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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है। | ||
*[[ज्येष्ठ]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] नवमी पर जब [[हस्त नक्षत्र]] हो या [[द्वादशी]] पर जब हस्त नक्षत्र न भी | *[[ज्येष्ठ]] [[शुक्ल पक्ष|शुक्ल]] नवमी पर जब [[हस्त नक्षत्र]] हो या [[द्वादशी]] पर जब हस्त नक्षत्र न भी हो। | ||
* कृत्यरत्नाकर <ref>(कृत्यरत्नाकर 233 एवं कृत्यत्तव 437)</ref> | *मनसा देवी की पूजा स्नूही पौधे की टहनी पर की जाती है। | ||
*कृत्यरत्नाकर<ref>(कृत्यरत्नाकर 233 एवं कृत्यत्तव 437)</ref>, हेमाद्रि<ref>हेमाद्रि (काल, 621, भविष्यपुराण से उद्धरण)</ref> का कथन है कि मनसा की पूजा आकाश कृष्ण पंचमी को होनी चाहिए।<ref>श्री ए0 सी0 सेन कृत 'बंगाली लैंग्वेज एण्ड लिटरेचर'; पृ0 257-276, जहाँ मनसा देवी एवं मनसा मंगला की गाथा दी हुई है; श्रावण कृष्ण 11 को मनसा पूजा का उल्लेख है।</ref> | |||
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12:20, 18 सितम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- ज्येष्ठ शुक्ल नवमी पर जब हस्त नक्षत्र हो या द्वादशी पर जब हस्त नक्षत्र न भी हो।
- मनसा देवी की पूजा स्नूही पौधे की टहनी पर की जाती है।
- कृत्यरत्नाकर[1], हेमाद्रि[2] का कथन है कि मनसा की पूजा आकाश कृष्ण पंचमी को होनी चाहिए।[3]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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