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*अन्त में किसी सामवेदी ब्राह्मण को तिलधेनु के साथ एक स्वर्णघट का दान देना।<ref>कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 442-443, [[मत्स्य पुराण]] 101|25-26 से उद्धरण); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 864, [[पद्म पुराण]] के श्लोक)।</ref>


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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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07:26, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • यह संवत्सरव्रत है।
  • एक वर्ष तक गोबर से बने वृत्त में शिव एवं कृष्ण की प्रतिमा को स्नान कराना।
  • अन्त में किसी सामवेदी ब्राह्मण को तिलधेनु के साथ एक स्वर्णघट का दान देना।[1]

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. कृत्यकल्पतरु (व्रतखण्ड 442-443, मत्स्य पुराण 101|25-26 से उद्धरण); हेमाद्रि (व्रतखण्ड 2, 864, पद्म पुराण के श्लोक)।

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