"भूषणयोजन कला": अवतरणों में अंतर

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[[चौंसठ कलाएँ जयमंगल के मतानुसार|जयमंगल के मतानुसार]] चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत आभूषणों को धारण करना, जिनका प्रयोग अधिकतर स्त्रियाँ करती है और ईश्वर के श्रृंगार के रूप में भी किया जाता है।
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16:58, 14 सितम्बर 2010 का अवतरण

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। इस कला के अन्तर्गत आभूषणों को धारण करना, जिनका प्रयोग अधिकतर स्त्रियाँ करती है और ईश्वर के श्रृंगार के रूप में भी किया जाता है।

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