चण्डी प्रसाद भट्ट

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चण्डी प्रसाद भट्ट का (जन्म 23 जून 1934 गोपेश्वर, उत्तराखण्ड) गाँधीवादी पर्यावरण और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। चण्डी प्रसाद भट्ट सन 1964 में गोपेश्वर में 'दशोली ग्राम स्वराज्य संघ' की स्थापना की जो कालान्तर में चिपको आंदोलन की मातृ-संस्था बनी और बाद में चण्डी प्रसाद भट्ट को इस कार्य के लिए सन 1982 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

जीवन परिचय

चण्डी प्रसाद भट्ट का जन्म 23 जून 1934 में हुआ था। वह भारत के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् व 'चिपको आन्दोलन' (उत्तर प्रदेश के पर्वतीय वन क्षेत्रों में) के प्रणेता थे। चण्डी प्रसाद भट्ट गंगा राम भट्ट और महेशी देवी के दूसरे पुत्र थे। चण्डी प्रसाद भट्ट ने रूस, अमेरिका, जर्मनी, जापान, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, फ्रांस, मैक्सिको, थाईलैंड, स्पेन, चीन आदि देशों की यात्राएँ भी की हैं, उन्होंने सैकड़ों राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और अनेक समितियों, आयोगों में अपने व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव का लाभ-प्रदान किया है।

पुरस्कार

चण्डी प्रसाद भट्ट को भारत सरकार द्वारा सन 2005 में पद्म भूषण, 1983 में पद्म श्री, 1982 में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार और 1991 में इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित किया था।



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