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07:02, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण
- भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
- प्रत्येक पूर्णिमा या मार्गशीर्ष की पूर्णिमा पर आरम्भ होता है।
- यह व्रत एक वर्ष के लिए किया जाता है।
- उस दिन उपवास एवं विष्णु पूजा की जाती है।
- तथा उनके नाम का जप या केशव से दामोदर तक 12 नामों का जाप 12 मासों में (मार्गशीर्ष से प्रारम्भ कर) होता है।
- प्रत्येक मास में दक्षिणा के साथ एक जलपात्र एवं वस्त्रों का जोड़ा, यदि असमर्थ हों तो वर्ष के अन्त में ही ऐसा दान दिया जाता है।
- इस व्रत से सुख मिलता है।
- यदि मृत्यु के समय हरि का नाम लिया जाता है तो स्वर्ग मिलता है।[1]
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 166-167, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण)।
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