अपने राजनैतिक कैरियर की शुरूआत कांग्रेस से की।
- देशभक्ति का जज्बा उनमें बचपन से ही था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और ट्रेड यूनियन गतिविधियों में भी हिस्सा लिया था।
- कोचीन विधानसभा के 1948 से के. करुणाकरन सदस्य बने और त्रावणकोर-कोचीन विधानसभा के लिए 1949, 1952 और 1954 में तीन बार निर्वाचित हुए।[1]
- के. करुणाकरन केरल विधानसभा में त्रिसूर जिले के माला विधानसभा क्षेत्र से लगातार सात बार निर्वाचित हुए।
- एक प्रशासक के तौर पर के. करुणाकरन ने राज्य के विकास में काफी योगदान दिया। उनकी पहल से ही कोच्चि के नेदुमबासरी में निजी क्षेत्र की भागीदारी से देश का पहला हरित हवाई अड्डा बना।
- वह तीन बार राज्यसभा और दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।
- के. करुणाकरन 1995-1997, 1997-1998 और 2004-2005 के दौरान राज्यसभा के सदस्य रहे। उन्होंने 1998 में तिरुअनंतपुरम और 1999 में मुकुंदपुरम लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वरिष्ठ नेता के करुणाकरन का निधन (हिंदी) hindi.webdunia.com। अभिगमन तिथि: 22 फरवरी, 2020।
बाहरी कडियाँ
संबंधित लेख
क्रमांक | राज्य | मुख्यमंत्री | तस्वीर | पार्टी | पदभार ग्रहण |