"पलवल": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
No edit summary
छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==")
पंक्ति 5: पंक्ति 5:
==इतिहास==
==इतिहास==
पलवल आज़ादी में अपना अहम योगदान रखता है। यहाँ राष्ट्रपिता [[महात्मा गांधी]] की पहली राजनीतिक गिरफ्तारी हुई थी। नेताजी [[सुभाषचंद्र बोस]] ने पलवल में अपने हाथों से एक कमरे बनवाने  के लिए नींव रखी। महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ आजादी की लड़ाई में पलवल के स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। महात्मा गांधी के साथ पलवल के लाला गोबिंदराम बेधड़क, दीपचंद सत्याग्रही, लल्लू भाई पटेल, लक्ष्मीनारायण, लछमन दास बंसल, योगेंद्र पाल भारती, लाला भनुआमल मंगला ने आजादी की लड़ाई में सहयोग किया था। उन्होंने गांधीजी के साथ जेल यात्राएं भी कीं। 9 अप्रैल 1919 को [[पंजाब]] में गांधी जी ऐंट्री पर बैन लगा दिया लेकर पंजाब के सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर दिए थे। 10 अप्रैल को जैसे ही महात्मा गांधी पलवल रेलवे स्टेशन पहुँचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने पंजाब में प्रवेश न करने का ब्रिटिश सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। [[मथुरा]] के बाद पलवल पहला स्टेशन था, जहाँ ट्रेन को रोककर गांधी जी को गिरफ्तार किया गया। यहाँ से गिरफ्तार कर गांधी जी को [[मुंबई]] ले जाकर छोड़ दिया गया।
पलवल आज़ादी में अपना अहम योगदान रखता है। यहाँ राष्ट्रपिता [[महात्मा गांधी]] की पहली राजनीतिक गिरफ्तारी हुई थी। नेताजी [[सुभाषचंद्र बोस]] ने पलवल में अपने हाथों से एक कमरे बनवाने  के लिए नींव रखी। महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ आजादी की लड़ाई में पलवल के स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। महात्मा गांधी के साथ पलवल के लाला गोबिंदराम बेधड़क, दीपचंद सत्याग्रही, लल्लू भाई पटेल, लक्ष्मीनारायण, लछमन दास बंसल, योगेंद्र पाल भारती, लाला भनुआमल मंगला ने आजादी की लड़ाई में सहयोग किया था। उन्होंने गांधीजी के साथ जेल यात्राएं भी कीं। 9 अप्रैल 1919 को [[पंजाब]] में गांधी जी ऐंट्री पर बैन लगा दिया लेकर पंजाब के सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर दिए थे। 10 अप्रैल को जैसे ही महात्मा गांधी पलवल रेलवे स्टेशन पहुँचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने पंजाब में प्रवेश न करने का ब्रिटिश सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। [[मथुरा]] के बाद पलवल पहला स्टेशन था, जहाँ ट्रेन को रोककर गांधी जी को गिरफ्तार किया गया। यहाँ से गिरफ्तार कर गांधी जी को [[मुंबई]] ले जाकर छोड़ दिया गया।
==सम्बंधित लिंक==
==संबंधित लेख==
{{ब्रज}}
{{ब्रज}}
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}

15:33, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।

स्थित

पलवल, हरियाणा प्रदेश का ज़िला है। पहले पलवल पंजाब में था और अब हरियाणा का 21वां ज़िला बन गया है।

इतिहास

पलवल आज़ादी में अपना अहम योगदान रखता है। यहाँ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पहली राजनीतिक गिरफ्तारी हुई थी। नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने पलवल में अपने हाथों से एक कमरे बनवाने के लिए नींव रखी। महात्मा गांधी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के साथ आजादी की लड़ाई में पलवल के स्वतंत्रता सेनानियों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया था। महात्मा गांधी के साथ पलवल के लाला गोबिंदराम बेधड़क, दीपचंद सत्याग्रही, लल्लू भाई पटेल, लक्ष्मीनारायण, लछमन दास बंसल, योगेंद्र पाल भारती, लाला भनुआमल मंगला ने आजादी की लड़ाई में सहयोग किया था। उन्होंने गांधीजी के साथ जेल यात्राएं भी कीं। 9 अप्रैल 1919 को पंजाब में गांधी जी ऐंट्री पर बैन लगा दिया लेकर पंजाब के सेक्रेटरी ने आदेश जारी कर दिए थे। 10 अप्रैल को जैसे ही महात्मा गांधी पलवल रेलवे स्टेशन पहुँचे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी ने पंजाब में प्रवेश न करने का ब्रिटिश सरकार का आदेश मानने से इनकार कर दिया था। मथुरा के बाद पलवल पहला स्टेशन था, जहाँ ट्रेन को रोककर गांधी जी को गिरफ्तार किया गया। यहाँ से गिरफ्तार कर गांधी जी को मुंबई ले जाकर छोड़ दिया गया।

संबंधित लेख