रंगों के प्रकार
रंगों के प्रकार
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विवरण | रंग का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंगों से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। हम अपने चारों तरफ अनेक प्रकार के रंगों से प्रभावित होते हैं। |
उत्पत्ति | रंग, मानवी आँखों के वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं। |
मुख्य स्रोत | रंगों की उत्पत्ति का सबसे प्राकृतिक स्रोत सूर्य का प्रकाश है। सूर्य के प्रकाश से विभिन्न प्रकार के रंगों की उत्पत्ति होती है। प्रिज़्म की सहायता से देखने पर पता चलता है कि सूर्य सात रंग ग्रहण करता है जिसे सूक्ष्म रूप या अंग्रेज़ी भाषा में VIBGYOR और हिन्दी में "बैं जा नी ह पी ना ला" कहा जाता है। |
VIBGYOR | |
रंगों के प्रकार | प्राथमिक रंग (लाल, नीला और हरा), द्वितीयक रंग और विरोधी रंग |
संबंधित लेख | इंद्रधनुष, तरंग दैर्ध्य, वर्ण विक्षेपण, अपवर्तन, होली |
अन्य जानकारी | विश्व की सभी भाषाओं में रंगों की विभिन्न छवियों को भिन्न नाम प्रदान किए गए हैं। लेकिन फिर भी रंगों को क्रमबद्ध नहीं किया जा सका। अंग्रेज़ी भाषा में किसी एक छवि के अनेकानेक नाम हैं। |
रंग अथवा वर्ण का हमारे जीवन में बहुत महत्त्व है। रंगों से हमें विभिन्न स्थितियों का पता चलता है। मूल रूप से इंद्रधनुष के सात रंगों को ही रंगों का जनक माना जाता है, ये सात रंग लाल, नारंगी, पीला, हरा, आसमानी, नीला तथा बैंगनी हैं।
रंगों को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है-
- प्राथमिक रंग या मूल रंग
- द्वितीयक रंग
- विरोधी रंग
प्राथमिक रंग या मूल रंग
प्राथमिक रंग या मूल रंग वे रंग हैं जो किसी मिश्रण के द्वारा प्राप्त नहीं किये जा सकते हैं। ये रंग निम्न हैं-
- लाल
- नीला
- हरा
द्वितीयक रंग
द्वितीयक रंग वे रंग होते हैं जो दो प्राथमिक रंगों के मिश्रण से प्राप्त किये जाते हैं। द्वितीयक रंग रानी, सियान व पीला है। इन्हें दो भागो में विभाजित किया जा सकता है-
- गर्म रंग
- ठंडे रंग
जिन रंगों में लाल रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें गर्म रंग कहा जाता हैं। गर्म रंग निम्न हैं-
- पीला
- लाल
- नारंगी
- बैंगनी
जिन रंगों में नीले रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें ठंड़े रंग कहा जाता है। ठंड़े रंग निम्न हैं-
- नीलमणी या आसमानी
- समुद्री हरा
- धानी या पत्ती हरा
विरोधी रंग
प्राथमिक व द्वितीयक रंगों के मिश्रण से जो रंग बनते है उन्हें विरोधी रंग कहा जाता है। ऑस्टवाल्ड वर्ण चक्र में प्रदर्शित किये गये जाने वाले आमने सामने के रंग विरोधी रंग कहलाते हैं। जैसे- नीले का विरोधी रंग पीला, नारंगी का आसमानी व बैंगनी का विरोधी रंग धानी है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
- रंगों से सँवारे जीवन
- रंग का अर्थ
- राशियों के मुताबिक़ चुनें कपड़ों के रंग
- भाग्यशाली रंगों से भरें ज़िंदगी में रंग
- रंग बिरंगा खाएं, शानदार सेहत पाएं
- नीले रंग का कमाल
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