"द्वितीयक रंग": अवतरणों में अंतर

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10:25, 20 सितम्बर 2010 का अवतरण

द्वितीयक रंग वे रंग होते है जो दो प्राथमिक रंगो के मिश्रण से प्राप्त किये जाते है। द्वितीयक रंग रानी, पीकॉक नीलापीला है। जैसे-

  • लाल + नीलारानी
  • हरा + नीला → पीकॉक नीला
  • लाल + हरापीला

भाग

इन्हे दो भागो में विभाजित किया जा सकता है-

  • गर्म रंग
  • ठंडे रंग

जिन रंगो में लाल रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें गर्म रंग कहा जाता है। गर्म रंग निम्न है-

जिन रंगो में नीले रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें ठंड़े रंग कहा जाता है। ठंड़े रंग निम्न है-


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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