प्रयोग:Asha
त्रिपुरा प्रदेश के ज़िले |
उत्तर त्रिपुरा ज़िला . दक्षिण त्रिपुरा ज़िला . धलाई ज़िला . पश्चिम त्रिपुरा ज़िला |
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कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें
कहावत लोकोक्ति मुहावरे | अर्थ |
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1- घर में नहीं हैं दाने और अम्मा चली भुनाने। |
अर्थ -झूठी शान दिखाना, न होने पर ढोंग करना। |
2- घड़ी में घर जले, अढ़ाई घड़ी भद्रा। |
अर्थ - संकट को होशियारी से दूर करें। |
3- घड़ी में तोला, घड़ी में माशा। |
अर्थ - चंचल मन वाला। |
4- घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते। |
अर्थ - घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए। |
5- घर का जोगी जोगना, आन गाँव का सिद्ध। |
अर्थ - अपने घर में योग्यता का आदर नहीं होता और बाहर का व्यक्ति योग्य समझा जाता है। |
6- घर का भेदी लंका ढाए। |
अर्थ - घर की फूट का परिणाम बुरा होता है। |
7- घर की खांड़ किरकिरी, लगे पड़ोसी का गुड़ मीठा। |
अर्थ - अपनी वस्तु़ खराब लगती है और दूसरे की अच्छी। |
8- घर की मुर्गी दाल बराबर। |
अर्थ - अपनी चीज़ या अपने आदमी की कदर नहीं होती। |
9- घर खीर तो, बाहर खीर। |
अर्थ - अपने पास कुछ हो तो, बाहर भी आदर होता है। |
10- घर का घोड़ा, नखास मोल। |
अर्थ - चीज़ घर में पड़ी है और उसकी कोई कीमत नहीं है। |
11- घायल की गति घायल जाने। |
अर्थ - जो कष्ट भोगता है वही दूसरों का कष्ट समझता है।। |
12- घी कहाँ गया ? खिचड़ी में। |
अर्थ - वस्तु का प्रयोग ठीक जगह हो गया। |
13- घी सँवारे काम, बड़ी बहू का नाम। |
अर्थ - काम तो साधन से हुआ, नाम करने वाले का हो गया। |
14- घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या। |
अर्थ - पेशेवर को किसी की से रियायत नहीं करनी चाहिए। |
15- घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा। |
अर्थ - उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है। |
16- घोड़े को लात, आदमी को बात। |
अर्थ - उत्तम वस्तु थोड़ी भी हो तो अच्छी है।। |
17- घडियाँ गिनना। |
अर्थ - बेचैनी से प्रतीक्षा करना। |
18- घड़ों पानी पड़ जाना। |
अर्थ - बहुत शर्मिंदा होना। |
19- घर काट खाने को आना। |
अर्थ - अकेलापन अखरना। |
20- घर का न घाट का। |
अर्थ - कहीं का भी नहीं रहना। |
21- घर फूँक तमाशा देखना। |
अर्थ - अपनी हानि करके मौज उड़ाना। |
22- घर में गंगा बहना। |
अर्थ - अच्छी चीज पास ही में मिल जाना। |
23- घाव पर नमक छिड़कना। |
अर्थ - दु:खी को और दु:खी करना। |
24- घाव हरा करना। |
अर्थ - भूले हुए दु:ख की याद दिलाना। |
25- घास काटना। |
अर्थ - फूहड़ काम करना। । |
26- घास छीलना। |
अर्थ - व्यर्थ समय गवाँना।। |
27- घिग्घी बँधना। |
अर्थ - स्पष्ट बोल न सकना। |
28- घी घना मुट्ठी चना। |
अर्थ - |
29- घी के दिये जलना। |
अर्थ - आनंद मंगल होना, खुशियाँ मनाना। |
30- घी खिचड़ी होना। |
अर्थ - खूब मिल- जुल जाना।। |
31- घोंघा बसंत। |
अर्थ - मूर्ख होना। |
32- घोड़े बेचकर सोना। |
अर्थ - निश्चिंत हो जाना। |
|33- ख़ून खौलना / उबलना।
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अर्थ - जोश में आना।
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|34- ख़ून-पसीना एक करना।
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अर्थ - कड़ी मेहनत करना।
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|35- खेत रहना।
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अर्थ - रणभूमि में मारा जाना।
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|36- खेल खेलना।
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अर्थ - परेशान करना।
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|37- काठ की हाँडी एक ही बार चढ़ती है।
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अर्थ - धोखेबाजी हर बार नहीं चल सकती है।
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|38- कान में तेल डाले बैठे हैं।
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अर्थ - कुछ सुनते ही नहीं , दुनिया की खबर ही नहीं।
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|39- काम का ना काज का , दुश्मन अनाज का।
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अर्थ - निकम्मा आदमी।
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|40- काबुल में क्या गधे नहीं होते।
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अर्थ - कुछ न कुछ बुराई सब जगह होती है।
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|41- काम को काम सिखाता है।
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अर्थ - काम करते-करते अनुभव से आदमी होशियार हो जाता है।
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|42- काल के हाथ कमान, बूढ़ा बचे न जवान,
काल न छोड़े राजा, न छोड़े रंक।
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अर्थ - मृत्यु सब को आती है।
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|43- काला अक्षर भैंस बराबर।
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अर्थ - पढ़ा लिखा ना होना।
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|44- काली के ब्याह को सौ जोखो।
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अर्थ - एक दोष होने पर लोग अनेक दोष निकाल देते हैं।
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|45- किया चाहे चाकरी राखा चाहे मान।
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अर्थ - स्वाभिमान की रक्षा नौकरी में नहीं हो सकती।
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|46- किस खेत का बथुआ है, किस खेत की मूली है।
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अर्थ - अरे ,वह तो किसी कीमत का नहीं है अर्थात नगण्य है।
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|47- किसी का घर जले कोई तापे।
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अर्थ - किसी के दु:ख और परेशनी से दूसरे का खुश होना।
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|48- कुंजड़ा अपने बेरों को खट्टा नहीं बताता।
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अर्थ - कोई अपने माल को खराब नहीं बताता।
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|49- कुँए की मिट्टी कुँए में ही लगती है।
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अर्थ - लाभ जहाँ से होता है वहीं खर्च भी हो जाता है।
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|50- कुतिया चोरों से मिल जाए तो पहरा कौन दे।
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अर्थ - जब रक्षक ही बेईमान हो जाए तो क्या रास्ता है ?
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|51- कुत्ता भी दुम हिलाकर बैठता है।
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अर्थ - सफ़ाई सब को पसंद होती है।
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|52- कुत्ते की दुम बारह बरस नली में रखो तो भी टेढ़ी की टेढ़ी।
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अर्थ - लाख प्रयत्न करो, कुटिल व्यक्ति अपनी कुटिलता नहीं छोड़ता।
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|53- कुत्ते को घी नहीं पचता।
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अर्थ - नीच आदमी उच्चे पद पाकर दूसरों को बेवकूफ समझने लगता है।
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|54- कुत्ते के भौकनें से हाथी नहीं डरते।
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अर्थ - महापुरूष नीच व्यक्ति के द्वारा निंदा करने से नहीं घबराते हैं।
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|55- कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है।
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अर्थ - हर कोई अपनी वस्तु की प्रशंसा करता है।
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|56- कै हंसा मोती चुगे, कै भूखा मर जाय।
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अर्थ - प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मर्यादा में रहता है। स्वाभिमान को छोड़कर नहीं जीना पसंद करता।
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|57- कोई मरे कोई जीवे, सुथरा घोल बताशा गावे।
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अर्थ - सबको अपने सुख-दु:ख से मतलब होता है। दूसरों के दु:ख की कोई चिन्ता नहीं करता।
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|58- कोई माल मस्तख़, कोई हाल मस्तत।
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अर्थ - कोई अमीरी से संतुष्ट, कोई गरीबी में भी संतुष्ट है।
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|59- कोठी वाला रोवे, छप्पर वाला सोवे।
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अर्थ - धनवान धन होने पर भी चिंतित रहता है, गरीब धन ना होने पर भी निश्चिंत रहता है।
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|60- कोयल होय न उजली, सौ मन साबुन लाइ।
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अर्थ - कोशिश करने पर भी स्वभाव नहीं बदलता है।
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|61- कोयलों की दलाली में हाथ काले।
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अर्थ - बुरों की संगत से भले आदमी को भी कलंक लग जाता है।
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|62- कौड़ी नहीं गाँठ, चले बाग की सैर।
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अर्थ - पूरे साधन नहीं और काम शुरू कर दिया।
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|63- कौन कहे राजा जी नंगे हैं।
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अर्थ - बड़े लोगों की बुराई करने कि हिम्मत किसी की नहीं होती।
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|64- कौआ चला हंस की चाल, भूल गया अपनी भी चाल।
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अर्थ - दूसरों की नकल करने से व्यक्ति अपना व्यक्तित्व भी खो बैठता है।
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|65- क्या पिद्दी और क्या पिद्दी का शोरबा।
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अर्थ - तुच्छ वस्तु या व्यक्ति से बड़ा काम नहीं हो सकता है।
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|66- का वर्षा जब कृषि सुखानी।
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अर्थ - अवसर निकलने जाने पर सहायता मिलना व्यर्थ होता है।
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|67- कच्ची गोली नहीं खेलना।
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अर्थ - अनुभवहीन नही होना , पारंगत होना।
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|68- कट जाना।
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अर्थ - शर्मिंदा होना, शर्मिंदा होकर सामने ना पड़ना।
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|69- कटे पर नमक छिड़कना।
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अर्थ - दु:खी व्यक्ति को और अधिक दु:खी करना।
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|70- कढ़ी का सा उबाल।
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अर्थ - मामूली से जोश में आना।
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|71- कदम उखड़ना।
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अर्थ - भाग खड़े होना।
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|72- कन्नी काटना।
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अर्थ - सामने ना पड़ना, कतरा कर निकल जाना।
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|73- कमर कसना।
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अर्थ - पूरी तरह तैयार हो जाना।
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|74- कलम का धनी।
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अर्थ - अच्छा लेखक होना, भाषा पर पकड़ होना।
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|75- कलम तोड़ना।
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अर्थ - बहुत बढ़िया लिखना।
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|76- कली खिलना।
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अर्थ - बहुत खुश होना।
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|77- कलेजा ठंडा होना।
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अर्थ - मन को सुख, शांति और सकून मिलना।
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|78- कलेजा धक से रह जाना।
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अर्थ - डर जाना, घबरा जाना।
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|79- कलेजा मुँह को आना।
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अर्थ - दु:ख होना, परेशान होना।
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|80- कलेजा का टुकड़ा।
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अर्थ - बहुत प्यारा बेटा होना।
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|81- कलेजे पर साँप लोटना।
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अर्थ - डाह से कुढ़ना, जलन होना।
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|82- कहा-सुनी होना।
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अर्थ - लड़ाई झगड़ा होना।
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|83- काँटा दूर होना।
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अर्थ - बाधा दूर होना, रूकावटें हट जाना।
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|84- काँटे बिछाना।
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अर्थ - रूकावटें और अड़चने पैदा करना।
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|85- काँटों पर लेटना।
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अर्थ - बेचैन होना, परेशान होना।
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|86- काँटों पर घसीटना।
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अर्थ - संकट, मुसीबत में डालना।
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|87- कागजी घोड़े दौड़ाना।
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अर्थ - केवल लिखा-पढ़ी करते रहना।
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|88- काजल की कोठरी।
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अर्थ - कलंक लगने का स्थान।
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|89- काठ का उल्लू।
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अर्थ - महामूर्ख होना, बुद्धि ना होना।
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|90- काठ मार जाना।
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अर्थ - हतप्रभ हो जाना, अचम्भित होना।
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|91- कान कतरना।
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अर्थ - मात देना, बेवकूफ बनाना।
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|92- कान खड़े होना।
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अर्थ - चौकन्ना होना।
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|93- कान खोलना।
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अर्थ - सावधान कर देना।
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|94- कान गरम करना।
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अर्थ - पिटाई करना।
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|95- कान देना।
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अर्थ - ध्यान से सुनना।
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|96- कान पकड़ना।
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अर्थ - गलती मान लेना।
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|97- कान पर जूँ तक न रेंगना।
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अर्थ - कुछ भी परवाह न करना।
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|98- कान भरना।
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अर्थ - चुगली करना।
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|99- कान में बात डाल देना।
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अर्थ - सुना देना, कह देना।
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|100- कान में तेल डालकर बैठना।
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अर्थ - सुनकर भी सुनी हुई बात पर ध्यान न देना।
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|101- कान में फूँकना।
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अर्थ - चुपचाप से कह देना।
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|102- कान लगाना।
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अर्थ - ध्यान देकर सुनना।
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|103- काफूर होना।
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अर्थ - गायब हो जाना।
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|104- काम आना।
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अर्थ - शत्रु के हाथों मारा जाना।
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|105- काम तमाम करना।
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अर्थ - मार डालना।
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|106- काया पलट जाना।
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अर्थ - बदल कर दूसरा ही रूप हो जाना।
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|107- काल कवलित होना।
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अर्थ - मर जाना।
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|108- काल के गाल में जाना।
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अर्थ - मर जाना।
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|109- काला नाग।
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अर्थ - खोटा या घातक व्यक्ति ।
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|110- काला मुँह करना।
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अर्थ - बदनामी करना, नाम खराब करना।
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|111- काले कोसों।
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अर्थ - बहुत दूर।
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|112- क़िताबी कीड़ा होना।
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अर्थ - केवल पढ़ने में ही लगे रहना।
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|113- किरकिरी हो जाना।
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अर्थ - विघ्न पड़ना।
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|114- किस दर्द या मर्ज़ की दवा।
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अर्थ - किसी भी काम का न होना।
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|115- किस्मत फूटना।
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अर्थ - बुरे दिन आना।
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|116- कीचड़ उछालना।
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अर्थ - निंदा करना।
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|117- कुआँ खोदना।
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अर्थ - किसी को हानि पहुँचाने की कोशिश करना।
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|118- कुएँ में गिरना।
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अर्थ - विपत्ति में पड़ जाना।
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|119- कुएँ में भाँग पड़ना।
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अर्थ - सबकी बुद्धि मारी जाना।
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|120- कुछ उठा न रखना।
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अर्थ - कोई कसर या कमी न छोड़ना।
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|121- कुत्ते की दुम।
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अर्थ - जैसा है वैसा ही रहना, बदलाव ना आना।
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|122- कुत्ते की मौत मरना।
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अर्थ - बुरी तरह मरना।
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|123- कूच कर जाना।
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अर्थ - चले जाना।
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|124- कूप मंडूक होना।
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अर्थ - सीमित ज्ञान या अनुभव वाला होना।
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|125- कोई दम भर का मेहमान होना।
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अर्थ - मरने के क़रीब होना।
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|126- कोढ़ में खाज होना।
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अर्थ - दु:ख में और दु:ख होना।
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|127- कोर दबना।
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अर्थ - दबाव में होना।
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|128- कोल्हू का बैल।
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अर्थ - दिन रात काम में लगे रहने वाला।
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|129- कौए उड़ाना।
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अर्थ - घटिया या छोटे काम करना।
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|130- कौड़ी-कौड़ी पर जान देना।
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अर्थ - कंजूस होना।
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|131- कंधे से कंधा छिलना।
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अर्थ - भारी भीड़ का होना, मेलों में यात्रियों का कंधे से कंधे छिलता है।
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|132- ककड़ी-खीरा समझना।
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अर्थ - किसी व्यक्ति को नगण्य या तुच्छ समझना।
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|133- कच्चा चिट्ठा खोलना।
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अर्थ - सबके सामने सब भेद खोल देना।
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