दुर्वाचकयोग कला

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (वार्ता | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:51, 13 अक्टूबर 2011 का अवतरण (Text replace - " कला " to "कला")
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एककलाहै। ऐसे श्लोक आदि पढ़ना, जिनका अर्थ और उच्चारण दोनों कठिन हों यह भी एककलाहै

संबंधित लेख