"द्वितीयक रंग": अवतरणों में अंतर
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06:36, 2 अक्टूबर 2010 का अवतरण
द्वितीयक रंग वे रंग होते है जो दो प्राथमिक रंगो के मिश्रण से प्राप्त किये जाते है। द्वितीयक रंग रानी, पीकॉक नीला व पीला है। जैसे-
- लाल + नीला → रानी
- हरा + नीला → पीकॉक नीला
- लाल + हरा → पीला
भाग
इन्हे दो भागो में विभाजित किया जा सकता है-
- गर्म रंग
- ठंडे रंग
जिन रंगो में लाल रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें गर्म रंग कहा जाता है। गर्म रंग निम्न है-
जिन रंगो में नीले रंग का प्रभाव माना जाता है उन्हें ठंड़े रंग कहा जाता है। ठंड़े रंग निम्न है-
- नीलमणी या आसमानी
- समुद्री हरा
- धानी या पत्ती हरा
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