धारणमातृका कला
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जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। सुनी हुई बातों का स्मरण रखना, किसी की कही हुई बातों का ध्यान रखने की कला।
जयमंगल के मतानुसार चौंसठ कलाओं में से यह एक कला है। सुनी हुई बातों का स्मरण रखना, किसी की कही हुई बातों का ध्यान रखने की कला।