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([[अंग्रेज़ी भाषा|अंग्रेज़ी]]:Oxygen) ऑक्सीजन गैस की खोज सर्वप्रथम स्वीडन के शीले नामक वैज्ञानिक ने 1772 में की थी। ऑक्सीजन [[आवर्त सारणी]] का आठवाँ [[तत्व]] है। ऑक्सीजन का प्रतीकानुसार 'O' है। इसका [[इलेक्ट्रॉनिक विन्यास]] 1s<sup>2</sup>, 2s<sup>2</sup>, 2p<sup>4</sup> होता है। इसे अवार्त सारणी के उपवर्ग 6A में रखा गया है।  
==प्रकृति==
==प्रकृति==
ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन गैस है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठण्डा करने पर यह [[नीला रंग|नीले रंग]] के [[द्रव]] में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस स्वयं नहीं जलती है, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय है। ऑक्सीजन को कृत्रिम श्वसन के रूप में प्रयोग करते हैं। तथा इसे प्राण वायु कहते हैं। यह धातुओं को जोड़ने तथा [[क्लोरीन]], [[सल्फ्यूरिक अम्ल]] आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है। वायु में करीब 29.29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। [[चांदी]] को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठण्डा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन कहते हैं।
ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन [[गैस]] है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठण्डा करने पर यह [[नीला रंग|नीले रंग]] के [[द्रव]] में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस स्वयं नहीं जलती है, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय है। ऑक्सीजन को कृत्रिम श्वसन के रूप में प्रयोग करते हैं। तथा इसे प्राण वायु कहते हैं। यह [[धातु|धातुओं]] को जोड़ने तथा [[क्लोरीन]], सल्फ्यूरिक [[अम्ल]] आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है। वायु में करीब 29.29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। [[चांदी]] को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठण्डा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन कहते हैं।
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07:41, 23 अक्टूबर 2010 का अवतरण

ऑक्सीजन
रंगहीन गैस, नीला पीला द्रव


ऑक्सीजन की वर्णक्रम रेखाएँ
साधारण गुणधर्म
नाम, प्रतीक, संख्या ऑक्सीजन, O, 8
तत्व श्रेणी अधातु
समूह, आवर्त, कक्षा 16, 2, p
मानक परमाणु भार 15.9994g·mol−1
इलेक्ट्रॉन विन्यास 1s2 2s2 2p4
इलेक्ट्रॉन प्रति शेल 2, 6
भौतिक गुणधर्म
रंग रंगहीन
अवस्था गैस
घनत्व (0 °C, 101.325 kPa)
1.429 g/L
तरल घनत्व (गलनांक पर) 1.141 g·cm−3
गलनांक 54.36 K, -218.79 °C, -361.82 °F
क्वथनांक 90.20   K, -182.95 °C, -297.31 °F
संकट बिंदु 154.59 K, 5.043 MPa
संलयन ऊष्मा (O2) 0.444 किलो जूल-मोल
वाष्पन ऊष्मा (O2) 6.82 किलो जूल-मोल
विशिष्ट ऊष्मीय
क्षमता
(O2) 29.378

जूल-मोल−1किलो−1

वाष्प दाब
P (Pa) 1 10 100 1 k 10 k 100 k
at T (K) 61 73 90
परमाण्विक गुणधर्म
ऑक्सीकरण अवस्था 2, 1, −1, −2
(न्यूट्रल ऑक्साइड)
इलेक्ट्रोनेगेटिविटी 3.44 (पाइलिंग पैमाना)
आयनीकरण ऊर्जाएँ
(अधिक)
1st: 1313.9 कि.जूल•मोल−1
2nd: 3388.3 कि.जूल•मोल−1
3rd: 5300.5 कि.जूल•मोल−1
सहसंयोजक त्रिज्या 66±2 pm
वैन्डैर वाल्स त्रिज्या 152 pm
विविध गुणधर्म
क्रिस्टल संरचना घनीय
चुम्बकीय क्रम अनुचुम्बकीय
ऊष्मीय चालकता (300 K) 26.58x10-3 W·m−1·K−1
ध्वनि की गति (गैस, 27 °C) 330 m/s
सी.ए.एस पंजीकरण
संख्या
7782-44-7
समस्थानिक
समस्थानिक प्रा. प्रचुरता अर्द्ध आयु क्षरण अवस्था क्षरण ऊर्जा
(MeV)
क्षरण उत्पाद
16O 99.76% 16O 8 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
17O 0.039% 17O 9 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर
18O 0.201% 18O 10 न्यूट्रॉन के साथ स्थिर

(अंग्रेज़ी:Oxygen) ऑक्सीजन गैस की खोज सर्वप्रथम स्वीडन के शीले नामक वैज्ञानिक ने 1772 में की थी। ऑक्सीजन आवर्त सारणी का आठवाँ तत्व है। ऑक्सीजन का प्रतीकानुसार 'O' है। इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 1s2, 2s2, 2p4 होता है। इसे अवार्त सारणी के उपवर्ग 6A में रखा गया है।

प्रकृति

ऑक्सीजन एक रंगहीन, गंधहीन गैस है तथा वायु से कुछ भारी होती है। ठण्डा करने पर यह नीले रंग के द्रव में परिवर्तित हो जाती है। यह गैस स्वयं नहीं जलती है, परन्तु जलने में सहायक होती है। इसकी प्रकृति अनुचुम्बकीय है। ऑक्सीजन को कृत्रिम श्वसन के रूप में प्रयोग करते हैं। तथा इसे प्राण वायु कहते हैं। यह धातुओं को जोड़ने तथा क्लोरीन, सल्फ्यूरिक अम्ल आदि के औद्योगिक निर्माण में प्रयोग की जाती है। वायु में करीब 29.29% मात्रा ऑक्सीजन की होती है। चांदी को गर्म करने पर यह ऑक्सीजन को अवशोषित कर लेती है तथा ठण्डा करने पर अवशोषित ऑक्सीजन निकल जाती है। इसे चाँदी का उदवमन कहते हैं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ