कांहूँ के भरोसो हीरा लाल मणि मोतियाँ को,
कांहूँ के भरोसो बल जोर है जवानी को।
कांहूँ के भरोसो भाई मित्र सगा पुत्रन को,
कांहूँ के भरोसो धाम वाम सुख दानी को।
कांहूँ के भरोसो जप तप व्रत नेम हूँ को,
कांहूँ के भरोसो जोग सुरता सायानी को।
कांहूँ के भरोसो जंत्र तंत्र -मंत्र विद्या हूँ को,
शिवदीन के भरोसो एक संत गुरु ज्ञानी को।